Surya Grahan 2025 Live: शुरू हुआ साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, जानिए कैसे देख सकेंगे Solar Eclipse, देखें पल-पल...

Live now Last Updated: September 21, 2025, 23:21 IST Surya Grahan in India 2025 Solar Eclipse Date, Sutak Kaal Time: आज, 21 सितंबर को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होने वाला है. यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में…और पढ़ें सूर्य ग्रहण 2025 लाइव- Surya Grahan Live 2025 Today: 21 सितंबर रविवार को लोगों को जिस वक्त का इंतजार था, आखिरकार वह समय आया और साल का आखिरी सूर्य ग्रहण रात शुरू हो गया है. इस ग्रहण को देखने के लिए भारत समेत दुनियाभर के लोगों की नजरें आसमान पर टिकी हुई थीं. लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा, क्योंकि भारत में यह रात के समय लगा है. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होने वाला है, जो भारतीय समयानुसार रात 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर 22 सितंबर को तड़के 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट रहने वाली है. आइए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण का समापन कब होगा? यह सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा? कैसे देख सकेंगे सूर्य ग्रहण? जानिए पल-पल की रिपोर्ट-
September 21, 2025 22:47 IST सूर्य ग्रहण और शारदीय नवरात्रि, क्या कोई प्रभाव होगा? साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लग रहा है. इसका समापन 22 सितंबर को होगा. हालांकि, इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा. यही कारण है कि सूर्य ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. साथ ही, ग्रहण से अगले दिन यानी 22 सितंबर से प्रारंभ होने वाले शारदीय नवरात्रि पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं माना जाएगा.
September 21, 2025 22:03 IST सूर्य ग्रहण के दौरान सोने से क्या होता है? जानिए विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय सोने से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित हो सकती है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए कई परंपराएं जागते रहने की सलाह देती हैं.
September 21, 2025 21:54 IST अधिकतम बिंदु के पास ग्रहण कैसा दिखेगा, तस्वीर में देखिए
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण न्यूज़ीलैंड के अलावा ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट की एक पतली पट्टी, विभिन्न प्रशांत द्वीपों और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा. टाइमएंडडेट के मुताबिक, ग्रहण 21 सितंबर को है. जबकि, न्यूज़ीलैंडवासी 22 सितंबर को सूर्योदय के समय ग्रहण देख पाएंगे.  एनीमेशन में देखिए कि, अधिकतम बिंदु के पास ग्रहण लगभग कैसा दिखता है. ऐसा चंद्रमा के पथ की वक्रता पृथ्वी के घूर्णन के कारण है.
September 21, 2025 21:15 IST 4 प्रकार के होते हैं सूर्य ग्रहण, जानिए कौन कितना प्रभावी Surya Grahan 2025 Live: सूर्य ग्रहण अब से कुछ ही देर में लगने वाला है. यानी भारतीय समयानुसार रात 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और 22 सितंबर को तड़के 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. ऐसे लोग हर वो चीज जानना चाहते हैं जो उनके जीवन से जुड़ी है. इसी तरह का एक सवाल है कि आखिर सूर्य ग्रहण कितने तरह का होता है? कौन सा ग्रहण कितना प्रभावी? आइए जानते हैं इनके बारे में-
पूर्ण सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है और सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंचती है. इस समय दिन में अंधकार छा जाता है इसलिए इसे सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली ग्रहण माना गया है.
आंशिक सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य का केवल कुछ भाग ढकता है. इस स्थिति में सूर्य अर्धचंद्राकार दिखाई देता है. आज लगने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण है.
वलयाकार सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा पृथ्वी से थोड़ी दूरी पर होता है और उसका आकार सूर्य से छोटा प्रतीत होता है. इस स्थिति में सूर्य चारों ओर से एक अंगूठी (रिंग ऑफ फायर) की तरह दिखाई देता है. इस ग्रहण को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं.
संकर सूर्य ग्रहण
संकर सूर्य ग्रहण: संकर सूर्य ग्रहण बहुत दुर्लभ होता है. कहीं-कहीं से यह पूर्ण दिखाई देता है और कहीं-कहीं से वलयाकार. पृथ्वी की सतह पर विभिन्न स्थानों से देखने पर इसका रूप बदल जाता है.

September 21, 2025 20:50 IST सूर्य ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए? जानिए इसके पीछे की वजह कुछ ही देर में साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है. इसलिए यह जानना जरूरी है कि, आखिर ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए.  बता दें कि, ग्रहण लगने से लेकर मोक्ष तक अन्न, जल आदि ग्रहण न करें. गर्भवती महिलाओं, रोगियों और वृद्धों के लिए यह नियम कुछ शिथिल है, लेकिन उन्हें तुलसी पत्ता जल में डालकर ही ग्रहण के समय पीना चाहिए. शास्त्रों में कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय नुकीली या धारदार वस्तु का प्रयोग न करें. बाहर निकलना, यात्रा करना या अशुभ कर्म करना वर्जित है. उन्हें मंत्र-जप, स्तोत्र-पाठ और ध्यान में समय बिताना चाहिए. ग्रहण काल में सोना, खाना-पीना, तेल लगाना, काजल लगाना, श्रृंगार करना, संभोग आदि कार्य वर्जित हैं. शुभ कार्य (यज्ञ, विवाह, गृहप्रवेश, यात्रा) इस समय नहीं करने चाहिए.
September 21, 2025 20:36 IST सूर्य ग्रहण के दौरान वायु मंडल पर क्या होता है असर ग्रहण के समय होने वाले अंधकार से तापमान और हवा में हल्के बदलाव दर्ज होते रहते हैं. हालांकि आज लगने वाला ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए भारत के वायुमंडल पर इसका प्रभाव नहीं रहेगाा और बदलाव भी नहीं होगा.
September 21, 2025 20:27 IST Surya Grahan 2025 LIVE: दुनिया का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही देख पाएगा सूर्य ग्रहण यह सच है कि आज (21 सितंबर 2025) का सूर्य ग्रहण दुनिया के केवल एक छोटे से हिस्से में दिखाई देगा. क्योंकि चंद्रमा की छाया पृथ्वी के एक सीमित क्षेत्र को ही कवर करती है, जिससे एक बड़ा हिस्सा इसे नहीं देख पाता है. यह ग्रहण मुख्य रूप से न्यूज़ीलैंड और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा. भारत में यह ग्रहण नहीं दिखेगा, क्योंकि यह देर रात होगा, जब भारत में भी रात होगी. टाइम एंड डेट के अनुसार, लगभग 16.6 मिलियन लोग- वैश्विक जनसंख्या का लगभग 0.2% आगामी आंशिक सूर्यग्रहण के कम से कम कुछ भाग को देख सकेंगे.

September 21, 2025 20:15 IST कन्या राशि में सूर्य, बुध और चंद्रमा सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लग रहा है और कन्या राशि में ग्रहों के राजा सूर्य के साथ बुध ग्रह और चंद्रमा मौजूद हैं. इस तरह कन्या राशि में सूर्य, बुध और चंद्र ग्रह होने से बुधादित्य राजयोग और त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है. कन्या राशि के स्वामी ग्रहों के राजकुमार बुध हैं. वहीं सिंह राशि में शुक्र ग्रह और छाया ग्रह केतु मौजूद है.
September 21, 2025 20:10 IST सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य चालीसा का करें पाठ दोहा
कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।।
चौपाई
जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर।
भानु, पतंग, मरीची, भास्कर, सविता, हंस, सुनूर, विभाकर।
विवस्वान, आदित्य, विकर्तन, मार्तण्ड, हरिरूप, विरोचन।
अम्बरमणि, खग, रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते।
सहस्रांशु, प्रद्योतन, कहि कहि, मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि।
अरुण सदृश सारथी मनोहर, हांकत हय साता चढ़ि रथ पर।
मंडल की महिमा अति न्यारी, तेज रूप केरी बलिहारी।
उच्चैश्रवा सदृश हय जोते, देखि पुरन्दर लज्जित होते।
मित्र, मरीचि, भानु, अरुण, भास्कर, सविता,
सूर्य, अर्क, खग, कलिहर, पूषा, रवि,
आदित्य, नाम लै, हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै।
द्वादस नाम प्रेम सो गावैं, मस्तक बारह बार नवावै।
चार पदारथ सो जन पावै, दुख दारिद्र अघ पुंज नसावै।
नमस्कार को चमत्कार यह, विधि हरिहर कौ कृपासार यह।
सेवै भानु तुमहिं मन लाई, अष्टसिद्धि नवनिधि तेहिं पाई।
बारह नाम उच्चारन करते, सहस जनम के पातक टरते।
उपाख्यान जो करते तवजन, रिपु सों जमलहते सोतेहि छन।
छन सुत जुत परिवार बढ़तु है, प्रबलमोह को फंद कटतु है।
अर्क शीश को रक्षा करते, रवि ललाट पर नित्य बिहरते।
सूर्य नेत्र पर नित्य विराजत, कर्ण देश पर दिनकर छाजत।
भानु नासिका वास करहु नित, भास्कर करत सदा मुख कौ हित।
ओठ रहैं पर्जन्य हमारे, रसना बीच तीक्ष्ण बस प्यारे।
कंठ सुवर्ण रेत की शोभा, तिग्मतेजसः कांधे लोभा।
पूषा बाहु मित्र पीठहिं पर, त्वष्टा-वरुण रहम सुउष्णकर।
युगल हाथ पर रक्षा कारन, भानुमान उरसर्मं सुउदरचन।
बसत नाभि आदित्य मनोहर, कटि मंह हंस, रहत मन मुदभर।
जंघा गोपति, सविता बासा, गुप्त दिवाकर करत हुलासा।
विवस्वान पद की रखवारी, बाहर बसते नित तम हारी।
सहस्रांशु, सर्वांग सम्हारै, रक्षा कवच विचित्र विचारे।
अस जोजजन अपने न माहीं, भय जग बीज करहुं तेहि नाहीं।
दरिद्र कुष्ट तेहिं कबहुं न व्यापै, जोजन याको मन मंह जापै।
अंधकार जग का जो हरता, नव प्रकाश से आनन्द भरता।
ग्रह गन ग्रसि न मिटावत जाही, कोटि बार मैं प्रनवौं ताही।
मन्द सदृश सुतजग में जाके, धर्मराज सम अद्भुत बांके।
धन्य-धन्य तुम दिनमनि देवा, किया करत सुरमुनि नर सेवा।
भक्ति भावयुत पूर्ण नियम सों, दूर हटत सो भव के भ्रम सों।
परम धन्य सो नर तनधारी, हैं प्रसन्न जेहि पर तम हारी।
अरुण माघ महं सूर्य फाल्गुन, मध वेदांगनाम रवि उदय।
भानु उदय वैसाख गिनावै, ज्येष्ठ इन्द्र आषाढ़ रवि गावै।
यम भादों आश्विन हिमरेता, कातिक होत दिवाकर नेता।
अगहन भिन्न विष्णु हैं पूसहिं, पुरुष नाम रवि हैं मलमासहिं।
दोहा
भानु चालीसा प्रेम युत, गावहिं जे नर नित्य।
सुख सम्पत्ति लहै विविध, होंहि सदा कृतकृत्य।।
September 21, 2025 19:47 IST सूर्य ग्रहण 2025 लाइव अपडेट: वर्ष में कम से कम दो बार होता है सूर्य ग्रहण अब सूर्य ग्रहण शुरू होने में कुछ ही समय बाकी है. हालांकि, भारत में इसका प्रभाव नहीं है. बता दें कि, पृथ्वी पर किसी न किसी स्थान पर वर्ष में कम से कम दो बार सूर्यग्रहण होता है, लेकिन एक ही स्थान से सूर्यग्रहण देखना दुर्लभ है. कभी-कभी तो यह एक शताब्दी में केवल एक बार ही होता है.
September 21, 2025 19:04 IST ग्रहण के दौरान क्या करना रहेगा फलदायी? आज यानी 21 सितंबर को ग्रहण के दौरान क्या करें? यह सवाल आपका भी हो सकता है. तो आपको बता दूं कि, सूर्य ग्रहण के दौरान जप और ध्यान करना बेहद फलदायी है. इस समय किए गए मंत्र जाप और प्रार्थनाएं सामान्य दिनों की तुलना में अधिक प्रभावी होती हैं. साथ ही, गरीबों को दान-पुण्य करना भी शुभ फल देता है. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान और घर की शुद्धि करना आवश्यक माना गया है. हालांकि, भले ही यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका प्रभाव हर जगह महसूस किया जा सकता है.

September 21, 2025 18:12 IST 122 साल बाद सूर्य ग्रहण पर बना अद्भुत संयोग आज यानी 21 सितंबर की रात लगने वाला सूर्य ग्रहण अद्भुत संयोग में पड़ेगा. बता दें कि, ग्रहण और पितृ पक्ष का संबंध हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है. इस बार खास बात यह है कि 122 साल बाद ऐसा संयोग बना है जब पितृ पक्ष की शुरुआत और समापन दोनों ही सूर्य ग्रहण से जुड़े हैं. पिछली बार यह संयोग 1903 में बना था, जब भारत में ऐतिहासिक घटनाएं जैसे बंगाल विभाजन की योजना और कांग्रेस अधिवेशन हुए थे.

September 21, 2025 17:09 IST सूर्य ग्रहण कब और क्यों लगता है? जब चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है, तो कुछ समय के लिए सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुच पाती हैं, तब उस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

September 21, 2025 17:06 IST आज सूर्य ग्रहण कुल 4 घंटे 24 मिनट का होने वाला है भारतीय समय के अनुसार, आज ग्रहण की शुरुआत रात 10 बजकर 59 मिनट से होने वाली है. ग्रहण का चरम काल 22 सितंबर को सुबह 1 बजकर 11 मिनट पर होगा. साथ ही ग्रहण का मोक्षकाल 22 सितंबर को सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर होगा. इस तरह सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट की होगी.
September 21, 2025 17:05 IST साल 2026 का पहला सूर्य ग्रहण कब होगा, जानें साल 2026 का पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी 2026 को लगने वाला है. यह ग्रहण एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें सूर्य रिंग ऑफ फायर के रूप में दुनियाभर में देखा जाएगा.
September 21, 2025 17:04 IST सूर्य ग्रहण और शारदीय नवरात्रि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. साथ ही ग्रहण के बाद से ही यानी 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो जाएंगे. चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण का प्रभाव नवरात्रि में नहीं पड़ेगा.
September 21, 2025 16:39 IST अगला सूर्यग्रहण 2 अगस्त 2027 को होगा आज 21 सितंबर 2025 दिन रविवार, दक्षिणी गोलार्ध के आकाशदर्शी आंशिक सूर्यग्रहण देखेंगे. भारत के लिए, यह ग्रहण क्षितिज के नीचे रहेगा, इसलिए अदृश्य रहेगा. फिर भी इसकी ब्रह्मांडीय सुंदरता हमें प्रेरित करती है. भारतीय पर्यवेक्षकों के लिए धैर्य का फल मिलेगा. बताते चलें कि, भारत से दिखाई देने वाला अगला सूर्यग्रहण 2 अगस्त 2027 को होगा. जब देश के अधिकांश भाग दोपहर और शाम को आकाश में आंशिक सूर्यग्रहण देखेंगे.
Today, 21 September 2025 (Sunday), skywatchers in the Southern Hemisphere will witness a Partial #SolarEclipse. For India, the eclipse will remain below the horizon and thus invisible – yet its cosmic beauty still inspires us. Start: 10:59 pm, IST, 21 SeptMaximum: 1:11 am,… pic.twitter.com/be05ZI3xHl — Narottam Sahoo (@narottamsahoo) September 21, 2025

September 21, 2025 16:19 IST इसलिए भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण आज दक्षिणी गोलार्ध के आकाशदर्शी आंशिक सूर्यग्रहण देखेंगे. भारत के लिए, ग्रहण क्षितिज के नीचे रहेगा और इसलिए अदृश्य रहेगा. फिर भी इसकी ब्रह्मांडीय सुंदरता प्रेरित करेगी.
September 21, 2025 16:14 IST अंटार्कटिका में देखें पूर्ण सूर्य ग्रहण

September 21, 2025 15:19 IST सूर्य ग्रहण कब और क्यों लगता है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब पाप ग्रह राहु और केतु उसका ग्रास करने के लिए आते हैं. ऐसे समय को अशुभ माना जाता है, इस वजह से इसमें कोई शुभ काम नहीं करते हैं और भगवत भजन करते हैं. हालांंकि मंदिरों के कपाट तक बंद कर देते हैं.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जब चंद्रमा परिक्रमा करते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है तो सूर्य का प्रकाश धरती पर नहीं पड़ता है, इसे घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं.
First Published : September 21, 2025, 07:45 IST homedharm शुरू हुआ साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, जानिए कैसे देख सकेंगे Solar Eclipse