LA में एंटी-ICE प्रदर्शन के बीच लूटा गया एप्पल स्टोर, वीडियो में देखें खौफनाक नजारा
लॉस एंजेलिस में इन दिनों हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। अमेरिका के इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के दौरान लॉस एंजेलिस के डाउंटाउन इलाके में रविवार देर रात भारी लूटपाट और तोड़फोड़ की खबरें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान मशहूर टेक्नोलॉजी ब्रांड एप्पल के प्रमुख स्टोर और जॉर्डन फ्लैगशिप स्टोर समेत कई बड़े कारोबारी प्रतिष्ठानों को प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सैकड़ों नकाबपोश लोग काले रंग की हुडी पहनकर एप्पल स्टोर में घुस गए और वहां से महंगे प्रोडक्ट्स लूट कर फरार हो गए। इस दौरान स्टोर में तोड़फोड़ भी की गई। घटना के वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों ने स्टोर के शीशों को पूरी तरह चकनाचूर कर दिया।
वीडियो में पुलिस के सायरन और गोलियों की आवाजें भी सुनी जा सकती हैं। लॉस एंजेलिस में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने देर रात स्टोर पर छापा मारा, लेकिन कई लुटेरे अंदर ही फंसे रह गए। पुलिस के पहुंचने के बाद भी कई लुटेरे वहां से भाग निकले।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, रविवार की रात आधी रात के बाद यह घटना घटी जब पुलिस को सूचना मिली कि डाउंटाउन क्षेत्र में स्थित एप्पल स्टोर और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की जा रही है। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्टोर को चारों तरफ से घेर लिया, लेकिन तब तक कई महंगे गैजेट्स, मोबाइल्स, लैपटॉप्स और अन्य प्रोडक्ट्स स्टोर से गायब हो चुके थे।
इस घटना ने शहर में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक तरफ प्रदर्शनकारी ICE की नीतियों का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हिंसक गतिविधियों में शामिल कुछ तत्व इस मौके का फायदा उठाकर दुकानों को निशाना बना रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ICE की कार्रवाईयों के चलते प्रवासी समुदाय के लोग भयभीत हैं। इन नीतियों का विरोध करना उनका संवैधानिक अधिकार है। लेकिन प्रशासन का कहना है कि हिंसा और तोड़फोड़ का कोई औचित्य नहीं है।
इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस घटना पर सख्त रुख दिखाया है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी व्यक्ति चेहरे पर नकाब पहन कर प्रदर्शन में शामिल हो रहा है, उसकी तुरंत गिरफ्तारी की जाए। ट्रंप प्रशासन ने लॉस एंजेलिस में 2,000 अतिरिक्त नेशनल गार्ड्स की तैनाती को भी मंजूरी दी है ताकि हालात को काबू में लाया जा सके।
डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस के मुताबिक, पहले लॉस एंजेलिस में 300 नेशनल गार्ड्स की तैनाती थी, जिसे बढ़ाकर 1,700 कर दिया गया है। लेकिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार को भी लगातार पांचवें दिन पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें होती रहीं।
सोमवार की रात भी करीब 100 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़पें हुईं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी सड़कों पर नारेबाजी करते हुए घूम रहे हैं और कई जगहों पर पुलिस बल के साथ हिंसक टकराव कर रहे हैं।
इस बीच एप्पल कंपनी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन सूत्रों के अनुसार कंपनी को इस घटना में भारी नुकसान हुआ है। स्टोर से लाखों डॉलर के प्रोडक्ट्स चोरी हुए हैं। इसके अलावा स्टोर में तोड़फोड़ की वजह से मरम्मत में भी बड़ी राशि खर्च करनी पड़ेगी।
जॉर्डन फ्लैगशिप स्टोर को भी इस हिंसा का शिकार होना पड़ा। वहां भी तोड़फोड़ और लूटपाट की खबरें आई हैं।
स्थानीय नागरिकों में इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना एक बात है लेकिन इस तरह से व्यापारिक प्रतिष्ठानों में लूटपाट और तोड़फोड़ करना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इससे ना केवल कारोबारियों को नुकसान होता है बल्कि शहर की छवि भी खराब होती है।
पुलिस विभाग के अधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं पूरी तरह से सुनियोजित लग रही हैं। कई नकाबपोश लोग एक साथ पहुंचे और मिनटों में स्टोर को पूरी तरह खाली कर दिया। पुलिस अब CCTV फुटेज और सोशल मीडिया वीडियो के आधार पर लुटेरों की पहचान करने में जुट गई है।
Apple Store in Los Angeles got rapidly ransacked by the usual suspects during Monday night’s insane anti-ICE riot. Mayor Karen Bass has absolutely no control of her constituents. Yet another epic failure by LA’s worst ever mayor.pic.twitter.com/TkFNUb8tIV — Paul A. Szypula 🇺🇸 (@Bubblebathgirl) June 10, 2025
घटना के बाद डाउंटाउन लॉस एंजेलिस में दहशत का माहौल है। कई कारोबारी स्टोर्स अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से इस इलाके में न जाएं।
प्रदर्शनकारियों ने भी साफ किया है कि उनका उद्देश्य केवल ICE की नीतियों का विरोध करना है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व उनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्रशासन जल्द ही स्थिति को नियंत्रित नहीं करता तो यह आंदोलन और हिंसक हो सकता है। लॉस एंजेलिस पहले भी ऐसे नस्लीय और आव्रजन संबंधी प्रदर्शनों का गवाह रहा है जो बाद में दंगों में तब्दील हो गए थे।
राष्ट्रपति ट्रंप के आदेशों के बावजूद स्थिति में तत्काल सुधार के संकेत नहीं मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सेना की तैनाती से तनाव और भी बढ़ सकता है। दूसरी ओर प्रदर्शनकारी भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
लॉस एंजेलिस के मेयर ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है और प्रशासन प्रवासी समुदाय की समस्याओं पर बातचीत के लिए तैयार है।
घटना से जुड़े वीडियो लगातार इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में दिख रहा है कि एप्पल स्टोर की बड़ी-बड़ी कांच की खिड़कियां तोड़ी जा रही हैं, लोग अंदर घुस कर सामान उठा रहे हैं और सड़क पर अफरातफरी का माहौल है।
इस घटना ने अमेरिका में प्रवासियों से जुड़े मुद्दों और ICE की नीतियों को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यदि स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह राष्ट्रीय संकट का रूप ले सकती है।
फिलहाल पूरा लॉस एंजेलिस पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। हर मुख्य सड़क पर पुलिस और नेशनल गार्ड्स की गश्त बढ़ा दी गई है।
इस घटना के बाद अमेरिका समेत दुनियाभर में एप्पल के स्टोर्स की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। कंपनी की प्रतिष्ठा और ग्राहकों के भरोसे पर इसका असर पड़ सकता है।
सवाल यह भी उठ रहे हैं कि आखिर प्रदर्शन के नाम पर इस तरह की लूटपाट और हिंसा को कैसे रोका जा सकता है? क्या प्रशासन सही समय पर कदम उठा पाया? क्या ट्रंप प्रशासन की सख्ती से हालात सुधरेंगे या और बिगड़ेंगे?
इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में सामने आएंगे। लेकिन इतना तय है कि लॉस एंजेलिस इस समय एक बड़े संकट के दौर से गुजर रहा है।