ये एड देखने में तो बहुत से लोगों को अच्छा लगता है, लेकिन क्या आप भी इस बात पर भरोसा करते हैं कि किसी क्रीम के इस्तेमाल से चेहरे का रंग सांवले से गोरा हो जाए। अगर आपको इस बात पर संशय है तो हम आपका ये डाउट दूर करेंगे। यहां हम आपको इस मिथक से जुड़ी सच्चाई बताएंगे कि किसी स्किन व्हाइटनिंग क्रीम के इस्तेमाल से रंग गोरा हो सकता है या नहीं ?
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पहले जानें कैसे करती है काम
– फोटो : Adobe stock
यदि आप अपना रंग गोरा करने के लिए किसी स्किन व्हाइटनिंग क्रीम को इस्तेमाल करना चाहते हैं तो पहले जान लें कि ये आखिर काम कैसे करती है। दरअसल, स्किन व्हाइटनिंग क्रीमों में हाइड्रोक्विनोन, कोजिक एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं जो मेलेनिन की मात्रा को नियंत्रित कर सकते हैं।
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पहले जानें कैसे करती है काम
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मेलेनिन वो तत्व होता है, जो जिसके कम होने से त्वचा सफेद दिखने लगती है। इसकी वजह से रंग गोरा नहीं होता, लेकिन चेहरा सफेद पड़ने लगता है। बहुत की क्रीमों में हाइपरपिगमेंटेशन, झाइयों और टैनिंग को कम करने में मदद कर सकती है, जिस वजह से चेहरा साफ दिखने लगता है। वहीं कई स्किन व्हाइटिंग क्रीम चेहरे को डीप क्लीन करके अंदर तक साफ करती हैं, जिस वजह से स्किन टोन लाइट हो जाती है।
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कितनी सुरक्षित है ?
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अब जान लें कि बाजार में मिलने वाली ये स्किन व्हाइटनिंग क्रीम कितनी सुरक्षित हैं ? दरअसल, इन क्रीमों में भारी मात्रा में स्टेरॉयड, मर्करी (पारा) और हाइड्रोक्विनोन पाए जाते हैं, जिनके लंबे समय तक इस्तेमाल से आपकी त्वचा पर गलत प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी स्ट्रॉन्ग स्किन लाइटनिंग क्रीम इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। चे आपके चेहरे को गोरा करने की बजाए अजीब बना सकती हैं।
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क्या इनसे मिलता है स्थायी गोरापन ?
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अब सबसे आखिर में उस सवाल पर आते हैं, जो हम सभी के मन में एक न एक बार आता है कि क्या इन स्किन व्हाइटनिंग क्रीमों से स्थायी गोरापन मिलता है ? तो आपको बता दें कि चाहे आप किसी भी ब्रांड की क्रीम इस्तेमाल कर लें, लेकिन वो सिर्फ आपकी त्वचा को डीप क्लीन करके एक टोन हल्का कर सकती है। लेकिन जेनेटिक रूप से चेहरे के तय रंग को बदलना संभव नहीं है।