अशिता धवन ने टीवी इंडस्ट्री की चुनौतियों पर की बात, कहा- भीख मांगनी पड़ती है.

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Ashita Dhawan Revealed TV Industry Reality: ये वो एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने उतार-चढ़ाव को आंखों से देखे हैं. उन्होंने बयां किया कि कैसे आज पिद्दी-सी गाड़ी खरीदने की औकात नहीं रही और भीख मांगने जैसी नौबत आ गई है.

TV की हीरोइन ने उगला कड़वा सच, हुई फटीचर हालत, आ रखी भीख की नौबत

टीवी इंडस्ट्री के स्ट्रगल के बारे में एक्ट्रेस ने बात की है.

हाइलाइट्स

  • अशिता धवन ने टीवी इंडस्ट्री की सच्चाई बताई.
  • बजट की कमी से एक्टर्स को भीख मांगनी पड़ रही है.
  • दिन-रात काम के बाद भी ऑल्टो कार नहीं खरीद सकते.

नई दिल्ली. पर्दे की चमचमाती दुनिया के पीछे कितना अंधेरा रहता है, इस बात का खुलासा कई बार सितारें कर चुके हैं. कुछ सितारों की कहानी एक सी रही तो किसी की कहानी में दर्द, परेशानी और बेबसी सब दिखाई दी. 44 साल की एक हसीना ने भी कड़वा सच उगला है. उन्होंने बताया कि कैसे टीवी दुनिया में अब एक्टर्स को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहे हैं. ये वो एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने उतार-चढ़ाव को आंखों से देखे हैं. उन्होंने बयां किया कि कैसे आज पिद्दी-सी गाड़ी खरीदने की औकात नहीं रही और भीख मांगने जैसी नौबत आ गई है.

ये एक्ट्रेस और कोई नहीं अशिता धवन हैं. जिन्होंने ‘सपना बाबुल का…’, ‘बिदाई’, ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’, ‘इमली’, ‘कृष्णा मोहिनी’, और ‘मेरा बालम थानेदार’ जैसे शो का हिस्सा रही हैं. इन दिनों वो टीवी सीरियल ‘प्रेम लीला’ में नजर आ रही हैं. 20 सालों से इंडस्ट्री में एक्टिव अशिता ने हाल ही में टीवी इंडस्ट्री के उस उतार-चढ़ाव के बारे में बात की, जो उन्होंने खुद देखे हैं.

पॉजिटिव बदलाव हुआ, लेकिन सब कुछ बेहतर नहीं हुआ
indiaforums के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने वो समय को याद किया जब सितारों के काम के घंटे तय नहीं होते थे. अशिता ने कहा, ‘तब हम बिना रुके लगातार काम करते रहते थे. हम घर भी नहीं जाते थे! लेकिन अब चीजें बदल गई हैं. अब टाइम टेबल होता है और हमें अपने और अपने परिवार के लिए समय मिलता है. यह एक बहुत ही पॉजिटिव बदलाव है. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, सब कुछ बेहतर नहीं हुआ है. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती एक सही स्क्रिप्ट बैंक की कमी है. ‘क्योंकि स्क्रिप्ट को मंजूरी मिलने में समय लगता है, इसलिए अक्सर क्रिएटिविटी प्रभावित होती है. अगर मंजूरी जल्दी मिल जाती है तो हम कंटेंट को बेहतर तरीके से ला सकते थे.’



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