क्या सऊदी अरब दे पाएगा पाकिस्तान को सुरक्षा? जानिए कौन-कौन से हथियार हैं उसके पास

सऊदी अरब मध्य पूर्व का एक शक्तिशाली देश है, जो तेल से होने वाली आय के कारण अपनी सेना को आधुनिक हथियारों से लैस रखता है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (GFP) 2025 के अनुसार, सऊदी अरब की सैन्य शक्ति दुनिया में 24वें स्थान पर है। हम सऊदी की कुल सैन्य शक्ति, उसकी हथियारों की सूची और पाकिस्तान के साथ सहयोग पर बात करेंगे। हम देखेंगे कि क्या सऊदी अरब पाकिस्तान के लिए तुर्की जितना ही उपयोगी हो सकता है।
सऊदी अरब की सैन्य शक्ति ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (GFP) 2025, सैनिकों की संख्या, हथियारों, वित्तीय स्थिति, भूगोल और रसद जैसे 60 से अधिक कारकों के आधार पर 145 देशों की सैन्य शक्ति का आकलन करता है। सऊदी अरब का पावर इंडेक्स (PwrIndx) स्कोर 0.4201 (कम, अधिक शक्ति) है। सऊदी का सक्रिय सैन्य बजट दुनिया के शीर्ष 5 देशों में है, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 9% है। आइए प्रमुख आँकड़े देखें…
थल सेना: 2 लाख सक्रिय सैनिक टैंक: 1055 (315 M1A2 अब्राम, 450 M60A3, 290 AMX-30)।
बख्तरबंद वाहन: 8200+ (400 M2 ब्रैडली IFV, 3000+ M113 APC, 570+ AMX-10P)।
तोपखाना: 1100+ (110 स्व-चालित, 200+ टोंड, 60 बहु-रॉकेट लांचर)।
टैंक रोधी मिसाइलें: 2000+
मोर्टार: 400
वायु सेना (रॉयल सऊदी वायु सेना): 1000+ विमान
लड़ाकू विमान: 300+ (81 F-15SA, 72 यूरोफाइटर टाइफून, 81 टॉरनेडो IDS)।
हमलावर हेलीकॉप्टर: 12 (अपाचे AH-64)।
परिवहन हेलीकॉप्टर: 50+
वायु रक्षा: 1000+ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (पैट्रियट, THAAD प्रणाली)।
कुल विमान: 1106 (349 लड़ाकू/इंटरसेप्टर सहित)।
नौसेना (रॉयल सऊदी नौसेना): 34000 सैनिक
फ्रिगेट: 7
कार्वेट: 4
गश्ती पोत: 59
माइन वारफेयर: 3
कुल नौसेना संपत्ति: 90+
रणनीतिक मिसाइल बल: 10 सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें (DF-21 चीनी बैलिस्टिक मिसाइलें)।
वित्तीय स्थिति: सैन्य बजट $75 बिलियन+ (दुनिया का सबसे बड़ा आयातक)। मुख्य आपूर्तिकर्ता: अमेरिका (F-15, पैट्रियट), यूके (टाइफून), फ्रांस (AMX-30), चीन (मिसाइल)।
परमाणु क्षमता: कोई आधिकारिक परमाणु हथियार नहीं, लेकिन पाकिस्तान पर संदेह है। इसे जीएफपी में एक गैर-परमाणु देश माना जाता था।
सऊदी अरब की ताकत आधुनिक हथियार और अमेरिकी समर्थन है, लेकिन संख्या के मामले में यह ईरान (14वें स्थान) से पीछे है। जीएफपी में यह मध्य पूर्व में तीसरा सबसे मजबूत देश है (इज़राइल और ईरान के बाद)।
सऊदी अरब के प्रमुख हथियारों की सूची: शस्त्रागार
सऊदी अरब की सेना दुनिया की सबसे आधुनिक और महंगी सेनाओं में से एक है। 2025 (मई 2025) में 142 अरब डॉलर के अमेरिकी हथियार सौदे के तहत नई आपूर्ति हो रही है। प्रमुख हथियार हैं…
टैंक और बख्तरबंद वाहन: M1A2 अब्राम (अमेरिकी, 315), M60A3 (450), AMX-30 (फ्रांसीसी, 290)। IFV: M2 ब्रैडली (400), AMX-10P (570)। एपीसी: एम113 (3,000+), अल-फ़हद (100, स्वदेशी)।
तोपखाना और मिसाइल: एम109 स्व-चालित तोप (110), एम270 एमएलआरएस (60)। टैंक रोधी: टो मिसाइल (2,000+)। सतह से हवा में मार करने वाली: पैट्रियट पीएसी-3 (अमेरिकी), थाड (न्यू डील में)।
वायु सेना के हथियार: एफ-15एसए स्ट्राइक ईगल (81, अमेरिकी), यूरोफाइटर टाइफून (72, ब्रिटिश-यूरोपीय), टॉरनेडो (81, इतालवी-ब्रिटिश)। ड्रोन: एमक्यू-9बी रीपर (न्यू डील में)। हेलीकॉप्टर: अपाचे एएच-64 (12 आक्रमण), ब्लैक हॉक यूएच-60 (50 परिवहन)।
नौसेना के हथियार: फ्रिगेट: अल-मदीना श्रेणी (4), साव-सिपेक (3)। कार्वेट: अवद (4)। गश्ती नौका: 59. मिसाइल: हार्पून एंटी-शिप।
सामरिक हथियार: DF-21 बैलिस्टिक मिसाइल (चीनी, 10)। छोटे हथियार: M16, AK-47, G3 राइफलें।
नई ख़रीद (2025): F-35 जेट (संभावित), C-130J ट्रांसपोर्ट, MQ-9B ड्रोन, THAAD मिसाइल डिफेंस और C4ISR (कमांड-कंट्रोल सिस्टम) के लिए 142 बिलियन डॉलर के अमेरिकी सौदे। लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, RTX जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।
ये हथियार मुख्य रूप से अमेरिका (70%), यूरोप और चीन से आते हैं। सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है।
सऊदी अरब-पाकिस्तान सैन्य सहयोग: क्या तुर्की भी उतना ही मददगार हो सकता है?
1960 के दशक से ही पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच सैन्य संबंध मज़बूत रहे हैं। सऊदी अरब पाकिस्तान का सबसे करीबी मध्य पूर्वी सहयोगी है। लेकिन तुर्की का सहयोग अलग है – तुर्की ने पाकिस्तान को हथियार (जैसे MILGEM जहाज, T129 हेलीकॉप्टर), संयुक्त उत्पादन (SIPRI) और कश्मीर पर राजनीतिक समर्थन बेचा। तुर्की-पाकिस्तान-सऊदी त्रिपक्षीय रक्षा सहयोग 2023-2024 में शुरू होगा। क्या सऊदी अरब तुर्की जितना मददगार हो सकता है? आइए देखें…
सऊदी-पाकिस्तान सहयोग
इतिहास: 1967 में रक्षा प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर। 1982 में नया समझौता, जिसके तहत सऊदी अरब में पाकिस्तानी सैनिक तैनात किए गए (1980-90 में 15,000-20,000)। यमन युद्ध में पाकिस्तानी सलाहकार (2015)। सितंबर 2025 में ‘रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते’ पर हस्ताक्षर, जो आर्थिक, सैन्य और 
अधिकारी सहयोग बढ़ाएँगे।
हथियार और प्रशिक्षण: सऊदी अरब पाकिस्तानी अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करता है। पाकिस्तान सऊदी अरब को सैन्य सलाहकार और प्रशिक्षण प्रदान करता है। संयुक्त अभ्यास: ‘अल-समसम’ (2015 से)। सऊदी अरब पाकिस्तान को वित्तीय सहायता (5 अरब डॉलर से अधिक का ऋण) देता है, जिससे सैन्य खरीद में मदद मिलती है।
परमाणु संदेह: सऊदी अरब का दावा है कि उसके पास पाकिस्तान से परमाणु हथियार हैं (अफ़वाहें), लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
2023 में रियाद में त्रिपक्षीय बैठक, जहाँ अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संसाधन साझाकरण पर सहमति बनी है। सऊदी अरब पाकिस्तान को सस्ते दामों पर तेल बेचता है, जिससे अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है।
तुर्की-पाकिस्तान सहयोग की तुलना
तुर्की ने पाकिस्तान को आधुनिक हथियार दिए: MILGEM कोर्वेट जहाज़ (4 ऑर्डर), T129 ATAK हेलीकॉप्टर, बायरकटार TB2 ड्रोन।
संयुक्त उत्पाद: सुपर मुश्शाक ट्रेनर।
राजनीतिक: कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र में समर्थन। 2024 में उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता समूह। सऊदी सहयोग वित्तीय और प्रशिक्षण में ज़्यादा है, हथियारों की बिक्री में कम। लेकिन 2025 के समझौते के ज़रिए सऊदी अरब पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष (त्रिपक्षीय) मदद दे सकता है। तुर्की की तरह, सऊदी अरब भी पाकिस्तान को हथियार दे सकता है। अगर ईरान या यमन जैसे ख़तरे बढ़ते हैं।
क्या सऊदी अरब तुर्की जितना मददगार है?
हाँ, लेकिन एक अलग तरीक़े से। तुर्की तकनीकी हस्तांतरण (स्वदेशी हथियार), सऊदी आर्थिक और सैन्य तैनाती प्रदान करता है। सऊदी अरब संयुक्त अनुसंधान एवं विकास जैसे त्रिपक्षीय ढाँचे के ज़रिए पाकिस्तान को ज़्यादा मदद दे सकता है। लेकिन तुर्की जैसा राजनीतिक (कश्मीर) समर्थन कम है। कुल मिलाकर, सऊदी अरब पाकिस्तान का ‘बड़ा भाई’ है, जो ज़रूरत पड़ने पर तुर्की की उतनी ही या उससे भी ज़्यादा मदद कर सकता है।