Bihar Assembly Election 2025 : NDA दिखा रहा है ताकत, ओवैसी ने ठोकी ताल, जानिए क्या है INDIA महागठबंधन की रणनीति

बिहार विधानसभा चुनाव अपने चरम पर हैं। एनडीए ने उम्मीदवारों की सूची और नामांकन प्रक्रिया तेज़ कर दी है, जबकि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी ने एक नया गठबंधन बना लिया है, जिससे दोनों गठबंधनों के लिए चुनौती बढ़ गई है। प्रशांत किशोर ने भी स्पष्ट किया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन उनकी पार्टी जनसुराज 243 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी।

भाजपा ने सभी 101 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की भाजपा ने उम्मीदवारों के चयन और नामांकन में अपनी बढ़त बनाए रखी है। आज, पार्टी ने 12 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की, जिससे कुल 83 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा हो गई। इस सूची में सबसे कम उम्र की उम्मीदवार मैथिली ठाकुर को मंगलवार को भाजपा में शामिल होने के बाद अलीनगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा, छपरा से छोटी कुमारी, बक्सर से पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा और मुजफ्फरपुर से रंजन कुमार को उम्मीदवार बनाया गया है।

बुधवार रात तक, भाजपा ने अपनी तीसरी सूची जारी कर दी, जिसमें राघोपुर से तेजस्वी के खिलाफ सतीश यादव को मैदान में उतारा गया। इस प्रकार, भाजपा ने सभी 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं और उसके सभी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। आज उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। उनके नामांकन के दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मौजूद रहे। विजय सिन्हा लगातार चार बार लखीसराय से चुनाव जीत चुके हैं।

जदयू की 57 उम्मीदवारों की सूची में एक भी मुस्लिम नहीं जदयू ने भी अपने 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची की सबसे खास बात यह है कि इसमें एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया है। पिछले चुनाव में जदयू ने डुमरांव सीट से अंजुम आरा को मैदान में उतारा था, लेकिन इस बार राहुल सिंह को टिकट दिया गया है। जदयू ने चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा-आर) की दावेदारी वाली सीटों पर भी उम्मीदवार उतारे हैं। उदाहरण के लिए, सोनबरसा सीट से तीन बार जीत चुके रत्नेश सदा को टिकट दिया गया है।

राजगीर से कौशल किशोर, एकमा से धूमल सिंह, गायघाट से कोमल सिंह और वैशाली के राजापाकर से महेंद्र राम को उम्मीदवार बनाया गया है। महेंद्र राम पिछले चुनाव में राजद उम्मीदवार से मात्र 1,500 वोटों से हार गए थे। टिकट मिलने के बाद महेंद्र राम ने कहा, “मुझे डर था कि मेरी सीट चिराग पासवान को मिल जाएगी, लेकिन मुझे नीतीश कुमार पर भरोसा था। मेरे साथ न्याय हुआ।”
चिराग पासवान की पहली सूची में 14 उम्मीदवार चिराग पासवान की लोजपा ने भी 14 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की। उनकी पार्टी कुल 29 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इन 14 सीटों में से केवल दो, गोविंदगंज और परबत्ता, पिछले चुनाव में एनडीए ने जीती थीं। इस बार भाजपा ने गोविंदगंज सीट लोजपा के लिए छोड़ दी है, जहाँ चिराग ने अपने बिहार अध्यक्ष राजू तिवारी को मैदान में उतारा है। जदयू ने परबत्ता सीट इसलिए खाली की क्योंकि पिछले विजेता डॉ. संजीव राजद के संपर्क में थे। बाकी 12 सीटें वे हैं जहाँ पिछले चुनाव में एनडीए हारा था। चिराग की मुश्किलें तब और बढ़ गईं जब उनके नेता प्रमोद सिंह 10 अक्टूबर को लोजपा छोड़कर जदयू में शामिल हो गए। आज नीतीश कुमार ने उन्हें रफीगंज से टिकट दे दिया। प्रमोद सिंह ने कहा, “मैंने दल बदल लिया है, लेकिन मैं अब भी एनडीए में हूँ। इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।”
कुशवाहा की नाराज़गी दूर, मांझी ने लिया यू-टर्न अमित शाह ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा की नाराज़गी भी दूर कर दी। कुशवाहा को छह सीटें मिलीं, लेकिन वे महुआ और सासाराम पर अड़े रहे। सूत्रों के मुताबिक, कुशवाहा अपने बेटे दीपक प्रकाश को महुआ से और अपनी पत्नी स्नेहलता कुशवाहा को सासाराम से चुनाव लड़ाना चाहते थे। भाजपा ने स्पष्ट कर दिया कि महुआ सीट चिराग को दे दी गई है, लेकिन सासाराम पर बातचीत हो सकती है। मंगलवार रात केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सम्राट चौधरी के बीच बातचीत के बाद भी कुशवाहा अपनी बात पर अड़े रहे।
इसके बाद, अमित शाह ने उन्हें दिल्ली बुलाया और बैठक के बाद कुशवाहा ने कहा, “एनडीए में सब ठीक है।” मंगलवार को हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने दावा किया था कि वे बोधगया और मखदुमपुर में अपने उम्मीदवार उतारेंगे, जो चिराग के खाते में हैं। हालाँकि, आज उनके बेटे संतोष मांझी ने कहा, “हमारी पार्टी सिर्फ़ उन्हीं छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी जो हमें दी गई हैं। हमें अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए आवाज़ उठानी होगी। एनडीए के भीतर कोई नाराज़गी नहीं है।”
महागठबंधन में सीट बंटवारे का मामला अभी भी अनसुलझा है एनडीए के भीतर विवाद सुलझ गए हैं, लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे का मामला अभी भी अनसुलझा है। हालांकि, राजद, वामदल और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह बांटना शुरू कर दिया है। बुधवार को कांग्रेस नेताओं की एक बैठक में 61 उम्मीदवारों के नाम तय होने का दावा किया गया, साथ ही चार अतिरिक्त उम्मीदवारों के नाम भी तय हो गए। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा, “सब कुछ तय हो गया है। आज रात या कल सुबह तक तस्वीर साफ हो जाएगी।” हालांकि, कांग्रेस आलाकमान के रवैये से कार्यकर्ता नाराज हैं। आज जब बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्ण वरुण, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान पटना एयरपोर्ट पर पहुँचे, तो कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। कुछ लोग सीटों की घोषणा में देरी से नाराज़ थे, तो कुछ का आरोप था कि इस चुनाव में दल-बदलुओं को टिकट देने की तैयारी चल रही है। इस दौरान कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई।
तेजस्वी ने राघोपुर से नामांकन दाखिल किया, प्रशांत किशोर नहीं लड़ेंगे राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को राघोपुर सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और परिवार के कई सदस्य मौजूद थे। तेजस्वी ने कहा, “एनडीए नेता दो सीटों से चुनाव लड़ने की अफवाह फैला रहे थे। मैं सिर्फ़ राघोपुर से चुनाव लड़ूँगा, जीतूँगा और बिहार में सरकार बनाऊँगा। हम हर परिवार को सरकारी नौकरी देंगे।” इसके अलावा, लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी भोला यादव को बहादुरपुर सीट से टिकट दिया गया है। इस बीच, जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा, “मैं चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन पार्टी नेताओं ने कहा कि मुझे 243 सीटों पर प्रचार करना है। इसलिए, एक सीट पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, मैं पूरे बिहार पर ध्यान केंद्रित करूँगा।” प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उनकी पार्टी 150 से ज़्यादा सीटें जीतेगी, वरना उनकी हार होगी।
एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने चंद्रशेखर आज़ाद की आज़ाद समाज पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य की जनता पार्टी के साथ मिलकर “महालोकतांत्रिक गठबंधन” बनाया है। यह गठबंधन 64 सीटों पर चुनाव लड़ेगा, जिसमें एआईएमआईएम 35, आज़ाद समाज पार्टी 25 और अपनी जनता पार्टी 4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। नेताओं का दावा है कि उन्हें मुस्लिम और दलित मतदाताओं का समर्थन मिलेगा। इससे महागठबंधन को काफी नुकसान होने की संभावना है, क्योंकि एनडीए ने अभी तक एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है, जबकि राजद और कांग्रेस ने कई मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। इसने बिहार की राजनीतिक लड़ाई को और भी दिलचस्प बना दिया है।

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