किसके कारण 35 साल तक बेखौफ रहा मछली गैंग? सीएम मोहन यादव ने लगाया ठिकाने

Last Updated: August 22, 2025, 17:41 IST मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मछली गैंग का आतंक बीते 35 सालों से बेखौफ चला आ रहा था. इस गैंग पर डॉ. मोहन यादव के शिकंजा कसते ही बड़ा एक्‍शन लिया गया. 100 करोड़ की सरकारी संपत्ति इन लोगों से आजाद कराई गई है….और पढ़ें भोपाल में मछली गैंग को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं. भोपाल.  कुख्यात मछली गैंग पर आखिरकार शिकंजा कस गया है, लेकिन इसके बॉस या मास्‍टरमाइंड तक पहुंच अभी होना बाकी है. दरअसल, बीते 35 सालों से यह गैंग मंत्री–अफसरों की छत्रछाया में फल–फूल रहा था, लेकिन अब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्रवाई कर 100 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्तियां जमींदोज करा दी हैं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि लव जिहाद और ड्रग माफिया जैसे अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि अपराधियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है और सभी को एक-एक कर ठिकाने लगाया जाएगा.

सूत्रों का दावा है कि इसी मछली परिवार की कोठी में पूर्व मुख्‍यमंत्री, वर्तमान विधायक और राज्‍य मंत्री, कैबिनेट मंत्री, पुलिस और प्रशासन के अफसरों का आना-जाना रहा है. मछली गैंग का नेटवर्क सिर्फ भोपाल तक सीमित नहीं है. इसके तार दुबई और देश के कई राज्यों से जुड़े थे. चाचा–भतीजा ड्रग्स तस्करी, रेप और ब्लैकमेलिंग जैसे मामलों में आरोपी रहे हैं. गैंग ने काली कमाई से आलीशान कोठियां, कंपनियां और वैध-अवैध संपत्तियां खड़ी कर ली थीं. सवाल यह है कि इतने सालों तक आखिर किसके संरक्षण में यह साम्राज्य खड़ा हुआ?

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सीधा एक्शन लिया… 
स्थानीय लोग कहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री, मौजूदा कैबिनेट मंत्री और यहां तक कि विधायक भी इस नेटवर्क पर मेहरबान रहे. यही वजह रही कि कोई भी अधिकारी या पुलिस अफसर इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा सका. अब जबकि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सीधा एक्शन लिया है, राजधानी में यह चर्चा तेज है कि सरकार सिर्फ गैंग तक ही कार्रवाई क्यों सीमित रख रही है? क्या उन नेताओं और अफसरों के नाम भी सामने आएंगे, जिन्होंने 35 साल तक इस काले कारोबार को पनपने दिया? यही सबसे बड़ा सवाल अब खड़ा हो रहा है.

मछली गैंग की क्राइम कुंडली, नेटवर्क के पीछे छिपे “मास्टरमाइंड” की तलाश
मछली गैंग में सोहेल, शहरयार, शफीक, शाहिद, और शावेज शामिल हैं, जो यौन शोषण, अपहरण, मादक पदार्थों की तस्करी और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम देते हैं. हाल ही में, क्राइम ब्रांच ने गैंग के सदस्य शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन को गैमन मॉल के पास से गिरफ्तार किया, जिनके पास से एमडी ड्रग्स और एक देशी पिस्टल बरामद हुई थी. गैंग का एक सदस्य, शफीक अहमद, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़ा था, लेकिन विवादों के कारण उसे इस्तीफा देना पड़ा, जो इस बात को उजागर करता है कि यह गैंग किस तरह समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़ा हुआ है. पुलिस इस पूरे नेटवर्क के पीछे छिपे “मास्टरमाइंड” की तलाश कर रही है, जो यासीन से भी ऊपर माना जा रहा है.

दोनों आरोपियों ने कई बड़े खुलासे किए, पर नहीं बताया बॉस कौन
सूत्रों का दावा है कि पुलिस को यासीन के मोबाइल से चौंकाने वाले वीडियो मिले हैं, जिनमें वह युवकों को निर्वस्त्र करके बेरहमी से पीटता हुआ दिख रहा है. इसके अलावा, मोबाइल में युवतियों के आपत्तिजनक वीडियो भी पाए गए हैं. ये वीडियो इस बात को साबित करते हैं कि यह गैंग कितना क्रूर और खतरनाक है. पुलिस रिमांड में हुई पूछताछ के दौरान, दोनों आरोपियों ने कई बड़े खुलासे किए हैं, जिससे इस गैंग के अपराधों की गहराई का पता चलता है. इस नेटवर्क में कुछ खास लड़कियां भी शामिल हैं जो किसी पर भी रेप, छेड़छाड़ या अन्‍य आरोप लगाकर उसे आपराधिक मामलों में फंसा देती हैं. वहीं स्‍थानीय लोगों ने मछली गैंग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. यह गैंग ड्रग्‍स तस्‍करी, ड्रग्‍स बेचने के बड़े नेटवर्क को चला रहा था, इसके अलावा भी कई अपराधों में जुड़ा हुआ था.

इस अवैध कब्‍जे और इमारतों पर प्रशासन ने की कार्रवाई
1. शकील अहमद पिता शरीफ अहमद का फार्म हाउस खसरा नंबर 55 शासकीय भूमि में स्थित वार्ड नंबर 62 अनंतपुरा कोकता
2. शारिक पिता शरीफ अहमद का वेयर हाउस 40000 वर्ग फिट पर वार्ड नंबर 62 अनंतपुरा कोकता
3. शकील अहमद पिता शरीफ अहमद का सुमन फार्म शासकीय भूमि पर वार्ड नंबर 62 अनंतपुरा कोकता
4. इरशाद अहमद पिता सरफराज मोहम्मद खान द्वारा कारखाना शासकीय भूमि पर वार्ड नंबर 62 अनंतपुरा कोकता
5. अता उल रहमान पिता मुफ्ती रईस अहमद खान द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध मदरसा वार्ड नंबर 62 अनंतपुरा कोकता
6. शारिक अहमद उर्फ मछली ,सोहेल अहमद ,शफीक अहमद तीनों के पिता शरीफ अहमद तीन मंजिल कोठी शासकीय भूमि पर निवासी वार्ड नंबर 62, अनंतपुरा कोकता

1990 में 15 हजार वर्ग फीट पर बनाई थी कोठी
मछली गैंग ने सरकारी जमीन पर 1990 में कोठी बनाई थी. करीब 15 हजार वर्ग फीट जमीन पर बनी इस आलीशान तीन मंजिलों वाली कोठी में करीब 30 लग्‍जरी कमरे, बड़ी पार्किंग, स्विमिंग पूल, शानदार पार्क, जिम और गैराज बना हुआ था. सरकारी अफसरों का दावा है कि इस कोठी को पहले सील कर दिया गया था और गुरुवार को यह सील खोलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की गई. कलेक्‍टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि मछली परिवार की अवैध इमारत दुकानों को सभी नियमों का पालन करते हुए जमींदोज कराया गया है. ये सभी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करते हुए बनाए गए थे. 30 जुलाई को विरोध को देखते हुए प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की थी.
अवैध संपत्ति और उसकी अनुमानित कीमत
1. शकील अहमद पिता शरीफ का फार्म हाउस 40 एकड़ कीमत करीब 55 करोड़ रुपए
2 शारिक पिता शरीफ वेयर हाउस 0.9 एकड़ 10 करोड़
3 शकील अहमद पिता शरीफ फार्म हाउस 2 एकड़ 5 करोड़
4 इरशाद अहमद पिता सरफराज मोहम्मद कारखाना 4 एकड़ 10 करोड़
5 अता उल रहमान पिता मुफ्ती रईस अवैध मदरसा दुकाने 1 एकड़ 5 करोड़
6 शारिक पिता शरीफ अहमद अवैध बकरा, मुर्गी फार्म 5 एकड़ 8 करोड़ रुपए
7 शारिक, सोहेल, शफीक तीन मंजिला मकान 1 एकड़ 10 करोड़ रुपए About the Author Sumit verma सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें न्यूज़18 हिंदी को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें। Location : Bhopal, Bhopal, Madhya Pradesh First Published : August 22, 2025, 17:35 IST homemadhya-pradesh किसके कारण 35 साल तक बेखौफ रहा मछली गैंग? सीएम मोहन यादव ने लगाया ठिकाने