Rajasthan Weather Live: बूंदी में दर्दनाक हादसा, भैंस बचाने गए 4 युवक बहे, एक की मौत
जयपुर. राजस्थान में मानसून एक बार फिर एक्टिव होने के बाद कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. शनिवार को भारी बारिश के कारण कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर एवं टोंक जिलों में नदी एवं नाले उफान पर हैं और निचले इलाकों में पानी भर जाने से कई क्षेत्रों में बाढ़ के हालात नजर आने लगे हैं. कुछ इलाकों में हालात पर काबू पाने एवं राहत कार्यो के लिए सेना की सहायता ली गई. तेज बारिश शुरू होने के साथ प्रदेश के कई बांधों के गेट फिर से खुल गए और वहां से पानी की निकासी शुरू कर दी.
करौली के पांचना बांध के 4 गेटों से लगभग 17 हजार 496 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. बीसलपुर बांध के 6 गेटों से 72 हजार 120 क्यूसेक, ईसरदा बांध के 5 गेट से 14,780, कालीसिंध बांध के एक गेट से 8161, कोटा बैराज के 2 गेट से 12344 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अब तक औसत से 42 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है. राज्य में 1 जून से 22 अगस्त तक 336.5MM औसत बरसात होती है, जबकि इस सीजन में अब तक कुल 476.8MM बारिश हो चुकी है.
भैंस को बचाना पड़ा भारी, पानी में डूबकर एक की मौत
बूंदी जिले के देई थाना क्षेत्र के उराशी गांव में दर्दनाक हादसा हुआ, जहां तेज बहाव में गई भैंस को निकालने गए चार युवक पानी में बह गए. ग्रामीणों की मदद से तीन युवकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया, लेकिन एक बालक की पानी में डूबने से मौत हो गई. हादसे के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल है. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के कारण नाले में पानी का बहाव बहुत तेज था, जिस वजह से यह घटना हुई.
खेलते-खेलते मौत के मुंह में समाए चार बच्चे, गांव में सन्नाटा
उदयपुर के डबोक थाना क्षेत्र में बड़ा हादसा हो गया, जहां मंडेरिया सीमेंट फैक्टरी की माइंस में भरे पानी में चार बच्चे डूब गए. इस दर्दनाक हादसे में तीन लड़कों और एक लड़की की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बच्चे बकरियां चराने गए थे. खेल-खेल में पानी भरी माइंस के करीब पहुंच गए, जहां उनका संतुलन बिगड़ गया और वे डूब गए. घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर जमा हो गए. पुलिस टीम ने तुरंत पहुंचकर स्थानीय लोगों की मदद से चारों बच्चों के शव बाहर निकाले. पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है.
बूंदी में 502 मिमी बारिश हो चुकी है दर्ज
राजस्थान में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है और दक्षिण-पूर्वी जिलों में भारी बारिश देखने को मिल रही है. बूंदी जिले के नैनवा में पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक 502 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस सीजन की अब तक की सबसे बड़ी रिकॉर्डिंग है. इसके अलावा करौली में 41.5 मिमी, चित्तौड़गढ़ और बारां (अंटा) में 39-39 मिमी, दौसा में 33.5 मिमी, और जयपुर में 29.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है. जयपुर में रात से मध्यम बारिश का दौर जारी है.
भीलवाड़ा, नागौर और दौसा में स्कूल बंद
दौसा जिले में भी भारी बारिश के कारण 25 और 26 अगस्त को कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी घोषित की गई है. हालांकि शिक्षकों और स्टाफ को स्कूल में उपस्थित रहना अनिवार्य किया गया है.
26 अगस्त तक दक्षिणी राजस्थान में बारिश के आसार
राजस्थान के कोटा, अजमेर, उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. वहीं पश्चिमी राजस्थान के जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, जालौर और पाली में बारिश नहीं हुई. बीकानेर, चूरू और श्रीगंगानगर में बहुत हल्की बारिश दर्ज की गई है. 24-26 अगस्त के बीच दक्षिणी जिलों उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, सिरोही और पाली में भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है. वहीं 27-29 अगस्त के दौरान राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन पश्चिमी रेगिस्तानी इलाकों में मौसम शुष्क बना रह सकता है.
कोटा और बूंदी जिलों के लिए रेड अलर्ट
राजस्थान में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है और आज भी कई जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग ने कोटा और बूंदी जिलों के लिए रेड अलर्ट घोषित किया है, जहां बीते दिनों भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. हालात पर काबू पाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है. इसके अलावा आठ जिलों में ऑरेंज अलर्ट और शेष जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. जयपुर में भी रात से लगातार बारिश हो रही है, हालांकि यहां बारिश की गति मध्यम है और अभी तक हालात सामान्य हैं. प्रशासन ने सभी जिलों में सतर्कता बरतने और नदी-नालों के पास न जाने की अपील की है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में कुछ और जिलों में भारी बारिश की संभावना है.
डेली डाटा रिपोर्ट
मौसम विभाग की डेली डाटा रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई और कहीं कहीं भारी वर्षा दर्ज की गई. तापमान की बात करें तो सर्वाधिक अधिकतम तापमान श्रीगंगानगर में 37.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सिरोही में 20.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, दर्ज प्रेक्षण के अनुसार राज्य के अधिकांश भार्गों में हवा में आर्द्रता की औसत मात्रा 53 से 100 प्रतिशत के मध्य दर्ज की गयी.
मौसम विभाग की फोरकास्ट रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को अजमेर में 25.0 डिग्री, भीलवाड़ा में 26.0, जयपुर में 28.0 डिग्री, सीकर में 28.0 डिग्री, कोटा में 26.9 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 32.0 डिग्री, बाड़मेर में 35.5 डिग्री, जैसलमेर में 35.4 डिग्री, जोधपुर में 32.8 डिग्री, बीकानेर में 30.0 डिग्री, चूरू में 34.2 डिग्री, श्री गंगानगर में 37.3 डिग्री, नागौर में 28.2 डिग्री, डूंगरपुर में 28.1 में डिग्री, जालौर में 31.5 डिग्री, सिरोही में 24.0 डिग्री, करौली में 31.6 डिग्री और दौसा में 32.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया.
मुख्य जिलों का न्यूनतम तापमान
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को अजमेर में 22.2 डिग्री, भीलवाड़ा में 24.2 डिग्री, जयपुर में 25.7 डिग्री, पिलानी में 23.7 डिग्री, सीकर में 23.5 डिग्री, कोटा में 23.6 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 23.8 डिग्री, बाड़मेर में 26.8 डिग्री, जैसलमेर में 26.5 डिग्री, जोधपुर में 25.7 डिग्री, बीकानेर में 27.5 डिग्री, चूरू में 26.1 डिग्री और श्री गंगानगर में 28.8 डिग्री, नागौर में 21.4 डिग्री, डूंगरपुर में 24.3 में डिग्री, जालौर में 25.7 डिग्री, सिरोही में 20.0 डिग्री, करौली में 25.4 डिग्री और दौसा में 25.4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया.
25 अगस्त तक बारिश का दौर रहेगा जारी
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, जो साइक्लोनिक सर्कुलेशन पिछले 48 घंटे से मध्य प्रदेश-राजस्थान की सीमा पर रुका था, वह थोड़ा आगे बढ़कर दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी राज के ऊपर आ गया है. मानसून ट्रफ लाइन शनिवार को गंगानगर, चूरू, ग्वालियर (एमपी), सतना (एमपी), डालटनगंज (झारखंड) से होकर बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम तक गुजर रही है. इस सिस्टम के कारण लगातार बारिश हो रही है.
विभाग के अनुसार, मौसम विभाग की मानें तो भारी बारिश का ये दौर 25 अगस्त तक रहने की आशंका है. रविवार के लिए भी कोटा और बूंदी के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. बारां, झालावाड़, टोंक, भीलवाड़ा, अजमेर, नागौर, पाली में ऑरेंज और शेष सभी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
दौसा में बारिश ने बिगाड़ा हालात
दौसा जिले में लगातार हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं. सिंचाई विभाग के अनुसार, 24 घंटे में 11 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई. जिला मुख्यालय पर 285 मिमी, लालसोट में 182 मिमी, भांडारेज में 162 मिमी और अन्य क्षेत्रों में भी भारी वर्षा हुई. तेज बारिश से खेतों में बाजरे की फसल आड़ी होकर बर्बाद हो गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. वहीं, जयपुर-बांदीकुई एक्सप्रेसवे के पास कुआं धंस गया, जो हादसे का कारण बन सकता है. प्रशासन ने अलर्ट जारी कर स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.
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किसानों के लिए बारिश बनी संजीवनी
नागौर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में देर रात से रिमझिम बारिश शुरू हुई, जो सुबह तक जारी रही. खींवसर कस्बे में सुबह से ही तेज बारिश ने हालात बदल दिए. निचले इलाकों में पानी भर गया और कई सड़कों पर जलभराव की स्थिति बन गई. आमजन को थोड़ी असुविधा का सामना करना पड़ा, लेकिन किसानों के लिए यह बारिश संजीवनी साबित हुई. खेतों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिला और फसलों की पैदावार की संभावना बढ़ी. मौसम में आए इस बदलाव से किसानों के चेहरे खिले और गांव-गांव में राहत का माहौल बन गया.
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के चलते नदी का जलस्तर लगातार बढ़ा
धौलपुर जिले में चम्बल नदी खतरे के निशान 130.79 मीटर से करीब 9 मीटर ऊपर बह रही है और जलस्तर 139.20 मीटर तक पहुंच गया है. हाड़ौती क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए निचले क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और आवश्यकतानुसार राहत एवं बचाव दलों को तैनात करने की तैयारी कर ली गई है.
तेज बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर
करौली जिले में मानसून सक्रिय होने से लगातार 36 घंटे से रुक-रुककर बारिश हो रही है. तेज बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए हैं, जिससे आसपास के इलाकों में जलभराव और आवाजाही में परेशानी बढ़ गई है. पांचना बांध का जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन ने 4 गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू कर दी है. बांध से पानी छोड़े जाने और लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई स्थानों पर सड़कें बंद हो गई हैं और लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.
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झुंझुनूं में बारिश से सुहावना हुआ मौसम
झुंझुनूं जिले में इस बार भादवा मास में सावन जैसी झड़ी देखने को मिल रही है. शनिवार शाम से लगातार बारिश का दौर जारी है, जिससे जिला मुख्यालय और ग्रामीण इलाकों में मौसम सुहावना बना हुआ है. सूरजगढ़ क्षेत्र में बीते 24 घंटे में 79 मिमी बारिश दर्ज की गई. अच्छी बरसात से मूंगफली, ग्वार और कपास जैसी खरीफ फसलों को बड़ा फायदा हुआ है. वहीं उदयपुरवाटी का कोट बांध भी भराव स्तर पर पहुंच गया है. दो साल बाद बांध पर पानी की चादर चली, जिसने झरने जैसा नजारा बना दिया. यह दृश्य सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
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कोटा में बारिश के बाद पक्के मकान की छत गिरी
कोटा जिले के इटावा में लगातार तीन दिन की बारिश के बाद अब हालात सुधरने लगे हैं. नदियों और नालों का जलस्तर घटा है तथा तहसील मुख्यालय से संपर्क बहाल हो गया है. गांवों और जलमग्न कॉलोनियों से पानी कम होने पर लोग घरों की व्यवस्था संभालने में जुट गए हैं. लेकिन राहत की खबरों के बीच सुल्तानपुर के इस्लाम नगर से बड़ा हादसा सामने आया. यहां भारी बारिश के बाद एक पक्के मकान की छत गिर गई, जिसमें दंपत्ति मलबे में दब गए. इलाज के दौरान पत्नी यास्मीन की मौत हो गई, जबकि पति जावेद की हालत गंभीर बनी हुई है.
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जयपुर में रेड अलर्ट जारी
राजधानी जयपुर में लगातार जारी रिमझिम और मध्यम दर्जे की बारिश से कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है. मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. रविवार को जयपुर कलेक्टर जितेंद्र सोनी और ग्रेटर नगर निगम आयुक्त गौरव सैनी ने सांगानेर, मानसरोवर, भांकरोटा, गुर्जर की थड़ी, जवाहर सर्किल, मालवीय नगर और झालावाड़ कच्ची बस्ती सहित बारिश प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. अधिकारियों ने सड़कों से पानी निकालने और चौक-नालों को साफ कराने के निर्देश दिए. नगर निगम की टीमें तेजी से जलभराव और निकासी कार्य में जुटी हुई हैं.
बस रुकने से यात्रियों को काफी परेशानी हुई
लूणकरणसर (बीकानेर) में भारी बारिश के चलते जगह-जगह जलभराव हो गया. अंडरब्रिज में पानी भरने से कालू से बीकानेर आ रही यात्री बस बीच रास्ते में फंस गई. अचानक बस रुकने से यात्रियों को काफी परेशानी हुई और उन्हें घंटों तक इंतजार करना पड़ा. पानी का स्तर लगातार बढ़ता देख प्रशासन को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची टीम ने क्रेन की मदद से बस को पानी से बाहर निकाला. काफी मशक्कत के बाद बस को सुरक्षित बाहर लाया गया और यात्रियों को राहत मिली. बारिश के कारण आसपास के अन्य क्षेत्रों में भी यातायात प्रभावित हुआ.
बारिश के कारण रणगमा तालाब ओवरफ्लो हुआ
करौली जिले में बारिश का असर बढ़ता जा रहा है. ऐतिहासिक रणगमा तालाब ओवरफ्लो हो गया, जिससे होली खिड़कियां, राधेश्याम फार्म हाउस और वजीरपुर दरवाजे सहित कई क्षेत्रों में सड़कों पर 6 इंच से अधिक पानी भर गया है. जलभराव से आमजन और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सपोटरा उपखंड का काठड़ा गांव पूरी तरह पानी से घिर गया है और गांव का सड़क संपर्क कट गया है. बनास और मोरेल नदी का जलस्तर बढ़ने पर जिला प्रशासन ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है. एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें मौके पर रवाना हो चुकी हैं.
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तेज बारिश में पुराना मकान बारिश में ढह गया
नागौर शहर में लगातार हो रही तेज बारिश ने बड़ा हादसा कर दिया. सिपाहियों के मोहल्ले में एक पुराना मकान बारिश की मार से अचानक ढह गया. इस हादसे में दो लोग मलबे में दब गए और उनकी मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही नागौर पुलिस और तहसीलदार नरसिंह टाक तुरंत मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. रेस्क्यू टीम ने काफी मशक्कत के बाद मलबे से शवों को बाहर निकाला. दोनों शवों को जेएलएन अस्पताल भिजवाया गया. इस घटना से इलाके में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोग दहशत में आ गए.
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बांध पर करीब एक फीट पानी की चादर बह रही
दौसा के सूरजपुरा बांध पर स्थिति चिंताजनक है. बांध पर करीब एक फीट पानी की चादर बह रही है, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग, खासकर बच्चे और युवा, वहां पिकनिक मनाने और बांध में नहाने पहुंच रहे हैं. प्रशासन और पुलिस ने कई बार अपील और चेतावनी जारी की है कि इस तरह का कदम जानलेवा साबित हो सकता है. बावजूद इसके लोगों की लापरवाही बरकरार है. प्रशासनिक सख्ती के बिना इस तरह की लापरवाही से किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है.
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