Rajasthan Weather Live: करौली में चंबल उफान पर, डूबी कसेड की पुलिया, प्रशासन अलर्ट मोड में
Rajasthan Weather Live : प्रदेश में एक बार फिर तेज बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है. लगातार हो रही बरसात के कारण कई इलाकों में पानी भर गया है और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. सोमवार को कोटा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, पाली और झालावाड़ सहित कई जिलों में नदियां उफान पर आ गईं. चंबल, कालीसिंध और बनास नदी पर बने बांधों के गेट पानी का स्तर बढ़ने के बाद खोल दिए गए हैं. भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर 11 जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित किया है.
इनमें झालावाड़, कोटा, चित्तौड़गढ़, टोंक, भीलवाड़ा, बारां, डूंगरपुर, धौलपुर, सलूम्बर, बांसवाड़ा और अजमेर जिले शामिल हैं. मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को 3 जिलों के लिए रेड अलर्ट, 5 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और 19 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. विभाग का कहना है कि तेज बारिश का यह दौर 1 अगस्त के बाद ही कम होने की संभावना है.
भारी बारिश के चलते भीलवाड़ा के स्कूलों में अवकाश
भीलवाड़ा में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने आदेश जारी करते हुए जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है. आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह अवकाश केवल विद्यार्थियों के लिए रहेगा, जबकि स्कूल का समस्त शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ अपनी नियमित उपस्थिति देगा.
चंबल, पार्वती और कालीसिंध नदियों का बढ़ा जलस्तर
राजस्थान के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. चंबल, पार्वती और कालीसिंध नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे तटीय क्षेत्रों और गांवों में अलर्ट जारी किया गया है. कोटा, करौली, बूंदी, धौलपुर, दौसा और जयपुर ग्रामीण सहित कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं. दौसा जिले के लालसोट विधानसभा क्षेत्र की सलेमपुरा ग्राम पंचायत के मानपुर गांव में तेज बारिश के चलते सड़क का आधा हिस्सा बह गया है. इस क्षतिग्रस्त सड़क से स्कूली वाहन और बच्चे रोज गुजरने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन को सड़क में कटाव की सूचना दी है लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
राजस्थान में भारी बारिश से उफनाने लगी है नदियां
करौली में चंबल का खतरा, बूंदी में स्टेट हाईवे ठप
करौली जिले के मंडरायल करणपुर क्षेत्र में चंबल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. कोटा बैराज और नोनेरा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद चंबल 161.71 मीटर तक पहुंच गई है, जबकि खतरे का निशान 164 मीटर है. कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने तटीय गांवों का दौरा कर प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं, पांचना बांध से भी 666 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. वहीं बूंदी में मेज नदी और गुढा बांध में तेज पानी की आवक के कारण स्टेट हाईवे 34 का खटकड़-नैनवां मार्ग पूरी तरह बंद है. पुलिया पर पानी बहने से आवागमन प्रभावित हो गया है. गुढा बांध के पांच गेट खोल दिए गए हैं ताकि पानी की निकासी हो सके. पार्वती बांध से रात 11:30 बजे 4 गेट खोलकर 4,401 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग की टीमें सतर्क हैं. नदी किनारे बसे लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है.
राजस्थान में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात
कोटा और बारां में बाढ़ जैसे हालात
कोटा के रामगंजमंडी में हालात सबसे ज्यादा खराब है. हाउसिंग बोर्ड, पंचमुखी रोड, खैराबाद और देवली जैसी कॉलोनियों में पानी घुस गया है. एसडीआरएफ ने दर्जनों लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. वहीं, खातोली कस्बे में पार्वती नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच चुका है और सुरथाक पुलिया पर पानी आने से बारा-श्योपुर मार्ग बंद हो गया है.मध्यप्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण नौवनेरा एबरा बांध में जबरदस्त आवक देखी जा रही है. सभी 27 गेट खोलकर करीब 3.5 लाख क्यूसेक पानी कालीसिंध नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे राजस्थान के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है. प्रशासन ने सभी जिलों में लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और राहत-बचाव कार्यों के लिए टीमें अलर्ट पर हैं. आगामी दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना के चलते हालात और बिगड़ सकते हैं.
जयपुर में बारिश का टूटा रिकॉर्ड
राजस्थान के कई हिस्सों में बीती रात और मंगलवार सुबह जोरदार बारिश दर्ज की गई, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो गया. राजधानी जयपुर से लेकर दौसा जिले के लालसोट तक भारी बारिश ने सड़कें जलमग्न कर दीं. वहीं, मौसम विभाग ने राज्य के दक्षिण-पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में अगले तीन दिन तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. राजधानी जयपुर में मंगलवार को कई स्थानों पर जबरदस्त बारिश दर्ज की गई. जेएलएन मार्ग सिंचाई भवन पर 111.5 मिमी, एयरपोर्ट क्षेत्र में 74 मिमी,और मौसम विभाग केंद्र प्रतापनगर में 66.8 मिमी बारिश दर्ज की गई. तेज बारिश के कारण कई सड़कों पर जलभराव हो गया, जिससे ट्रैफिक बाधित हुआ और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
लालसोट में मूसलाधार बारिश से हड़कंप
दौसा जिले के लालसोट कस्बे में बीती रात हुई मूसलाधार बारिश से हालात बिगड़ गए. पहाड़ियों से आया पानी तेज बहाव के साथ बाजारों तक पहुंच गया. कई सड़कों पर पानी का तेज बहाव देखा गया और निचले इलाकों में जलभराव हो गया. इससे बाजारों की गतिविधियां भी प्रभावित रहीं. राजस्थान में मंगलवार को सबसे अधिक बारिश कोटा जिले के रामगंजमंडी में दर्ज की गई, जहां 242 मिमी वर्षा हुई. यह पूरे राज्य में अब तक की सर्वाधिक वर्षा है.
भारी बारिश के चलते जयपुर हुआ पानी-पानी
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग जयपुर केंद्र ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि 29 जुलाई को दक्षिण-पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राजस्थान के हिस्सों में अत्यंत भारी बारिश की संभावना है. वहीं 30-31 जुलाई को भरतपुर, जयपुर और अजमेर संभाग में भारी से अतिभारी वर्षा हो सकती है. इसके अलावा 1 अगस्त को बीकानेर, जयपुर, अजमेर और भरतपुर के कुछ भागों में मध्यम से भारी वर्षा जारी रहेगी. वहीं 2 अगस्त से बारिश की तीव्रता में कमी आएगी, लेकिन हल्की से मध्यम वर्षा बनी रह सकती है. प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है.
कहां-कहां हुई सबसे ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कई जगहों पर रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई. झालावाड़ के बाकनी में 61 मिमी, बारां के अटरू में 43 मिमी, छबड़ा में 26 मिमी, भीलवाड़ा के बिजौलिया में 64 मिमी, बूंदी के नैनवां में 28 मिमी और अलवर के बहरोड़ में 31 मिमी पानी बरसा. राजधानी जयपुर भी इस बारिश से अछूता नहीं रहा. सोमवार देर शाम हुई बरसात से कई सड़कों पर पानी भर गया और ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई. जेएलएन मार्ग पर करीब एक इंच (25 मिमी) से अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि नरैना में 20 मिमी और फागी में 12 मिमी बरसात हुई.
डेली डाटा रिपोर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई एवं कहीं-कहीं भारी वर्षा दर्ज की गई. तापमान की बात करें तो राज्य में सर्वाधिक अधिकतम तापमान श्रीगंगानगर में 40.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सिरोही में 20.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दर्ज प्रेक्षण के अनुसार राज्य के अधिकांश भागों में हवा में आर्द्रता की औसत मात्रा 70 से 100 प्रतिशत के मध्य दर्ज की गयी.
मुख्य जिलों का अधिकतम तापमान
मौसम विभाग की फोरकास्ट रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को अजमेर में 30.4 डिग्री, अलवर 35.5 डिग्री, जयपुर में 34.2 डिग्री, सीकर में 33.0 डिग्री, कोटा में 31.2 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 30.3 डिग्री, बाड़मेर में 34.7 डिग्री, जैसलमेर में 33.2 डिग्री, जोधपुर में 31.2 डिग्री, बीकानेर में 37.1 डिग्री, चूरू में 35.5 डिग्री, श्री गंगानगर में 40.3 डिग्री, नागौर में 33.4 डिग्री, डूंगरपुर में 26.1 में डिग्री, जालौर में 30.0 डिग्री, सिरोही में 24.6 डिग्री, करौली में 34.1 डिग्री और दौसा में 35.0 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया.
मुख्य जिलों का न्यूनतम तापमान
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को अजमेर में 24.3 डिग्री, अलवर में 27.8 डिग्री, जयपुर में 26.4 डिग्री, पिलानी में 24.7 डिग्री, सीकर में 26.5 डिग्री, कोटा में 26.3 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 24.7 डिग्री, बाड़मेर में 27.8 डिग्री, जैसलमेर में 25.0 डिग्री, जोधपुर में 25.7 डिग्री, बीकानेर में 28.4 डिग्री, चूरू में 28.6 डिग्री और श्री गंगानगर में 30.2 डिग्री, नागौर में 26.9 डिग्री, डूंगरपुर में 24.7 में डिग्री, जालौर में 26.4, सिरोही में 20.5 डिग्री, करौली में 27.2 डिग्री और दौसा में 28.0 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया.
मौसम विभाग का अलर्ट
जयपुर मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से बना डिप्रेशन अब कमजोर होकर लो-प्रेशर क्षेत्र में तब्दील हो गया है. यह सिस्टम इस समय पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान की सीमा पर सक्रिय है. वर्तमान में मानसून की ट्रफ लाइन श्रीगंगानगर, झुंझुनूं होते हुए पूर्वी राजस्थान से गुजरती हुई लो-प्रेशर सिस्टम को जोड़ रही है. इसके अलावा एक और ट्रफ अरब सागर के उत्तरी-पूर्वी हिस्से से होकर मध्य गुजरात और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान तक फैली हुई है. इन दोनों ट्रफ लाइनों और बंगाल की खाड़ी से आए सिस्टम के असर से राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी जिलों में लगातार तेज बारिश का दौर जारी है.
चंबल नदी का जलस्तर मंडरायल तक पहुंचा
करौली जिले में कोटा बैराज और नोनेरा बांध से पानी छोड़े जाने के चलते चंबल नदी का जलस्तर मंडरायल करणपुर क्षेत्र में 163.29 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी स्तर 164 मीटर के करीब है. खतरे की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क है और जलस्तर पर लगातार निगरानी रख रहा है. आमजन को निचले इलाकों व नदी किनारे से दूर रहने की अपील की गई है. कसेड की पुलिया पर पानी आ गया है, जिससे कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है. प्रशासन ने आपदा प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं.
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