Bihar Rainfall Live Updates: नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण कोसी नदी ने एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है. जिसके चलते सुपौल जिले में बाढ़ का गंभीर खतरा मंडराने लगा है. कोसी बैराज से लगभग 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. जिससे तटबंधों के भीतर बसे गांवों में हाहाकार मच गया है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है. DM सावन कुमार ने तटबंध के भीतर रहने वाले लोगों से तत्काल अपने घरों को छोड़कर ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की है. जिले में 6 अलग-अलग जगहों पर कम्युनिटी किचन (सामुदायिक रसोई) की शुरुआत की गई है, ताकि लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जा सके. ये कम्युनिटी किचन सुपौल सदर, सरायगढ़, मरौना और किशनपुर प्रखंडों में लगाए गए हैं.
कोसी बैराज के सभी 56 फाटक खुला
कोसी बैराज के सभी 56 फाटकों को खोल दिया गया है. बैराज पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है. प्रशासन की टीमें लगातार तटबंधों की निगरानी कर रही हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके. कोसी के इस विकराल रूप ने स्थानीय लोगों में साल 2008 की विनाशकारी बाढ़ की यादें ताजा कर दी हैं, जिससे उनमें भय का माहौल है. भारी बारिश के कारण भारत-नेपाल सीमा पर स्थित जोगबनी रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर पानी भर जाने से रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. स्थिति को देखते हुए, पूर्वोत्तर सीमांत (NF) रेलवे ने जोगबनी से खुलने वाली पांच ट्रेनों के परिचालन स्थल में बदलाव करने का निर्णय लिया है. NF रेलवे के मालीगांव मुख्यालय ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी कर जानकारी दी है.
रेलवे द्वारा जारी सूचना के अनुसार, जलजमाव के कारण निम्नलिखित ट्रेनों के परिचालन में बदलाव किया गया है.
सीमांचल एक्सप्रेस: यह ट्रेन अब जोगबनी के बजाय फारबिसगंज से खुलेगी.
दानापुर-जोगबनी इंटरसिटी एक्सप्रेस: यह ट्रेन अब बथनाहा से परिचालित होगी. सहरसा-जोगबनी एक्सप्रेस: इस ट्रेन का परिचालन भी बथनाहा से किया जाएगा.
जोगबनी-कटिहार DMU: यह ट्रेन भी बथनाहा से ही खुलेगी. यात्रा करने से पहले देखें ट्रेन की स्थिति
एक अन्य ट्रेन के परिचालन में भी बदलाव किया गया है. जिसकी जानकारी पत्र में दी गई है. ट्रैक पर पानी भर जाने के कारण यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. रेलवे प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और पानी घटने के बाद ही परिचालन सामान्य होने की उम्मीद है. यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा करने से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें.
इन दिनों बिहार में मॉनसून ने विकराल रूप धारण कर लिया है. शनिवार को आसमान से बरसी आफत ने कई जगह तबाही मचा दी. कहीं सैकड़ों लोगों के घर उजड़ गए, तो कहीं परिवार बर्बाद हो गए. राज्य में बारिश अब कहर बनकर टूट रही है. शनिवार को हुई बारिश, आंधी और व्रजपात की वजह से करीब 10 लोगों की मौत की सूचना मिली है. मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए उत्तर बिहार के जिलों में आज भी रेड अलर्ट जारी किया है. शनिवार जैसी तबाही की आशंका आज भी बनी हुई है. इसीलिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. बता दें कि नेपाल में भूस्खलन और बाढ़ से तबाही मची हुई है. पिछले 36 घंटे में 22 लोगों की मौत की सूचना है. News18 पर Live Updates जारी है.
सीतामढ़ी में घुसा बाढ़ का पानी
नेपाल में रातों नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण, नेपाल के मलिवार में रातों नदी पर बना बांध ध्वस्त/क्षतिग्रस्त हो गया है. इस बांध के टूटने से भारतीय इलाके, विशेष रूप से सीतामढ़ी जिले के सुरसंड प्रखंड के भिट्ठा की कई पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे स्थिति गंभीर हो गई है.
कोसी बैराज से पानी का डिस्चार्ज 5.10 लाख क्यूसेक पर स्थिर
सुपौल के लिए कोसी नदी के संबंध में एक बड़ी राहत की खबर आई है. कोसी बैराज से पानी का डिस्चार्ज 5 लाख 10 हजार क्यूसेक पर स्थिर हो गया है, जिससे जलस्तर में और वृद्धि की आशंका कम हुई है. इसके अलावा, नदी के उद्गम क्षेत्र नेपाल के बराह में भी डिस्चार्ज लगातार घट रहा है और अब वह 3 लाख 8 हजार क्यूसेक पर स्थिर हो गया है, जो निचले इलाकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है.
UP-बिहार को जोड़ने वाला मार्ग बाधित
कैमूर जिले में लगातार 48 घंटे से हो रही बारिश और मुसाखाड़ बांध से 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण कर्मनाशा नदी एक बार फिर उफान पर है. नदी का जलस्तर बढ़ने से उत्तर प्रदेश-बिहार को जोड़ने वाला दुर्गावती-ककरैथ मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है, जहां पुलिया पर करीब ढाई से तीन फीट पानी की तेज धारा बह रही है. डायल 112 की टीम सुरक्षा के लिए तैनात है और राहगीरों को दूसरे रास्तों से जाने की अपील कर रही है. स्थानीय लोगों ने आवागमन की समस्या को खत्म करने के लिए इस पुलिया पर पुल निर्माण की मांग की है. बागमती नदी उफान पर
नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बागमती नदी शिवहर में उफान पर है और खतरे के निशान को पार कर गई है. डुब्बा घाट पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 72 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच चुका है. जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
सुपौल प्रशासन ने जारी किया टॉल फ्री नंबर
कोसी नदी के बढ़ते जलस्तर और बाढ़ के खतरे को देखते हुए सुपौल जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है. प्रशासन ने लोगों की सुविधा के लिए जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर जारी किए हैं, जो हैं: 06473-224005 और 9430225162. लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति या आवश्यक सूचना के लिए तुरंत इन कंट्रोल रूम नंबरों पर संपर्क करें. साथ ही, सभी प्रभावित लोगों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर शरण लेने का निर्देश दिया गया है. कोसी नदी में उफान
नेपाल के बराह क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कोसी नदी उफान पर है और कोसी बराज से पानी का डिस्चार्ज 4 लाख 31 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया है, जिसमें एक घंटे के भीतर 1 लाख क्यूसेक की अचानक वृद्धि दर्ज की गई है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, डीएम (जिलाधिकारी) ने तत्काल निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत सभी सीओ (अंचल अधिकारियों) को तटबंधों की निरंतर निगरानी करने को कहा गया है. एहतियाती कदम के तौर पर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में माइकिंग के माध्यम से लोगों को अलर्ट किया जा रहा है और विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर शरण लेने का निर्देश दिया गया है. हालांकि, एक राहत भरी खबर यह है कि नेपाल के बराह क्षेत्र में अब डिस्चार्ज स्थिर हो गया है, जिससे आगे पानी बढ़ने की गति धीमी होने की उम्मीद है.
सीवान में 50 साल बाद हुई भीषण बारिश
सीवान जिले के मैरवा में हुई भीषण बारिश ने शहर की स्थिति को नारकीय बना दिया है. पिछले 50 वर्षों में हुई सबसे भयानक बारिश के चलते नई बाजार, बिचली बाजार, मझौली रोड, मिसकरहि और अस्पताल परिसर समेत नगर के आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों के घरों में पानी घुस गया है. जिससे कई लोग घर खाली करने को मजबूर हो गए हैं। पानी के तेज बहाव से रामजानकी सरोवर (पोखरा) की दीवार टूट गई है. वहीं स्टेशन चौक और सांसद आवास के सामने बने दुर्गा पूजा पंडाल भी गिर गए हैं और प्रतिमाएं गलने के कगार पर हैं. इस तबाही से गुस्साए लोग इसे नगर पंचायत की लचर जल निकासी व्यवस्था और विकास की पोल बताकर प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं. सासाराम में घरों में घुसा पानी
सासाराम में शुक्रवार देर रात से शुरू हुई झमाझम बारिश के कारण शनिवार को शहर के कई मोहल्लों में स्थिति विकराल बनी हुई है. बारिश का पानी अब तक वेदा नगर, चंद्रवंदी नगर और आसपास के कई इलाकों के घरों में घुसा हुआ है, जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि पानी निकासी की बेहतर व्यवस्था न होने के कारण यह परेशानी खड़ी हुई है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एसडीएम आशुतोष रंजन और नगर आयुक्त विकास कुमार सहित अन्य अधिकारी लगातार विभिन्न मोहल्लों में कैंप कर रहे हैं और जल्द से जल्द पानी निकालने की कोशिश में लगे हुए हैं, हालांकि शहर की विभिन्न सड़कों पर अभी भी जलजमाव बरकरार है.
आरा-केशोपुर मुख्य सड़क पर गिरा विशाल पेड़
अचानक मौसम में हुए बदलाव और तेज हवा के साथ हो रही जोरदार बारिश के कारण आरा में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश का सबसे ज्यादा असर बिजली व्यवस्था पर पड़ा है, जहां आरा-केशोपुर मुख्य सड़क पर एक विशालकाय पेड़ गिर गया. इस पेड़ ने बिजली के पोल को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे गांगी समेत शहर के उत्तरी इलाके के कई गांवों में बिजली पूरी तरह से बाधित हो गई है. बिजली गुल होने से लोग परेशान हैं. वहीं पेड़ गिरने के कारण मुख्य सड़क पर आवागमन भी कई घंटे से बाधित है. जिससे राहगीरों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. छपरा में बिजली व्यवस्था चरमराई
छपरा शहर में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, जिसके कारण पिछले 24 घंटे से बिजली गायब है. बिजली संकट को देखते हुए, अधिकारी समस्या के समाधान के लिए एम पावर ग्रिड में कैंप कर रहे हैं और जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास में जुटे हैं.
सुपौल में कोसी की प्रवाह से लग रहा डर
सुपौल में कोसी नदी के डिस्चार्ज में इन दिनों भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. ताजा जानकारी के अनुसार कोसी बराज से जल का प्रवाह बढ़कर 2 लाख 71 हजार क्यूसेक हो गया है. जबकि नेपाल स्थित बराह क्षेत्र में डिस्चार्ज 2 लाख 79 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया है. दोनों ही महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण जिला प्रशासन सतर्कता से निगरानी बनाए हुए है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. मधेपुरा में घर की दीवार गिरने से महिला की मौत
मधेपुरा के पुरैनी प्रखंड स्थित औराई और आसपास की कई पंचायतों में शनिवार की शाम चक्रवाती तूफान ने भयानक तबाही मचाई है, जिससे पूरा गांव खंडहर में तब्दील हो गया है. इस तूफान के कारण घर की दीवाल गिरने से मलबे में दबकर एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई है, जबकि पचास से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के अधिकारी और मेडिकल टीम मौके पर पहुंच गई है और तत्काल राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं.
शिवहर अनुमंडल क्षेत्र में आज बंद रहेंगे स्कूल
शिवहर अनुमंडल में मूसलाधार बारिश के कारण जलजमाव की गंभीर स्थिति को देखते हुए अनुमंडल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से एक बड़ा फैसला लिया है. एसडीएम अविनाश कुणाल ने 4 और 5 अक्टूबर 2025 को अनुमंडल क्षेत्र के सभी सरकारी और निजी स्कूलों (नर्सरी से कक्षा 12 तक) में पठन-पाठन का कार्य पूरी तरह प्रतिबंधित करने का फैसला लिया था. इसी के तहत आज सभी स्कूल बंद रहेंगे. एसडीएम ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत यह आदेश जारी किया है. जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूल परिसरों में जलजमाव के चलते बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है. सभी संबंधित पदाधिकारियों को आदेश का सख्ती से पालन करने और आम नागरिकों को इसकी सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचने की अपील भी की गई है. आज इन जिलों में फिर से मचेगा तांडव
आईएमडी द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, आज यानी रविवार को मधुबनी, सुपौल और अररिया में अत्यंत भारी बारिश होगी. इसीलिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा और मधेपुरा में अति भारी बारिश जबकि कटिहार, दरभंगा, समस्तीपुर और खगड़िया में भारी बारिश होगी. शेष जिलों में मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है.
कब मिलेगी राहत
आईएमडी द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, भारी से अत्यंत भारी बारिश का यह सिलसिला 06 अक्टूबर तक जारी रहने का पूर्वानुमान है. इसके बाद बारिश की गतिविधियों में कमी आयेगी. 09 अक्टूबर से तो बिहार के कई जिलों में बारिश का नामों निशान खत्म हो जायेगा और अक्टूबर मध्य तक मॉनसून की वापसी का टाइम आ जायेगा. इसीलिए यह सीजन का आखिरी भीषण बारिश वाला स्पेल हो सकता है. दिन और रात का तापमान बराबर
भारी बारिश के कारण दिन में ही अंधेरा छा गया. अधिकांश जिलों में दिन और रात के तापमान के बीच का अंतर बेहद कम हो गया है. राजधानी पटना में दिन और रात के तापमान में मात्र दो डिग्री का अंतर दर्ज किया गया, जबकि मोतिहारी, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में यह अंतर सिर्फ एक डिग्री रह गया. इसी तरह दूसरे जिलों का भी यही हाल है.
इन जिलों के लिए काल बन गया बारिश
आपदा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को आंधी-तूफान और वज्रपात की घटनाओं में कुल 10 लोगों की मौत हुई है, जबकि 13 लोग घायल हुए हैं अत्यधिक वर्षा और आंधी-तूफान के कारण वैशाली, रोहतास और मुजफ्फरपुर में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, यानी कुल 3 लोगों की जान गई. वहीं, आकाशीय बिजली गिरने से पश्चिम चंपारण में 2, भोजपुर में 1, जहानाबाद में 1, किशनगंज में 1 और अरवल में 2 लोगों की मौत हुई. इस तरह वज्रपात से कुल 7 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है. प्रमुख शहरों का तापमान और AQI
शहर अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान AQI पटना 28 26.4 88 मुजफ्फरपुर 27 26 64 गयाजी 30.8 26 52 पूर्णिया 29.6 26.3 79 भागलपुर 31 26.2 74
नोट- ये आंकड़े शनिवार के हैं.