गाजा पर कंट्रोल की तैयारी में इजरायल, 20 साल पहले क्यों बुलाया था फौज को वापस?
Explainer: गाजा पट्टी पर कंट्रोल की तैयारी में इजरायल, लेकिन 20 साल पहले क्यों बुला लिया था सैनिकों को वापस? Last Updated: August 21, 2025, 13:06 IST 2005 में जिस गाजा को इजरायल ने खाली कर दिया था, एक बार फिर उस पर कब्जा करने वाला है. (Photo- AFP) इजरायल इस समय दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है. एक तरफ जहां वो गाजा पट्टी को हासिल करने और उस पर कंट्रोल करने के लिए हमास से जंग लड़ रहा है, तो दूसरी ओर ईरान के साथ भी तनातनी का माहौल है. बीच में दोनों देशों के बीच गोले-मिसाइलें भी दागी गईं. लेकिन फिलहाल शांति है. हालांकि, ईरान के साथ जंग दोबारा कब शुरू हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है. लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि इजरायली सेना ने गाजा पट्टी पर कब्जा करने और उसे पूरी तरह से नियंत्रित करने की योजना के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है. सेना के मुताबिक गाजा सिटी के बाहरी इलाकों पर उसका नियंत्रण हो चुका है. जैतून और जबालिया इलाकों में इजरायली सैनिक पहले से ही तैनात हैं ताकि कब्जे की तैयारी की जा सके. लेकिन आज से 20 साल पहले इसी गाजा पट्टी पर इजरायल का कब्जा था. फिर ऐसा क्या हुआ जो उसे साल 2005 में गाजा पट्टी को छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा?
गाजा छोड़ने की वजह बताने से पहले आपको जरा उस ऐतिहासिक शहर के इतिहास को बतला देते हैं. दरअसल, गाजा वो शहर है, जिस पर कई साम्राज्यों का शासन रहा है. साल 1917 के पहले तक यह ऑटोमन साम्राज्य का हिस्सा था, जो एक विशाल और शक्तिशाली साम्राज्य था, जिसने 600 से अधिक वर्षों तक मध्य पूर्व, पूर्वी यूरोप और उत्तरी अफ्रीका के बड़े हिस्सों पर शासन किया. इस साम्राज्य की शुरुआत 13वीं शताब्दी के अंत में हुई और यह पहले विश्व युद्ध के बाद यानी 1922 में समाप्त हो गया. साल 1922 से पहले ही यह साम्राज्य कमजोर होने लगा, जिसकी वजह से गाजा पर साल 1917 में ब्रिटिश हुकूमत का शासन हो गया, जो 1948 तक रहा. इस दौरान 1948 में जब इजरायल का निर्माण हुआ, तो गाजा सिटी पर मिस्त्र ने कब्जा कर लिया. लेकिन इजरायल अपने निर्माण के बाद से ही गाजा सिटी को अपना हिस्सा मानता रहा. ऐसे में लगभग दो दशक के इंतजार के बाद वो मिस्त्र से इसे हासिल करने के लिए जंग में उतर गया.
साल 1967 में हुई यह जंग 6 दिन तक चली और इजरायल ने मिस्त्र को हराकर गाजा सिटी पर कब्जा कर लिया. ऐसा लगा कि गाजा सिटी में अब सबकुछ सही हो जाएगा. लेकिन फिलिस्तीन और इजरायली लोगों के बीच अक्सर झड़पें होने लगी. यह विद्रोह 1987 से 1993 तक चला. इस विद्रोह को पहली इंतिफादा के नाम से जाना गया. इंतिफादा मतलब “झटक देना” या “उखाड़ फेंकना”. यह शब्द फिलिस्तीनियों द्वारा इजरायली कब्जे के विरोध में किए गए विद्रोह के लिए इस्तेमाल किया गया था. एक तरफ 20 लाख फलिस्तीनी तो दूसरी ओर 9 हजार इजरायली. इसके बावजूद गाजा पट्टी (गाजा सिटी और उसके आसपास का 41 किलोमीटर लंबा और 6 से 12 किलोमीटर चौड़ा क्षेत्र) पर इजरायल का यह कब्जा 2005 तक था. इसके बाद इजरायल ने वहां से यहूदी बस्तियों और अपनी सेना को गाजा से एकतरफा डिसइंगेजमेंट प्लान (unilateral disengagement plan) के तहत वापस बुला लिया. लेकिन इस दौरान भी इजरायल ने गाजा की हवाई, जमीनी और समुद्री सीमा पर अपना नियंत्रण बरकरार रखा.
तब गाजा से इजरायल के हटने के पीछे तीन कारण बताए गए, जिसमें पहला सुरक्षा और आर्थिक लागत था. दरअसल, इजरायल के लिए गाजा पट्टी में यहूदी बस्तियों की सुरक्षा करना और वहां अपनी सेना को बनाए रखना बहुत महंगा और जोखिम भरा हो गया था. फिलिस्तीनी विद्रोह (दूसरा इंतिफादा) और हिंसक हमलों के कारण इजरायली सेना को लगातार झड़पों का सामना करना पड़ रहा था, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हो रहा था. दूसरी वजह शांति प्रक्रिया में सुधार की उम्मीद थी. तत्कालीन इजरायली प्रधानमंत्री एरियल शेरोन का मानना था कि गाजा से हटने से इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष कम होगा और शांति प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा. यह एक तरह का प्रयोग था, ताकि देखा जा सके कि फिलिस्तीनियों को स्वायत्तता देने से क्या होता है. वहीं, तीसरा प्रमुख कारण राजनीतिक और जनसांख्यिकीय था. गाजा में यहूदी बस्तियों की आबादी लगभग 9,000 थी, जबकि फिलिस्तीनियों की आबादी 20 लाख से अधिक थी. इस बड़े असंतुलन को देखते हुए गाजा पर कब्जा बनाए रखना इजरायल के लिए एक राजनीतिक बोझ बन गया था. इसके अलावा, इजरायली जनता के एक बड़े हिस्से ने गाजा से वापसी का समर्थन किया था.
लेकिन इजरायल जैसे ही गाजा सिटी से बाहर हुआ, वैसे ही हमास अपनी ताकत बढ़ाने लगा. साल 2007 में हमास ने गाजा सिटी पर नियंत्रण कर लिया था. इसके बाद इजरायल ने गाजा पट्टी के चारों तरफ सख्त नाकेबंदी कर दी, ताकि हमास को हथियार और अन्य सामग्री न मिल सके. इस नाकेबंदी के कारण गाजा के लोगों को काफी आर्थिक मुश्किलों और मानवीय संकट का सामना करना पड़ा. हमास इस नाकेबंदी को फिलिस्तीनी लोगों पर एक तरह का सामूहिक दंड मानता है. ऐसे में हमास और इजरायल के बीच झड़पें आम हो गईं. लेकिन पिछले कुछ सालों से दोनों के बीच की दुश्मनी ने भंयकर जंग का रूप ले लिया. लेकिन मौजूदा संघर्ष में इजरायल ने हमास को खत्म करने के उद्देश्य से गाजा सिटी पर फिर से सैन्य अभियान शुरू किया है. इजरायली सेना (आईडीएफ) के प्रवक्ता के अनुसार, उन्होंने शहर के बाहरी इलाकों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है. हालांकि, इजरायल का कहना है कि उसका उद्देश्य स्थायी रूप से कब्जा करना नहीं, बल्कि हमास के नियंत्रण को खत्म करना है. इस अभियान के लिए इजरायल ने बड़ी संख्या में रिजर्व सैनिकों को भी बुलाया है. About the Author Niranjan Dubey न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में सीनियर एसोसिएट एडिटर के तौर कार्यरत. इंटरनेशनल, वेब स्टोरी, ऑफबीट, रिजनल सिनेमा के इंचार्ज. डेढ़ दशक से ज्यादा समय से मीडिया में सक्रिय. नेटवर्क 18 के अलावा टाइम्स ग्रुप, …और पढ़ें न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में सीनियर एसोसिएट एडिटर के तौर कार्यरत. इंटरनेशनल, वेब स्टोरी, ऑफबीट, रिजनल सिनेमा के इंचार्ज. डेढ़ दशक से ज्यादा समय से मीडिया में सक्रिय. नेटवर्क 18 के अलावा टाइम्स ग्रुप, … और पढ़ें न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें। First Published : August 21, 2025, 12:52 IST homeknowledge गाजा पर कंट्रोल की तैयारी में इजरायल, 20 साल पहले क्यों बुलाया था फौज को वापस?