Bihar News बिहार के सरकारी वैद्य यथा आयुर्वेद-आयुष डाक्टर भी अब अंग्रेजी दवाएं लिख रहे हैं। इन चिकित्सकों को सरकारी अस्पतालों के इमरजेंसी और ओपीडी वार्ड में लगाया गया है। ये सामान्य रोगों से ग्रस्त मरीजों को अंग्रेजी दवा लिखते हैं। जबकि मुख्यालय का निर्देश है कि इनसे इमरजेंसी एवं मेडिको लीगल कार्य नहीं लिया जाए। जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar News जिले के सरकारी अस्पताल में एक वर्ष पूर्व आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथिक चिकित्सकों की तैनाती की गई। आयुष चिकित्सकों की तैनाती होने के एक साल बाद भी अस्पतालों में आयुष चिकित्सा पद्धति की दवाई उपलब्ध नहीं कराई गई। इस कारण मरीजों को आयुष चिकित्सीय पद्धति से इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि आयुष चिकित्सक जब मरीजों की पर्ची पर दवा लिखते हैं तो सरकारी अस्पताल में दवा नहीं मिलती है। दवा काउंटर पर मौजूद कर्मी मरीजों से सीधे कहा देते हैं कि अब तक आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति की दवा की आपूर्ति नहीं की जा रही है। आयुष चिकित्सक सीएस के अंदर, उनके पास नहीं है दवा सरकार ने नियुक्त कर आयुष चिकित्सकों को जिले में भेजा। इसमें चालीस प्रतिशत चिकित्सक जिला देशी चिकित्सा पदाधिकारी के अंदर कार्य कर रहे हैं। शेष सीएस के अंदर कार्य कर रहे है। जिले में चिकित्सकों की भारी कमी है। ऐसे में सीएस के अंदर जो चिकित्सक आए उनको सीधे पीएचसी समेत दूसरे अस्पतालों में भेज दिया गया। इन चिकित्सकों से इमरजेंसी और ओपीडी वार्ड में लगाया गया है। ये लोग सामान्य रोग की अंग्रेजी दवा लिखते है। यही बता दें कि मुख्यालय का निर्देश है कि इनसे इमरजेंसी एवं मेडिको लीगल कार्य नहीं लिया जा सकता है। इसके बाद भी ये अस्पताल में कार्य कर रहे है। आयुष मंदिर में उपलब्ध है दवा और डाक्टर जिले में कुल आठ आयुष मंदिर बनाया गया है। पीरपैती में चार, रंगरा, बिहपुर, गौराडीह में एक-एक और जमनी में एक मंदिर का संचालन हो रहा है। इसमें दो जगह यूनानी, एक जगह होमियोपैथिक एवं पांच जगह पर आयुर्वेदिक दवा के साथ चिकित्सक उपलब्ध हैं। इसके अलावा सदर अस्पताल में संचालित जिला देशी चिकित्सालय में दवा और डाक्टर उपलब्ध है। कोरोना के बाद आयुर्वेदिक दवाओं के प्रति बढ़ा आकर्षण कोरोना संक्रमण काल के बाद जिले में आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक एवं यूनानी प्रणाली से इलाज कराने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। जिला देशी चिकित्सालय में रोजाना दो सौ से ज्यादा मरीज इलाज कराने आते हैं। तीन माह प्रशिक्षण, लिखने लगे अंग्रेजी दवाई आयुष चिकित्सकों को अंग्रेजी दवा लिखने के लिए सरकार ने तीन माह का प्रशिक्षण दिया है। जिसमें मरीजों को क्या क्या दवा देनी है। जिससे उनका रोग ठीक हो जाए, इसकी जानकारी दी गयी है। इस प्रशिक्षण के आधार पर ये मरीजों को बीपी, मधुमेह, बुखार समेत छोटी मोटी बीमारी का इलाज करते हैं। आठ आयुष मंदिर में सारी दवा एवं डाक्टर उपलब्ध है। पीएचसी समेत दूसरे अस्पतालों में आयुष चिकित्सक तैनात हैं, लेकिन दवा की आपूर्ति अभी नहीं हुई है। यहां दवा की खरीदारी सीएस कर सकते हैं। इस मामले में हमारे पास कोई अधिकार नहीं है। डा. श्याम नारायण, जिला देशी चिकित्सा पदाधिकारी

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