By TARA CHANDRA GUPTA Edited By: Brijesh Srivastava Updated: Fri, 10 Oct 2025 04:19 PM (IST) प्रयागराज के कुख्यात अपराधी राजा कोलंदर ने 14 लोगों की हत्या कर उनकी खोपड़ियों का सूप पिया था। वह सिर को उबालकर पीता था, क्योंकि उसका मानना था कि इससे दिमाग तेज होता है। पुलिस ने उसके फार्महाउस से 14 नरमुंड बरामद किए थे। उसके गुनाहों की कहानी उसकी लाल डायरी में दर्ज थी। नेटफ्लिक्स ने उस पर एक डाक्यूमेंट्री भी बनाई है। प्रयागराज का सीरियल किलर राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर। जागरण आर्काइव जागरण संवाददाता, प्रयागराज। कुख्यात अपराधी और नरपिशाच राम निरंजन यानी राजा कोलंदर की बेरहमी को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या का खुलासा होने के बाद उसका कृत्य सामने आया था। नरभक्षी ने 14 लोगों की हत्या की इस नरभक्षी ने अलग-अलग क्षेत्र में रहने वाले 14 लोगों का पहले बेहरमी से कत्ल किया था। इसके बाद सभी की खोपड़ी का सूप बनाकर पी गया था। पुलिस ने राजा कोलंदर के फार्म हाउस की जमीन खोदवाई थी, जिसके बाद 14 नरमुंड मिले थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें हत्या के बाद सिर रख शरीर को सुअरों को खिलाता था यह तथ्य सामने आया था कि राजा कोलंदर जिसकी हत्या करता था, उसके सिर को अपने पास रख लेता था। बाकी शरीर का हिस्सा फार्म हाउस में सुअरों के सामने फेंक देता था। सिर से दिमाग वाला हिस्सा अलग करके उसे उबालता और फिर सूप बनाकर पीता था। उसकी सोच यह थी ऐसा करने से दिमाग बढ़ता है। आर्डिनेंस फैक्ट्री में चतुर्थ श्रेणी कर्मी था राजा कोलंदर जानकारों का कहना है कि शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के हिनौती गांव का मूल निवासी राम निरंजन नैनी में छिवकी स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। उसने रामसगरा गांव में मकान बनवाया था। घर के बगल ही उसने फार्महाउस भी बनवाया था। वर्ष 2000 में पत्रकार की हत्या के बाद खुला मामला वर्ष 2000 में राजा कोलंदर तब पूरे देश में सुर्खियों में छाया, जब जब पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में पड़ताल करते हुए पुलिस उस तक पहुंची। राजा कोलंदर ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए अपने साले बछराज निवासी बसहरा शंकरगढ़ को भी गुनहगार बताया था। पुलिस ने राजफाश करते हुए दावा किया था कि जीजा-साले ने मिलकर एक-दो नहीं बल्कि 14 लोगों का बेरहमी से कत्ल किया था। इसके बाद उनकी खोपड़ी का सूप बनाकर पीया था। बर्बरता की कहानी सुन लोग हो गए थे हैरान उसकी बर्बरता की कहानी सुनकर तमाम लोग हैरान रह गए थे। यह भी कहा गया है कि राजा कोलंदर का हुलिया भी देखकर लोग उसे नरपिशाच मानते थे। कुख्यात सीरियल किलर राजा कोलंदर की पत्नी गोमती उर्फ फूलनदेवी जिला पंचायत सदस्य भी रही। साला बच्छराज देता था हर गलत काम में साथ बताया जाता है कि पुलिस ने जब राजा कोलंदर के साले बच्छराज को गिरफ्तार किया था, तब पता चला था कि वह अपने जीजा के हर घिनौने करतूत में साथ देता था। साथ ही जीजा की ओर से की जाने वाली हत्या और फिर सूप बनाने की कहानी को वह छिपाकर रखता था। उस वक्त लोगों के पास इतने संसाधन नहीं थे, जिस कारण फार्म हाउस की तरफ बाद में जाने से भी घबराने लगे थे। लाल डायरी में गुनाहों का रखता था हिसाब यह भी कहा जाता है कि सीरियल किलर राजा कोलंदर अपने गुनाहों को लाल डायरी में लिखता था। पुलिस को फार्म हाउस से एक लाल डायरी मिली थी, जिसने दिल दहला देने वाले राज खोले थे। डायरी में पहला नाम काली प्रसाद श्रीवास्तव का था, जो राजा के साथ काम करता था और वर्ष 1997 में गायब हो गया था। डायरी में हत्या के जिक्र से खुलता गया राज डायरी के आधार पर जब पुलिस ने राजा से पूछताछ की तो उसने कालीप्रसाद के कत्ल की कहानी बताई थी। कहा था कि उसने 50 हजार रुपये उधार लिए थे। उस रकम को कई महीन बाद भी नहीं लौटाया था। राजा ने एक-दो बार उसे पैसा देने के लिए टोका था। इसके बाद उसने काली प्रसाद श्रीवास्तव का सिर धड़ से अलग कर दिया था। फिर सिर को उबालकर सूप बनाया और पी लिया। खुद सूप पीने के साथ अपने साले बच्छराज को भी पिलाया था। …क्योंकि श्रीवास्तव के पास दिमाग बहुत ज्यादा होता है इतना ही नहीं राजा कोलंदर ने काली के दिमाग को खोलकर खाने की बात भी कही थी। ऐसा इसलिए कि श्रीवास्तव के पास दिमाग बहुत ज्यादा होता है। उसके दिमाग को खाने ने उसका भी दिमाग तेज हो जाएगा। नेटफ्लिक्स ने बनाई है राजा कोलंदर पर डाक्यूमेंट्री नरपिशाच कहे जाने वाले कोलंदर पर नेटफ्लिक्स ने एक डाक्यूमेंट्री बनाई है। इस डाक्यूमेंट्री का नाम ‘इंडियन प्रेडेटर: डायरी ऑफ ए सीरियल किलर’ है। इसके तीन एपिसोड हैं, जिसमें राजा कोलंदर की दरिंदगी से लेकर दूसरे तथ्यों को बताया गया है। डाक्यूमेंट्री में सीरियल किलर राजा कोलंदर, जिसने अपराध की खौफनाक दुनिया से पर्दा उठाकर पूरे देश को दहशत में डाल दिया था। वह बतलाई गई है। वर्ष 2022 में रिलीज हुई डाक्यूमेंट्री को देखने के बाद खून से सनी इस खौफनाक कहानी में एक-एक कर जुर्म की परतें खुलते हुए लोगों देखी। इस डाक्यूमेंट्री में नैनी सेंट्रल जेल के पूर्व वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने भी वाकया बताया है। ‘अदालत’ और ‘जमानत’ रखा बेटे का नाम जानकारों का कहना है कि राम निरंजन बहुत ही महत्वाकांक्षी था। उसका शंकरगढ़ उसके आसपास रहने वाले कुछ ‘बागियों’ से भी संबंध थे। जब भी वह नैनी से गांव जाता था तो अधिकांश लोग उसके सामने सिर झुका लेते थे। ऐसा देखते-देखते वह खुद को राजा समझने लगा और फिर बाद में अपने नाम के आगे ‘राजा’ लगाने लगा। जब लोग उसे राजा राम निरंजन पुकारने लगे तो वह खुद को गर्वान्वित मानने लगा। इसके बाद अपना नाम राजा कोलंदर बताने लगा। दो दशक पहले उसकी कारस्तानियां उजागर हुईं तो पुलिस और कचहरी का चक्कर लगाना पड़ा। इसी बीच राजा कोलंदर ने अपने बड़े बेटे का नाम अदालत और छोटे बेटे का नाम जमानत रखा। पत्नी गोतती का नाम बदलकर रख दिया फूलनदेवी इतना ही नहीं, पत्नी गोमती का नाम भी बदलकर फूलनदेवी कर दिया था। अपनी बेटी का नाम ‘सुंदर’ रखा था। राजा कोलंदर के बेटे और उनका परिवार नैनी में रहता है। बताया गया है कि उसका बड़ा बेटा अदालत एक स्कूल में शिक्षक है। जबकि छोटा बेटा जमानत प्रावइेट काम करता है। बेटी सुंदर की शादी हो चुकी है और वह अपने ससुराल में परिवार के साथ रहती है। नैनी वाले घर में राजा कोलंदर की सास रहती है।