Updated: Mon, 13 Oct 2025 03:17 AM (IST) इस लेख में बदलती जीवनशैली के कारण कम उम्र में होने वाली गठिया (अर्थराइटिस) बीमारी के बारे में बताया गया है। पाठकों के प्रश्नों के माध्यम से गठिया के लक्षण, कारण, बचाव और उपचार पर प्रकाश डाला गया है। विशेषज्ञों ने गठिया से बचने के लिए नियमित व्यायाम, सही खान-पान और समय पर इलाज कराने की सलाह दी है। युवाओं में गठिया के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय। जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बदलती जीवनशैली के कारण बीमारियां लोगों को जकड़ रही हैं। पहले जो बीमारियां वृद्धावस्था में होती थीं अब वह बहुत कम उम्र में होने लगी हैं। लोगों ने फिजिकल एक्टिविटी पूरी तरह से बंद कर दी हैं। बाहर का खाना अधिक खा रहे हैं। इनमें से एक मुख्य बीमारी गठिया (अर्थराइटिस) है। जो बुजुर्गों के साथ ही युवाओं में भी बढ़ी है। अगर सावधानी बरती जाए तो इससे आसानी से बचा जा सकता है। इस बीमारी को अगर नजर अंदाज किया तो इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें प्रश्न : मेरा नाम तपेस मुखर्जी है। मेरी पत्नी आरती मुखर्जी, जिनकी उम्र करीब 55 वर्ष है। उन्हें बीते पांच से छह माह से घुटने में दर्द रहता है। विटामिन बी-12 की टेबलेट खा रही हैं, लेकिन खर्चा बहुत ज्यादा आ रहा है। -तपेस मुखर्जी, नोएडाजवाब- इसके लिए एक्स-रे के साथ-साथ खून की कुछ जांच करानी होंगी। इससे पता चल जाएगा कि घुटनों में किस तरह की समस्या है या फिर यह मांसपेशियों का समस्या है। यह देखने के बाद ही इलाज कराएं। इसके लिए क्लिनिक आकर दिखा सकते हैं। प्रश्न : मेरी उम्र 72 साल है। मैंने दोनों घुटनों का आपरेशन दो माह पहले कराया था। इसके बाद घुटनों में बहुत ज्यादा दर्द रहता है और किडनी कि परेशानी के चलते में दवाएं भी नहीं खा सकता हूं, अब मुझे इस स्थिति में क्या करना चाहिए। -अजीत वर्मा, राजनगर एक्सटेंशन, गाजियाबाद जवाब – आपको लगातार व्यायाम करते रहे और जो दवाएं दी गई हैं उनको समय अनुसार लेते रहे। समय के साथ-साथ जकड़न और दर्द ठीक हो जाएगी। अगर आपको इससे आराम नहीं मिलता हैं तब आपको क्लिनिक में आकर खून कि जांच और एक्स-रे करा कर डाक्टर को दिखाना चाहिए। प्रश्न : मेरी उम्र 55 साल है, पिछले एक साल से मेरे घुटनों में दर्द है। चलने से घुटनों में सूजन आ जाती है। इसके अलावा घुटनों से आवाज आती है।-अजीत शर्मा, सेक्टर-63 नोएडाजवाब- ऐसा तब होता है जब शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है या फिर घुटनों के बीच में अंतर आ जाता है। इसके लिए आपको एक एक्स-रे कराना चाहिए और क्लिनिक आकर दिखाना होगा। इसके लिए इलाज के साथ व्यायाम भी करना जरूरी है। रोजाना शरीर की क्षमता के अनुसार व्यायाम करते रहें। प्रश्न : मेरी उम्र 71 वर्ष है। पैदल चलने पर पैरों में दर्द होता है। ऐसा पिछले बीते कई वर्ष से हो रहा है। लेकिन बीते कुछ महीने से दर्द अधिक हो रहा है। मैंने आयुर्वेद दवाएं लीं, लेकिन उनसे मुझे कोई आराम नहीं मिला। मुझे आपरेशन नहीं कराना। -महेंद्र सिंह, दिल्ली जवाब-सबसे पहले आपको पैरों का एक्स-रे कराना होगा। आपकी गठिया (अर्थराइटिस) कि स्थिति अनुसार आपका इलाज जरूरी है। आगर इसकी स्टेज चार होगी तब आपको आपरेशन कराना होगा, उसका कोई विकल्प नहीं है। इसके बाद भी आपको व्यायाम के साथ-साथ पौष्टिक खाने पर ध्यान देना होगा। प्रश्न : मेरी उम्र 55 है। मुझे दोनों घुटने बदलवाने है और मुझे पिछले आठ साल से चलने में दिक्कत आ रही है। -आनंद शुक्ला, ग्रेटर नोएडाजवाब- आपके टेस्ट देखने में घुटनों कि स्थिति देखने के बाद ही निश्चित होगा आपरेशन होगा या नहीं। अब आपरेशन के दो विकल्प उपलब्ध है। एक तो रोबोट से दूसरा बिना रोबोट से। अगर आपकी मांस पेशिया कमजोर है तब आपके लिए आपरेशन जरूरी नहीं हैं। प्रश्न : मेरी उम्र 61 वर्ष है। दो-तीन वर्ष पहले मेरे घुटनों में दर्द होता था। इसके बाद मैंने डाक्टर को दिखाया तो पता चला कि मेरे घुटनों में गिरीश खत्म हो गई है। इंजेक्शन लगवाने पर दो माह फिर से दर्द शुरू हो गया। अब मुझे क्या करना चाहिए। -अमृता सिंह, इंदिरापुरम जवाब- आपको घुटनों का गठिया है। जल्द से जल्द डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए। आपके ये लक्षण अर्थराइटिस स्टेज चार के हैं। इसमें आपरेशन ही एक मात्र उपाय होता है। प्रश्न : मेरी उम्र 70 वर्ष है। मुझे पिछले एक साल से पैदल चलने में परेशानी होती है। इसके बाद चलने से पैरों में सूजन आ जाती है। पिछले पांच महीनों से खड़े होने में भी दिक्कत होती है। दर्द कि दवाई लेकर चलती हूं। जब तक दवाई का असर होता है। तब तक ठीक रहता है। असर खत्म होने के बाद वैसी ही स्थिति हो जाती है।-प्रेमपाल, नोएडा सेक्टर-एक जवाब-सबसे पहले डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए। खून कि जांच के साथ एक्स-रे कराना होगा। हो सकता है अभी गठिया का दूसरी या तीसरी स्टेज हो तो आपरेशन कि आवश्यकता नहीं होगी। अगर आप लापरवाही करोगी। तो कुछ दिन बाद तब ये चौथी स्टेज में पहुंच गया। इससे पहले जरूर दिखा लें। प्रश्न : एक बार बैठने के बाद फिर से उठने में काफी दिक्कत आती है। यह स्थिति करीब दो वर्ष से बनी हुई है। दवा खाने के बाद भी स्थायी राहत नहीं मिल रही है। -सतेंद्र, नई दिल्लीजवाब- आपकी मांस पेशियां कमजोर हो गई है। साथ ही आपको खून की जांच करानी चाहिए। घुटनों का एक्स-रे कराना भी जरूरी है। आपको प्रतिदिन व्यायाम करना भी चाहिए। डाक्टर के परामर्श के बाद कैल्शियम कि दवाई आपके लिए उपयोगी है। प्रश्न : मेरी आयु 47 वर्ष है। मुझे सीढ़ी चढ़ने और उतरने में दर्द होता है और घुटनों से आवाज आती है। दवा का असर रहने तक फायदा रहता है इसके बाद फिर से समस्या शुरू हो जाती है। -सुमन शर्मा, प्रताप विहारजवाब-इतनी कम उम्र में घुटनों से आवाज आने का कारण बिगड़ती जीवन शैली और बाहर का खाने का अधिक सेवन करना और कसरत नहीं करना। साथ ही वजन ज्यादा होना भी एक कारण हो सकता है। आपको खान-पान के साथ अपने वजन को कम करने का प्रयास करना चाहिए। आपको अपने खाने में सलाद को शामिल करने के साथ ही कैल्शियम देने वाले पर्दाथों को भी शामिल करना चाहिए। प्रश्न : मेरी उम्र 71 वर्ष है। मुझे बैठकर उठने में पिछले दो-तीन वर्षों से दिक्कत आ रही है। डाक्टर को दिखाया तो मुझे दवाई और तेल दिए गये जिनका प्रयोग में पिछले चार महीने से कर रहा हूंं, लेकिन मुझे कोई आराम नहीं मिल रहा है। -जैनेंद्र सिंह, बृज विहार जवाब-आपके घुटने कि कार्टिलेज घिस गया है। इसका उपचार आपको जल्द से जल्द कराना चाहिए। इसके उपचार के बाद आपको विशेष रूप से व्यायाम और खान-पान पर ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रश्न : मेरी उम्र 51 वर्ष है। मुझे दो माह से पैरों के घुटने में दर्द हो रहा है और पैदल चलने में काफी दिक्कत हो रही है। इसका क्या उपाय है।-संदीप, नोएडा सेक्टर-18 जवाब : आपका यूरिक एसिड बढ़ गया है। आप एक बार अपने खून की जांच करा लें। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि आपके यूरिक एसिड की क्या स्थिति है। तभी पता चलेगा कि यूरिक एसिड कम है या ज्यादा। इसकी रिपोर्ट दिखाकर डाक्टर से सलाह लेकर दवा ले सकते है। एक स्वस्थ व्यक्ति में यूरिक एसिड की नार्मल रेंज 3.4 से 7.0 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होती है। प्रश्न : मेरी उम्र 73 वर्ष है। मुझे दोनों घुटने में दर्द होता है। छह वर्ष से घुटनों में दर्द हो रहा है और कहीं आने-जाने में जल्दी से थकावट हो जाती है। इसके लिए मैं क्या करूं। -मलखान सिंह, वैशाली गाजियाबादजवाब : एक बार आप अपने दोनों घुटनों का एक्स-रे करा लें। इसके बाद पता चलेगा कि घुटनों के बीच कितना गैप आ गया है। इसी के बाद आपका इलाज शुरू हो सकेगा। यदि अर्थराइटिस की चौथी स्टेज होगी तो आपके घुटनों को रिप्लेस करना पड़ेगा। प्रश्न : मेरी उम्र 65 वर्ष है। मुझे घुटने में तीन साल से दर्द हो रहा है और एक बार अस्पताल में एक्स-रे कराने बाद से पता चला है कि घुटने की नस मोटी हो गई है। डाक्टर ने जो दवाएं लिखीं थी उन्हें नियमित खा रही हूं, लेकिन दर्द में कोई आराम नहीं मिल रहा है। इसके लिए मुझे क्या करना होगा।-संतोष देवी, सुपरटेक आइकन, इंदिरापुरम जवाब : आप एक बार फिर से अपने घुटनों का एक्स रे करा लें। अब नस की क्या स्थिति है उसके बारे में पता चल जाएगा। इसके बाद सर्जरी के माध्यम से आप के घुटनों का इलाज किया जा सकता है। क्लिनिक आकर भी दिखा सकते हैं। प्रश्न : मेरी उम्र 61 साल है। मुझे घुटने में काफी दिनों से दर्द हो रहा है। घुटने की सर्जरी कराने में कितना खर्च आएगा। इसके लिए आपकी क्या सलाह है।-पुष्पा, सूरजपुर ग्रेटर नोएडा जवाब : इसकी दो प्रकार की सर्जरी होती है। रोबोटिक और नान रोबोटिक। अगर आप रोबोटिक सर्जरी कराना चाहती तो इसका खर्च पांच लाख रुपये से अधिक हो सकता है। नान रोबोटिक सर्जरी करना चाहती हैं तो इसका खर्च करीब साढ़े चार लाख रुपये के आसपास होगा। प्रश्न : मेरी उम्र 73 साल है। मुझे कई सालों से पैरों में दर्द है। जब एक्स-रे कराया तो पता चला कि बाएं पैर के घुटने में दिक्कत आई। मैंने बाएं पैर के घुटने में इंजेक्शन लगवाए थे। इससे तीन महीने तक मुझे आराम मिला। इसके बाद फिर से घुटनों में दर्द होने लगा था। इसके बाद मैंने फिर से इजेक्शन लगवाए थे। इसका असर केवल एक महीने तक ही रहा और दर्द फिर से शुरू हो गया। इसके अलावा मेरे बाएं पैर की सूजन भी कम नहीं हो रही है।-रीना, खोड़ा जवाब : आप वर्तमान समय में पैदल कितना चल पाती है। यदि आपको दस कदम भी चलने में बहुत दिक्कत होती है तो आपके दोनों घुटनों की स्थिति सही नहीं है। आप अर्थराइटिस से पीड़ित हैं और यह अब चौथी स्टेज पर पहुंच चुकी है। इसका इलाज सिर्फ घुटनों का रिप्लेसमेंट ही है। एक बार परामर्श ले लिजिए, तो आप की सभी कन्फ्यूजन दूर हो जाएगा। प्रश्न : मेरी मां की उम्र 70 साल से अधिक है। मेरी मां के दोनों घुटनों में बहुत दर्द होता है। डाक्टर को दिखाया तो उसने बताया कि घुटनों का रिप्लेसमेंट कराना होगा। क्या दोनों घुटनों का एक साथ रिप्लेसमेंट कराना ठीक रहेगा।-मनोज यादव, ग्रेटर नोएडा जवाब : एक साथ दोनों घुटनों का रिप्लेसमेंट कराया जा सकता है। उसे किसी प्रकार की बीमारी नहीं होनी चाहिए। यदि उसे ब्लड शुगर है तो जब शुगर नार्मल हो तभी आपरेशन किया जा सकता है। क्लिनिक में आकर परामर्श लें। प्रश्न : मेरे पैरों में दर्द रहता है। क्या यह गठिया का दर्द है और गठिया के कितने प्रकार के होते हैं? उमेश रावत, इंदिरापुरम ।उत्तर : आस्टियो आर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटस व गाउट है। ठंड में गठिया के मरीजों की दिक्कत बढ़ जाती है। ऐसे में शरीर को ठंड से बचाकर रखें। मरीज दवा नियमित रूप से लें। नीम-हकीम के बजाए विशेषज्ञों को दिखाएं। अधिक दिन तक बीमारी को नजर अंदाज करने पर घुटने खराब हो जाते हैं। समय से पहले नी-रिप्लेसमेंट कराना पड़ता है। गठिया अधिक गंभीर होने पर दिव्यांगता का शिकार भी बना सकती है। गठिया अब बड़ी उम्र के लोगों की नहीं, बल्कि युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। वहीं आटो इम्यून से जुड़ी 40 बीमारियां हैं, जो गठिया पनपने का कारण बनती हैं। गठिया से व्यक्ति के सिर्फ जोड़ ही खराब नहीं होते, बल्कि समस्या को नजरंदाज करने पर किडनी, फेफड़ाें व हृदय को भी यह नुकसान पहुंचाता है। समय पर बीमारी का इलाज ही इसका एकमात्र विकल्प है। प्रश्न : गठिया में रोबोटिक उपचार के क्या लाभ हैं? महेश, वैशाली सेक्टर-पांच उत्तर : रोबोटिक उपचार में रक्तस्राव कम होता है। जटिल सर्जरी में यह सर्जरी अति आवश्यक है। इससे हड्डी सटीक जुड़ती है। तकनीक के विकासक्रम में अब घुटने का प्रत्यारोपण रोबोट द्वारा भी किया जाता है। गठिया के ऐसे उपचार उपलब्ध हैं जो आपके लक्षणों को नियंत्रित करने और आपके जोड़ों को होने वाली क्षति को रोकने में मदद करते हैं। उपचार के लिए यह निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का गठिया है। आपके कौन से। जोड़ इससे प्रभावित हैं। गठिया के दर्द को न करें नजर अंदाजगठिया अब अधिक उम्र के लोगों की नहीं, बल्कि युवाओं को भी अपनी जकड़ में ले रहा है। वहीं आटो इम्यून से जुड़ी 40 बीमारियां हैं, जो गठिया पनपने का कारण बनती हैं। गठिया से व्यक्ति के सिर्फ जोड़ ही खराब नहीं होते, बल्कि समस्या को नजरंदाज करने पर किडनी, फेफड़ाें व हृदय को भी यह नुकसान पहुंचाता है। समय पर बीमारी का इलाज ही इसका एकमात्र विकल्प है। ये होते हैं गठिया के प्रकारआस्टियो आर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटस व गाउट है। ठंड में गठिया के मरीजों की दिक्कत बढ़ जाती है। ऐसे में शरीर को ठंड से बचाकर रखें। मरीज दवा नियमित रूप से लें। नीम-हकीम के बजाए विशेषज्ञों को दिखाएं। अधिक दिन तक बीमारी को नजर अंदाज करने पर घुटने खराब हो जाते हैं। लिहाजा, समय से पहले नी-रिप्लेसमेंट कराना पड़ता है। गठिया अधिक गंभीर होने पर दिव्यांगता का शिकार भी बना सकती है। गठिया में रोबोटिक उपचार के लाभरोबोटिक उपचार में रक्तस्राव कम होता है। जटिल सर्जरी में यह सर्जरी अति आवश्यक है। इससे हड्डी सटीक जुड़ती है। तकनीक के विकासक्रम में अब घुटना प्रतिरोपण रोबोट द्वारा भी किया जाता है। गठिया के ऐसे उपचार उपलब्ध हैं जो आपके लक्षणों को नियंत्रित करने और आपके जोड़ों को होने वाली क्षति को रोकने में मदद करते हैं। उपचार के लिए यह निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का गठिया है। आपके कौन से जोड़ इससे प्रभावित हैं। इसका इलाज दवाइयों के अलावा शल्य चिकित्सा से भी संभव है। ये हैं गठिया होने के प्रमुख कारण :शारीरिक कार्य न करनासूर्य की रोशनी से दूर रहनावाहनों का अत्यधिक प्रयोगफास्ट फूड का अत्यधिक सेवनशरीर में विटामिन व मिनरल्स की कमीमोटापे की समस्याबढ़ती उम्रअनुवांशिक गठियामोटापा या अधिक वजन होनाधूम्रपानहड्डी के जोड़ में चोट गठिया के लक्षणबैठने-उठने में दर्द महसूस होनासीढिय़ां उतरने-चढऩे में दिक्कत होनाघुटने में दर्द व सूजन होनापैर में तिरछापन व अकडऩ होना ऐसे करें बचावनियमित व्यायाम अवश्य करें।सुबह की धूप नियमित लें।विटामिन बी 12 और विटामिन सी, ई व कैल्शियम जांच कराते रहें।फल, सब्जियों को अच्छी तरह धोकर प्रयोग करें।
कम उम्र में गठिया का सबसे बड़ा कारण बदलती जीवनशैली, युवाओं में इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय – arthri
