आसमान में छाया सुर्ख लाल ब्लड मून, देखते ही लोग हो गए मंत्रमुग्ध
दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे भारत में साल का दूसरा और आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण शुरू हो गयाहै. इसे ‘ब्लड मून’ के नाम से भी जाना जाता है. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण रात 8:58 बजे शुरू हुआ और रात 1:26 बजे समाप्त होगा. यह पितृपक्ष की शुरुआत के साथ एक दुर्लभ संयोग बनाएगा. इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल रविवार दोपहर से शुरू हो चुका है, जो हिंदू मान्यताओं के अनुसार अशुभ समय माना जाता है. ज्योतिषियों के मुताबिक, सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो गया है और चंद्रग्रहण समाप्त होने तक रहेगा.
यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जो देशभर में साफ दिखाई देगा. आज होने वाले इस पूर्ण चंद्रग्रहण पर नेहरू तारामंडल की प्रोग्राम मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने बताया कि बहुत लंबे समय के बाद कुछ ऐसी खगोलीय घटना होने वाली है, जिसे हम नंगी आंखों से देख सकते हैं. इस घटना को देखने के लिए हमें किसी उपकरण की जरूरत नहीं है, यह इसलिए खास है क्योंकि बहुत लंबे समय बाद हम दिल्ली-एनसीआर से इसे देख पाएंगे. यह ब्लड रेड मून के नाम से भी प्रचलित है.
8:58 बजे से चंद्रग्रहण शुरू, 11 बजे दिखेगा ब्लडमून
दिल्ली के नेहरू प्लेनेटोरियम की प्रोग्रामिंग मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने जानकारी दी कि भारत आज साल का आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण देखने वाला है. यह ग्रहण रात 8:58 बजे शुरू होगा और सुबह 2:25 बजे तक चलेगा. रात 11 बजे के करीब चांद का रंग लाल हो जाएगा, जिसे ‘रेड ब्लड मून’ कहा जाता है. खास बात यह है कि सूर्यग्रहण की तरह इसे देखने के लिए किसी विशेष सुरक्षा उपकरण की जरूरत नहीं है, इसे आप नंगी आंखों से भी देख सकते हैं. इस मौके पर नेहरू प्लेनेटोरियम ने टेलिस्कोप और बड़े स्क्रीन की व्यवस्था की है ताकि खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोग यहां आकर इस अद्भुत नजारे को करीब से देख सकें. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह खगोलीय घटना बेहद खास है और दर्शकों के लिए यादगार साबित होगी.
सूतक काल में बंद हुआ राम जन्मभूमि मंदिर
चंद्रग्रहण से पहले सूतक काल में राम जन्मभूमि मंदिर को भी बंद कर दिया गया है. ग्रहण की स्थिति में यह एक सामान्य प्रक्रिया है. यही वजह है कि इस वक्त राम मंदिर के बाहर हजारों की भीड़ कइट्ठा होने लगी है. हर कोई भगवान राम के दर्शन करना चाहता है. हालांकि यह सुविधा भक्तों के लिए फिलहाल उपलब्ध नहीं है.
दिल्ली-एनसीआर में कब दिखेगा चंद्रग्रहण?
भारतीय समय (IST) के अनुसार, यह पूर्ण चंद्रग्रहण 7 सितंबर की रात 9:58 से 8 सितंबर के तड़के 1:26 बजे तक रहेगा. दृक पंचांग और अन्य ज्योतिष स्रोतों के मुताबिक, ग्रहण की मुख्य चरण इस प्रकार हैं…
पेनुम्ब्रल चरण की शुरुआत (पहला संपर्क): शाम 8:58 बजे चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करना शुरू करेगा, लेकिन नंगी आंखों से इसे देखना मुश्किल है.
आंशिक ग्रहण की शुरुआत (उम्ब्रा संपर्क): रात 9:58 बजे से चंद्रमा पर काली छाया दिखनी शुरू हो जाती है.
पूर्ण ग्रहण की शुरुआत: रात 11:01 बजे चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाएगा, और ‘ब्लड मून’ का नजारा दिखेगा, जहां चंद्रमा लाल रंग का हो जाता है.
ग्रहण का अधिकतम चरण: रात 11:42 बजे – यह सबसे खूबसूरत पल होगा, जब चंद्रमा पूरी तरह से लाल दिखेगा.
पूर्ण ग्रहण की समाप्ति: रात 12:22 बजे (8 सितंबर) – चंद्रमा छाया से बाहर आना शुरू करेगा.
आंशिक ग्रहण की समाप्ति: सुबह 1:25 बजे.
पेनुम्ब्रल चरण की समाप्ति: सुबह 2:24 बजे – ग्रहण पूरी तरह खत्म हो जाएगा.
कैसे देखें चंद्रग्रहण?
दिल्ली-एनसीआर में मौसम साफ रहने की उम्मीद है, इसलिए लोग घर की छतों या खुले मैदानों से इस नजारे को देख सकेंगे. इसके लिए कोई विशेष उपकरण की जरूरत नहीं है, नंगी आंखों से ही देखा जा सकता है. हालांकि, अगर आप टेलीस्कोप या दूरबीन का इस्तेमाल करेंगे, तो और बेहतर अनुभव होगा.
सूतक काल क्या है और क्यों महत्वपूर्ण?
हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष महत्व है. यह वह अशुभ समय होता है, जब पूजा-पाठ, खाना बनाना या खाना जैसे कार्यों से परहेज किया जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्रग्रहण के लिए सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू होता है.
इस सूतक काल की शुरुआत रविवार दोपहर 12:57 बजे से हो गई, जो देर रात 2:24 बजे तक रहेगा.
सूतक काल में क्या न करें?
मंदिरों में पूजा या देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श न करें. अगर जरूरी हो, तो गंगाजल से शुद्धिकरण करें.
खाना न बनाएं और न खाएं. पहले से बना हुआ फलाहार या सात्विक भोजन ही लें.
गर्भवती महिलाओं को घर में रहने और ग्रहण न देखने की सलाह दी जाती है.
नाखून काटना, बाल बनाना या सोना जैसे कार्यों से बचें.
ग्रहण के बाद स्नान करें और दान-पुण्य करें.
ज्योतिषी बताते हैं कि सूतक काल चंद्रमा के प्रभाव से जुड़ा है, और इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. हालांकि, वैज्ञानिक रूप से ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जहां पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है.
ग्रहण का राशियों पर क्या असर?
ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रहण कुंभ राशि में होगा, जिसका असर सभी राशियों पर पड़ेगा. मेष, सिंह और धनु राशि वालों के लिए यह शुभ हो सकता है, जबकि वृषभ, कर्क और तुला वालों को सावधानी बरतनी चाहिए. स्वास्थ्य, नौकरी और परिवार पर प्रभाव पड़ सकता है. वैज्ञानिक रूप से, ग्रहण का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है, लेकिन सूर्य की रोशनी से बचने की सलाह दी जाती है, हालांकि चंद्रग्रहण में ऐसा कोई खतरा नहीं है.
दुनिया में कहां-कहां दिखेगा?
यह ग्रहण दुनिया के 85% लोगों को दिखाई देगा. एशिया, अफ्रीका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में साफ देखा जा सकेगा. अमेरिका में यह दिन के समय होगा, इसलिए नहीं दिखेगा. भारत में रात होने से पूरा नजारा मिलेगा. अगर मौसम खराब हो, तो नासा या अन्य वेबसाइट्स पर लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं.
यह ग्रहण 2025 का दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण है, और अगला 2026 में होगा. खगोल प्रेमी इसे ‘ब्लड मून’ कहते हैं, क्योंकि वायुमंडल से गुजरती रोशनी चंद्रमा को लाल रंग देती है. दिल्ली-एनसीआर के लोग शाम को तैयार रहें, और सूतक काल के नियमों का पालन करें. अगर आप ग्रहण देखने जा रहे हैं, तो परिवार के साथ इस खूबसूरत नजारे का आनंद लें, लेकिन धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करें. न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।