अफगानिस्तान में भूकंप से 800 लोगों की मौत, क्यों ये साबित हुआ इतना घातक
Explainer: अफगानिस्तान में भूकंप से 800 लोगों की मौत, तीव्रता तो थी केवल 6, फिर क्यों इतना घातक साबित हुआ ये जलजला Last Updated: September 02, 2025, 22:30 IST Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान के कुनार में 6.0 तीव्रता के भूकंप से 800 मौतें हो गईं और 2500 लोग घायल हो गए. तालिबान सरकार बचाव कार्य में जुटी है. सड़कें बंद हो गई हैं और मदद सीमित है. कुनार प्रांत में मिट्टी और पत्थर के घर मलबे में तब्दील हो गए और कई गाँव पूरी तरह तबाह हो गए. Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत कुनार में रविवार देर रात 6.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें कम से कम 800 लोग मारे गए और 2,500 से ज्यादा घायल हुए. आधी रात से ठीक पहले आए इस भूकंप ने काबुल से लेकर पड़ोसी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक की इमारतों को हिलाकर रख दिया. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार लाखों लोगों ने संभवतः तेज या बहुत तेज झटके महसूस किए.
भूकंप और उसके बाद आए झटकों (अब तक कम से कम पांच दर्ज किए गए हैं) के बाद बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चल रहा है. अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. जिससे यह क्षेत्र के सबसे घातक भूकंपों में से एक बन जाएगा. 7 अक्टूबर, 2023 को अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप और तेज झटके आए थे, जिसमें कम से कम 1,500 लोग मारे गए थे.
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क्यों गई इतने सारे लोगों की जान?
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप केवल 8 किमी की गहराई पर आया, जिसका केंद्र जलालाबाद शहर के करीब था. उथले भूकंप ज्यादा तबाही मचाते हैं क्योंकि भूकंपीय ऊर्जा सतह के पास से निकलती है. इसके बाद कई झटके आए, जिनमें से एक 5.2 तीव्रता का था, जिससे घरों को और नुकसान पहुंचा और लोग मलबे में दब गए. कुनार प्रांत में मिट्टी और पत्थर के घर मलबे में तब्दील हो गए और कई गांव पूरी तरह तबाह हो गए. इसका केंद्र अफगानिस्तान के पांचवें सबसे बड़े शहर जलालाबाद से सिर्फ 27 किलोमीटर दूर और राजधानी काबुल से लगभग 140 किलोमीटर दूर था.
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दुर्गम इलाका: कुनार और आसपास के प्रांत अफगानिस्तान के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में से हैं. सड़कें उबड़-खाबड़ हैं और कुछ जगहों पर पूरी तरह से अवरुद्ध हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन के कारण सड़कें भूकंप के केंद्र तक पहुंच बंद हो गई. जिससे तालिबान को बचे लोगों तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करना पड़ा. काबुल में अल जज़ीरा के रिपोर्टर मोहसिन मोमंद ने कहा, “सड़कें पक्की नहीं हैं. भूकंप के कारण ज्यादातर सड़कें चट्टानों से ढकी हुई हैं और अभी वहां जाना बहुत मुश्किल है.”
युनाइटेड नेशंस माइग्रेशन एजेंसी ने एएफपी को दिए एक बयान में चेतावनी दी कि सुदूर कुनार प्रांतों के कुछ सबसे अधिक प्रभावित गांव “सड़क अवरोधों के कारण पहुंच से बाहर हैं.” कुनार के नर्गल जिले में कृषि विभाग के एक सदस्य ने बताया कि लोग अलग-थलग गांवों में बंद हो गईं सड़कों को साफ करने के लिए दौड़ पड़े थे, लेकिन बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र दूरदराज के थे और वहां दूरसंचार नेटवर्क सीमित था.
संसाधनों की कमी: अफगानिस्तान के आर्थिक संकट ने हालात और बदतर बना दिए हैं. तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अंतरराष्ट्रीय सहायता में कटौती की गई है, जिससे देश में खाने-पीने, दवाइयों और ईंधन की कमी हो गई है, वर्ल्ड विजन अफगानिस्तान की थमिंद्री डी सिल्वा ने अल जज़ीरा को बताया कि कुनार अफगानिस्तान के सबसे दुर्गम और सबसे गरीब इलाकों में से एक है.” उन्होंने कहा कि वहां की इमारतें “बहुत आसानी से ढह जाती हैं. जिसका मतलब है बहुत सारे लोग दब जाएंगे. इस स्थिति में समय वाकई बहुत कीमती है.”
इस क्षेत्र के अस्पताल पूरी तरह से भरे हुए हैं. कुनार की राजधानी असदाबाद के एक डॉक्टर ने बीबीसी को बताया कि उनके यहां हर पांच मिनट में एक मरीज भर्ती हो रहा है और अस्पताल पूरी तरह से भरा हुआ है. सीमित उपकरणों और चिकित्सा आपूर्ति के कारण इलाज मुश्किल हो रहा है.
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8 से अधिक तीव्रता में जान-माल का कम नुकसान
हाल ही में एक बड़ा भूकंप दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिका के बीच ड्रेक पैसेज इलाके में आया था. जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.0 मापी गई थी. क्योंकि यह भूकंप समुद्र में आया था इसलिए इससे जान-माल का कोई खास नुकसान नहीं हुआ और न ही किसी के मरने की खबर आयी. इस भूकंप का केंद्र समुद्र में 10.8 किलोमीटर की गहराई में था. ड्रेक पैसेज, जो दक्षिण अमेरिका के केप हॉर्न और अंटार्कटिका के दक्षिण शेटलैंड द्वीप समूह के बीच स्थित एक गहरा और चौड़ा जलमार्ग है, अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ता है. हालांकि, भूकंप के बाद कुछ समय के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया.
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अफगानिस्तान में भूकंपों का इतिहास
अफगानिस्तान कई फॉल्ट लाइनों के ऊपर स्थित होने के कारण घातक भूकंपों के लिए प्रोन है. इसके अलावा आस-पास की तीन टेक्टोनिक प्लेटों में भी लगातार हलचल होती रहती है. 7 अक्टूबर, 2023 को अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके साथ तेज झटके भी आए. तालिबान सरकार का अनुमान है कि कम से कम 4,000 लोग मारे गए. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि लगभग 1,500 लोग मारे गए. यह हाल के दिनों में अफगानिस्तान में आयी सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा थी. यूनिसेफ के अनुसार मरने वालों में 90 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं और बच्चे थे. इससे पहले, जून 2022 में पूर्वी अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे और 1,500 से अधिक घायल हुए थे. न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें। Location : New Delhi, Delhi First Published : September 01, 2025, 18:32 IST homeknowledge अफगानिस्तान में भूकंप से 800 लोगों की मौत, क्यों ये साबित हुआ इतना घातक