जेएनएन, नई दिल्ली। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर पर सवार होकर कई लोगों ने खुशहाल जिंदगी की उम्मीदों के साथ सपनों की उड़ान भरी थी, लेकिन यह विमान उनके लिए काल साबित हुआ और पल भर में ही सारे अरमान राख हो गए। कोई अपने जीवनसाथी से मिलने वाला था, कोई बेटे बहू से मिलने वाला था, लेकिन इन लोगों की जिंदगी का दर्दनाक अंत हुआ। इनके परिवारों को इस दुर्घटना ने ऐसा जख्म दिया है जिसका दर्द वे जिंदगी भर महसूस करेंगे। वे अपने स्वजन का अंतिम दर्शन भी नहीं कर सकेंगे। डीएनए से इन पीडि़तों की पहचान होगी।
यह विमान दुर्घटना के बाद अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का बोइंग ड्रीमलाइनर विमान एआइ-171 अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के चंद मिनटों के भीतर ही एक मेडिकल कॉलेज के हास्टल के भवन से टकराते हुए मेस पर जा गिरा। इससे इस मेडिकल कालेज के भी कई छात्रों की भी मौत हो गई। पहले से ही डाक्टरों की कमी से जूझते इस देश में ये प्रतिभावान छात्र लोगों की सेवा करने वाले थे, लेकिन नियति ने ऐसा होने नहीं दिया। दिवंगत पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी की, लेकिन बच्चियां हुईं अनाथ भारतवंशी लंदन निवासी अर्जुन पटोलिया अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए भारत आए थे। उन्होंने दिवंगत पत्नी की अस्थियों को गुजरात में नर्मदा नदी में प्रवाहित कर पति का धर्म निभाया, लेकिन अपनी बच्चियों के पास वापस लंदन नहीं लौट सके।विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। उनकी बेटियों की उम्र चार और छह साल है। अर्जुन की पत्नी भारतीबेन की एक सप्ताह पहले ही लंदन में मृत्यु हो गई थी। अर्जुन पत्नी की अस्थियों को नर्मदा में विसर्जित करने के लिए अमरेली जिले के अपने पैतृक गांव वडिया लौटे थे। उनकी पत्नी की लंदन में एक सप्ताह पहले ही मृत्यु हो गई थी। भारतीबेन ने मरने से पहले अपने पति से कहा था कि वे उनकी अस्थियों को अपनी मातृभूमि पर ले जाएं। पति से मिलने लंदन जा रही खुशबू की खुशी गम में बदल गई राजस्थान के बालोतरा की खुशबू राजपूरोहित पहली बार गांव से निकलकर पति से मिलने लंदन के सफर पर निकली थीं, लेकिन हमसफर से मिलने के लिए लंदन का सफर जिंदगी का अंतिम सफर साबित हुआ। वह विवाह के बाद वीजा प्रक्रिया पूरी करने के बाद पति के पास जा रही थीं। खुशबू का विवाह जनवरी 2025 में लंदन में बसे डॉ. विपुल सिंह राजपूरोहित के साथ हुआ था। बेटी पहली बार विदेश जा रही थी इसलिए परिवार के लोग अहमदाबाद एयरपोर्ट विदा करने पहुंचे।
पिता महेंद्र सिंह बेटी को गले लगाते विदा करते फोटो का व्हाट्सअप स्टेटस लगाया, लेकिन कुछ ही पलों में विमान क्रैश होने की खबर मिली। परिवार देर रात तक सिविल अस् ताल पर रुककर बेटी के शव देखने की जिद करते रहे। पिता ने अपना डीएनए सेंपल दिया है लेकिन पुत्री के डीएनए से मिलान करने में अभी दो दिन का समय लग सकता है।खुशबू की ही तरह जयश्री शांतिलाल पटेल भी शादी के बाद पहली बार लंदन पति के पास जा रही थीं। वह भी इस दुर्घटना की शिकार बनीं। उनकी शादी इसी साल जनवरी में हुई थी। उनके भाई जयकीत पटेल उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने आए थे। भाई-बहनों ने इस पल को यादगार बनाने के लिए तस्वीर ली थी। दुर्घटना से ठीक दो घंटे पहले, जयकीत ने सोशल मीडिया पर अपनी बहन को टैग करते हुए तस्वीर पोस्ट की थी और लिखा था: ”मेरी प्यारी बहन, सुखद यात्रा।” इसके कुछ ही देर बाद विमान दुर्घटना की खबर मिली। मेडिकल कॉलेज के बाहर मां के सामने जिंदा जल गया बेटा विमान दुर्घटना के बाद मेडिकल कालेज के बाहर फुटपाथ पर 15 वर्षीय आकाश सुरेश पाटनी अपनी मां के सामने जिंदा जल गया। उसकी मां सीताबेन पाटनी भी गंभीर रूप से जल गई हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सीताबेन बेटे के साथ बीजे मेडिकल कालेज हास्टल के बाहर फुटपाथ पर चाय बेचती थीं।पीड़ित के एक रिश्तेदार ने बताया, मां और बेटा कालेज के बाहर फुटपाथ पर चाय बेच रहे थे। आकाश अपनी मां की मदद कर रहा था तभी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना के बाद धमाका हुआ। वे दोनों इसकी चपेट में आ गए। स्थानीय लोगों ने सीताबेन को बचा लिया और उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वे आकाश को नहीं ढूंढ पाए। आकाश का शव इतना जल गया है कि उसकी पहचान नहीं हो पा रही है। धन-धन करो पर अंत में … गुजरात वक्फ बोर्ड के पूर्व चैयरमेन बदरुद्दीन हालाणी ने गत नौ जून को इंटरनेट मीडिया पर अपनी फोटो के साथ पोस्ट की थी इसमें लिखा था कि जिंदगी भर कितना भी धन धन कर लो पर मरने के बाद शोक पत्रिका में निधन ही लिखा जाएगा। 12 जून को विमान हादसे में उनकी मौत हो गई। मां की सेवा करने आए दंपती का निधन लंदन में पांच वर्ष से रह रहे रोजर डेविड अपनी पत्नी रचना डेविड के साथ मां से मिलने आए थे। मां का आपरेशन होने के बाद कुछ दिन उनके साथ रहकर वे उनकी सेवा करके वापस लौटने के लिए 12 जून को विमान में सवार हुए लेकिन इस हादसे में दोनों की मौत हो गई। गर्भवती जीलन पति के साथ गोद भराई के लिए आई थी अहमदाबाद धोलका के वैभव व डॉ. जीलन पटेल लंदन में रहते थे। डॉ. जीलन सात माह की गर्भवती थीं। इसलिए श्रीमंत याने गोद भराई के लिए आई थी। जीलन भगवान में काफी श्रद्धा रखती थीं। लंदन जाते समय वे अपने साथ लड्डू गोपाल की प्रतिमा लेकर गई थीं। धोलका में उनकी गोद भराई की रस्म के दौरान भी भगवान कृष्ण की झांकी सजाई गई थी।
नौकरी छोड़ पति के साथ जा रही डाक्टर कामिनी का परिवार खत्म राजस्थान के बांसवाड़ा के प्रतीक जोशी उनकी पत्नी डाक्टर कामिनी और तीन बच्चों की इस विमान हादसे में मौत हो गई। डॉ. कामिनी जोशी पेसिफिक हॉस्पिटल से इस्तीफा देकर अपने पति प्रतीक के साथ लंदन में शिफ्ट होने वाली थी, लेकिन हादसे का शिकार हो गईं। बेटे की खुशियों में शामिल होने निकले दंपती की मौत अहमदाबाद के सोमाभाई अपनी पत्नी के साथ लंदन जा रहे थे। उनके बेटे ने लंदन में घर लिया था। 24 जून को वास्तुपूजा में शामिल होने के बाद कुछ दिन बेटे- बहू के साथ बिताकर वे वापस लौटने वाले थे। उनके भाई ने बताया कि वो अपने बेटे की खुशियों में शामिल होने के लिए बहुत अरमान लेकर निकले थे लेकिन उनके हादसे के शिकार बन जाने से परिवार में मातम छा गया। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लंदन जा रहे थे, लेकिन… एएनआई के अनुसार संकेत गोस्वामी, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लंदन जा रहे थे। वह माता पिता का नाम रोशन करना चाहते थे, लेकिन नियति को यह मंजूर न था। सफर शुरू हो ही उनके इस सफर का दर्दनाक अंत हो गया। वह अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे।यह भी पढ़ें: पत्नी की आखिरी इच्छा पूरी करने गुजरात आया था शख्स, अहमदाबाद प्लेन क्रैश में चली गई जान; अनाथ हो गईं दो बेटियां
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