वे कौन सी 3 गलतियां हैं, जिससे बम की तरह फट जाते हैं AC-फ्रिज? पारा बढ़ने से पहले तुरंत कर लें ये काम वरना पछताएंगे
Why do AC Fridges Explode in Summer: गर्मियों में मौसम का पारा बढ़ते ही फ्रिज और एसी का इस्तेमाल बहुत बढ़ जाता है. इस मौसम में तापमान भी ज्यादा होता है और बिजली का लोड भी बढ़ जाता है. ऐसे में फ्रिज-एसी में विस्फोट के बाद आग लगने की आशंका भी बढ़ जाती है. हर साल गर्मियों में इस तरह की सैकड़ों घटनाएं सामने आती हैं, जिसमें लोगों को जान-माल का बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है. अगर आप भी एसी-फ्रिज का इस्तेमाल करते हैं सजग रहें और कुछ गलतियों को करने से बचें वरना आपको जिंदगी भर का पछतावा हो जाएगा. आइए जानते हैं कि गर्मियों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सुरक्षित रखने के लिए क्या उपाय करने चाहिए.
वोल्टेज सप्लाई रखें मेनटेन
गर्मियों में बिजली कटौती खूब होती है और इसके साथ ही पावर सप्लाई में फ्लक्चुएशन का भी सामना करना पड़ता है. जब भी वोल्टेज अचानक गिरती है या बढ़ जाती है तो उससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के फुंक जाने का खतरा हो जाता है. शार्ट सर्किट से आग लगने पर आपके घर के तमाम कीमती सामान भी जलकर खाक हो सकते हैं. इससे बचने के लिए आप सबसे पहले अपने एसी-फ्रिज की सर्विस करवा लें और उनमें गैस भरवा लें. जिससे वे स्मूथली काम कर सकें. इसके साथ ही फ्लक्चुएशन की समस्या से निपटने के लिए स्टेबलाइजर या सर्ज प्रोटेक्टर का यूज करें.
दीवार से सटाकर न रखें फ्रिज
कई लोग अपने घरों में एसी-फ्रिज को दीवार से सटाकर रखते हैं. ऐसा करना गलत होता है. असल में एसी और फ्रिज के पीछे लगी मोटर से हीट निकलती है. उस हीट को रिलीज करने के लिए पीछे खुली जगह होनी चाहिए, जिससे वह उड़कर हवा में घुल जाए. लेकिन अगर आप उन्हें दीवार से सटाकर रख देंगे तो वह हीट बाहर रिलीज नहीं हो पाएगी. जिससे एसी-फ्रिज गरम होकर फट सकते हैं.
फिल्टर्स- कंडेंसर कॉइल की करवाएं सफाई
एक्सपर्टों के मुताबिक, गर्मियों में एसी फट जाने की एक बड़ी वजह ये भी होती है कि कई लोग उसके फिल्टर्स और कंडेंसर कॉइल को साफ नहीं करवाते. जबकि साल में कम से कम 2 बार उसकी सर्विसिंग करवाना जरूरी होता है. इसके साथ ही आप एसी के कॉइल्स और कूलिंग फैन की भी सफाई करवाएं, जिससे वो ओवरहीट होकर फट न जाए. समय-समय पर आप एसी और फ्रिज की वायरिंग चेक करवाएं. ध्यान रखें कि दोनों डिवाइस में नंगे तारों का कभी भी इस्तेमाल न करें. इससे करंट का खतरा बढ़ जाता है.