Belaganj Vidhan Sabha Seat: राजद के किले में NDA की पकड़ मजबूत, जनता ने खोला विधायक जी का रिपोर्ट कार्ड Last Updated: September 27, 2025, 18:43 IST Belaganj vidhan sabha Public Opinion: राजद का अभेद किला माना जाने वाला बेलागंज 34 साल बाद 2024 के उपचुनाव में ढह गया. जदयू की मनोरमा देवी ने राजद के डॉ. विश्वनाथ कुमार सिंह को उप चुनाव में शिकस्त दी थी. जहानाबाद का सांसद बनने के बाद डॉ. सुरेन्द्र यादव ने अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतारा था. गया. राजद का अभेद किला माना जाने वाला बेलागंज 34 साल बाद 2024 के उपचुनाव में ढह गया. जदयू की मनोरमा देवी ने राजद के डॉ. विश्वनाथ कुमार सिंह को उप चुनाव में शिकस्त दी थी. जहानाबाद का सांसद बनने के बाद डॉ. सुरेन्द्र यादव ने अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतारा था. एक साल पहले हुए उप चुनाव के बाद दोबारा चुनावी जंग होनी है. अपने-अपने दलों में डॉ. विश्वनाथ कुमार सिंह और मनोरमा देवी की दावेदारी पक्की मानी जा रही है. हालांकि, दोनों दलों में अन्य दावेदार भी सक्रिय हैं.
मनोरमा देवी और उनके बेटे रॉकी यादव जहां एक साल में किए गए काम को लेकर जनता के सामने जा रहे हैं. वहीं, विश्वनाथ कुमार पिता सुरेंद्र यादव द्वारा किए गए कामों को गिना रहे हैं. पिछले साल हुए उपचुनाव में यहां जन सुराज ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की थी. माना जा रहा है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में बेलागंज में शह और मात का खेल चलेगा. एक चाल की गलती से जीत, हार में बदल सकती है. इस बार मुकाबला 50-50 होने की उम्मीद जताई जा रही है और एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवार के बीच जबरदस्त चुनावी जंग देखने को मिलेगी. 2024 के उपचुनाव में जन सुराज के प्रत्याशी मोहम्मद अमजद को 17,285 वोट मिले थे, जो प्रभावशाली नहीं थे. लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि 2025 में यह पार्टी त्रिकोणीय मुकाबला बना सकती है लेकिन एनडीए और महागठबंधन के दो मजबूत उम्मीदवार के सामने जनसुराज के पास कोई दमदार उम्मीदवार नही हैं. 2024 के उपचुनाव में जदयू की मनोरमा देवी ने 73,334 वोट हासिल कर राजद के विश्वनाथ सिंह यादव को 21,391 वोटों से हराया. विश्वनाथ को 51,943 वोट मिले. इस उपचुनाव में 14 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें AIMIM के प्रत्याशी को मात्र 3,535 वोट मिले. जन सुराज के मोहम्मद अमजद की हार का अंतर 56,049 वोट था, लेकिन उनकी मौजूदगी ने वोटों का बंटवारा जरूर किया.
मनोरमा देवी के काम से जनता कितनी खुश?
बेलागंज की जनता ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि बेलागंज में दोनों विधायकों ने काम कराया है. पहले सुरेंद्र यादव ने भी काम कराया था और अब वर्तमान विधायक मनोरमा देवी भी काम करा रही हैं. इस बार यहां का मुकाबला 50-50 होगा. वहीं कुछ लोगों का मानना था कि बेलागंज में सुरेंद्र यादव के कार्यकाल में काफी अशांति थी लेकिन पिछले एक साल से क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम है. 1 साल के भीतर मनोरमा देवी ने कई ऐसी सड़के बनवाई जो कभी बनाई नहीं गई थी.
वहीं बेलागंज बाजार के रहने वाले एक दुकानदार ने बताया कि अगर बेलागंज को नगर पंचायत या परिषद बना दिया जाता तो इसका विकास और तेजी से होता है. बाजार में जगह-जगह गंदगी फैली रहती है. आज भी बाजार में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है जिस कारण शाम होते हीं पूरा बाजार अंधकारमय हो जाता है. काफी पहले कुछ जगहों पर उन दिनों के विधायक सुरेंद्र यादव के द्वारा सोलर लाइट लगाई गई थी लेकिन वह सालों से खराब पड़ी है और उसे कोई देखने वाला नहीं है.
बेलागंज विधानसभा सीट का चुनावी समीकरण
बता दें कि बेलागंज विधानसभा सीट की स्थापना 1962 में हुई थी और यह गया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. 2008 के परिसीमन के बाद गया सदर प्रखंड के कुछ हिस्सों को भी इसमें शामिल किया गया. अब तक यहां 17 बार विधायक का चुनाव हो चुका है, जिसमें दो उपचुनाव भी शामिल हैं. अब तक इस सीट पर राजद ने सात बार, कांग्रेस ने पांच बार, जनता दल ने दो बार जीत हासिल की है. संयुक्त समाजवादी पार्टी, जनता पार्टी और जद(यू) ने एक-एक बार विजय प्राप्त की है. 1990 से 2024 तक बेलागंज राजद का गढ़ रहा, जहां डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव लगातार विधायक रहे. 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में बेलागंज सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुरेंद्र प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की. उस समय भी बेलागंज में सुरेंद्र यादव का मजबूत दबदबा था. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को बड़े अंतर से हराकर यह साबित कर दिया था कि बेलागंज अब आरजेडी का एक मजबूत गढ़ बन चुका है. 1990 से लगातार जीत का जो सिलसिला था, वह 2010 में भी जारी था.
2015 के विधानसभा चुनाव में भी सुरेंद्र प्रसाद यादव ने बेलागंज से अपनी पकड़ कायम रखी. इस बार उनका मुकाबला हम पार्टी के उम्मीदवार मो. शरीम अली से हुआ. सुरेंद्र यादव ने 53,079 वोट प्राप्त किए जबकि मो. शरीम अली को 48,441 वोट मिले. सुरेंद्र यादव ने करीब 4,638 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. इस चुनाव ने यह साफ कर दिया कि भले ही मुकाबला कड़ा हो, लेकिन बेलागंज की जनता अब भी सुरेंद्र यादव पर भरोसा करती है.
2020 के चुनाव में सुरेंद्र प्रसाद यादव ने एक बार फिर बाजी मारी. इस बार उनके सामने जेडीयू के अभय कुमार सिन्हा थे. सुरेंद्र यादव ने 46.91% वोट हासिल किए, जबकि अभय सिन्हा को 32.81% वोट मिले. सुरेंद्र यादव ने 23,963 वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज कर अपनी लगातार सातवीं विजय पूरी की. 2020 का चुनाव यह दिखाने वाला था कि 30 साल बाद भी सुरेंद्र यादव का जलवा बेलागंज में बरकरार है. जब आरजेडी की बादशाहत हुई खत्म
2024 में बेलागंज की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह बदल गई. सुरेंद्र यादव ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, जिससे बेलागंज में उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में जनता दल यूनाइटेड (JDU) की मनोरमा देवी ने आरजेडी के विश्वनाथ कुमार सिंह को 21,391 वोटों के बड़े अंतर से हराया. मनोरमा देवी को कुल 73,334 वोट मिले. यह पहली बार था जब बेलागंज में आरजेडी की बादशाहत खत्म हुई और एनडीए का परचम लहराया.
इस सीट पर एमवाई समीकरण का बोलबाला है. करीब तीन लाख की आबादी वाले इस विधानसभा में 70 हजार यादव और 60 हजार मुस्लिम वोटर हैं. इसके अलावा भूमिहार 20 हजार, राजपूत 15 हजार, कोइरी-दांगी 25 हजार, बनिया 10 हजार,अनुसूचित जाति के करीब 50 हजार वोटर हैं. हार जीत के लिए मुस्लिम यादव समीकरण निर्णायक साबित होता है. About the Author Mohd Majid with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f… और पढ़ें First Published : September 27, 2025, 17:51 IST homebihar Belaganj Seat: राजद के किले में NDA की पकड़ मजबूत, ये क्या बोल गई जनता