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Google, Meta, X on Deepfakes: भारत में डीपफेक्स (DeepFakes) और लगातार आ रहीं नई टेक्नोलॉजी को लेकर भारत सरकार काफी सजग है और जांच कर रही है। जनवरी में एक हुई स्टेहोल्डर्स की एक कंसल्टेशन बैठक में कम से कम तीन तकनीकी दिग्गजों – Google, Meta और X ने केंद्र सरकार को बताया कि उनके पास मैनिपुलेटेड मीडिया से निपटने के लिए कई नीतियां हैं।
Google और मेटा ने संकेत दिया कि उनके पास पहले से ही AI, डीपफेक या सिंथेटिक सामग्री के लिए लेबलिंग या डिस्क्लोजर पॉलिसी हैं। जब यूजर्स द्वारा मैनिपुलेटेड मीडिया में अपने व्यक्तित्व के इस्तेमाल को फ्लैग करने की बात आती है, तो केवल Google के पास एक प्रक्रिया है, जबकि मेटा “celebrity persona” की सुरक्षा पर “काम” कर रहा है।
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हालांकि, X ने इस बात पर जोर दिया कि “सारा AI कॉन्टेन्ट भ्रामक नहीं है” और आग्रह किया कि “आगे बढ़ने के लिए इस फर्क को उजागर करना महत्वपूर्ण है।”
नवंबर 2024 में, दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने डीपफेक के मुद्दों की जांच के लिए नौ सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति ने 21 जनवरी को टेक्नोलॉजी दिग्गजों और नीति और कानूनी हितधारकों के साथ एक परामर्श बैठक की। हितधारकों ने “अनिवार्य एआई सामग्री डिस्क्लोजर (mandatory AI content disclosure)”, लेबलिंग स्टैंडर्ड्स और शिकायत निवारण तंत्र के लेबल करने के लिए दबाव डाला, इस चेतावनी के साथ कि डीपफेक टेक्नोलॉजी के रचनात्मक इस्तेमाल के बजाय मैलिशस एक्टर्स होने पर जोर दिया जाना चाहिए।
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इस कंसल्टेशन मीटिंग में गूगल के दो प्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने कमेटी को बताया कि नवंबर 2023 से ही डीपफेक्स के लिए उनके पास पॉलिसी है। और नुकसान पहुंचाने के इरादे से बनाए गए मैनिपुलेटिव कॉन्टेन्ट को हटाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया जा रहा है। गूगल ने कहा कि Deepfakes पर इसकी पॉलिसी के मुताबिक, ‘वे क्रिएटर्स से सिंथेटिक कॉन्टेन्ट की जानकारी देने और लेबल प्रोवाइड कराने को कहते हैं।’ इसके अलावा उनके पास उन यूजर्स के लिए भी एक प्रक्रिया है जो यह दावा करते हैं कि डीपफेक बनाने के लिए उनका इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि उनके व्यक्तित्व को इ्स्तेमाल करने से जुड़ा कॉन्टेन्ट हटाया जा सके।
इसी तरह, मेटा, जिसने अप्रैल 2024 में अपनी AI लेबलिंग नीति लॉन्च की थी, उसने कहा, “यह यूजर्स को AI कॉन्टेनट अपलोड करते समय खुलासा करने की अनुमति देता है,” जिसमें विज्ञापन भी शामिल हैं, जहां यूजर्स को पता चल जाएगा कि क्या इसमें डिजिटल रूप से एडिट किया गया मटीरियल है, और उनकी कई पॉलिसी, टेक्नोलॉजी न्यूट्रल हैं, यानी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कॉन्टेन्ट में किया गया बदलाव खासतौर से एक डीपफेक है या नहीं। हालांकि, मेटा प्रतिनिधि ने समिति को बताया कि वे “सेलिब्रिटी व्यक्तित्वों की सुरक्षा पर काम कर रहे हैं।”
X ने कमेटी को यह भी बताया कि इसकी एक “सिंथेटिक और मैनिपुलेटेड मीडिया पॉलिसी” है, जहां “भ्रामक तरीके के कॉन्टेन्ट को हटा दिया जाता है”। हालांकि, इसमें कहा गया है कि कुछ पोस्ट को लेबल करने के लिए, उन्हें “बेहद भ्रामक और हानिकारक” होना चाहिए। एक्स ने यह भी कहा कि “सभी AI कॉन्टेन्ट, नेचर में भ्रामक नहीं है”, और “आगे बढ़ने के लिए इस फर्क को समझना महत्वपूर्ण है।”
अगले तीन महीनों में, MeitY द्वारा गठित कमेटी द्वारा डीपफेक के पीड़ितों सहित हितधारकों के साथ अपना परामर्श पूरा करने की उम्मीद है।
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Google, Meta, X on Deepfakes: भारत में डीपफेक्स (DeepFakes) और लगातार आ रहीं नई टेक्नोलॉजी को लेकर भारत सरकार काफी सजग है और जांच कर रही है। जनवरी में एक हुई स्टेहोल्डर्स की एक कंसल्टेशन बैठक में कम से कम तीन तकनीकी दिग्गजों – Google, Meta और X ने केंद्र सरकार को बताया कि उनके पास मैनिपुलेटेड मीडिया से निपटने के लिए कई नीतियां हैं।
Google और मेटा ने संकेत दिया कि उनके पास पहले से ही AI, डीपफेक या सिंथेटिक सामग्री के लिए लेबलिंग या डिस्क्लोजर पॉलिसी हैं। जब यूजर्स द्वारा मैनिपुलेटेड मीडिया में अपने व्यक्तित्व के इस्तेमाल को फ्लैग करने की बात आती है, तो केवल Google के पास एक प्रक्रिया है, जबकि मेटा “celebrity persona” की सुरक्षा पर “काम” कर रहा है।
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हालांकि, X ने इस बात पर जोर दिया कि “सारा AI कॉन्टेन्ट भ्रामक नहीं है” और आग्रह किया कि “आगे बढ़ने के लिए इस फर्क को उजागर करना महत्वपूर्ण है।”
नवंबर 2024 में, दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने डीपफेक के मुद्दों की जांच के लिए नौ सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति ने 21 जनवरी को टेक्नोलॉजी दिग्गजों और नीति और कानूनी हितधारकों के साथ एक परामर्श बैठक की। हितधारकों ने “अनिवार्य एआई सामग्री डिस्क्लोजर (mandatory AI content disclosure)”, लेबलिंग स्टैंडर्ड्स और शिकायत निवारण तंत्र के लेबल करने के लिए दबाव डाला, इस चेतावनी के साथ कि डीपफेक टेक्नोलॉजी के रचनात्मक इस्तेमाल के बजाय मैलिशस एक्टर्स होने पर जोर दिया जाना चाहिए।
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इस कंसल्टेशन मीटिंग में गूगल के दो प्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने कमेटी को बताया कि नवंबर 2023 से ही डीपफेक्स के लिए उनके पास पॉलिसी है। और नुकसान पहुंचाने के इरादे से बनाए गए मैनिपुलेटिव कॉन्टेन्ट को हटाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया जा रहा है। गूगल ने कहा कि Deepfakes पर इसकी पॉलिसी के मुताबिक, ‘वे क्रिएटर्स से सिंथेटिक कॉन्टेन्ट की जानकारी देने और लेबल प्रोवाइड कराने को कहते हैं।’ इसके अलावा उनके पास उन यूजर्स के लिए भी एक प्रक्रिया है जो यह दावा करते हैं कि डीपफेक बनाने के लिए उनका इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि उनके व्यक्तित्व को इ्स्तेमाल करने से जुड़ा कॉन्टेन्ट हटाया जा सके।
इसी तरह, मेटा, जिसने अप्रैल 2024 में अपनी AI लेबलिंग नीति लॉन्च की थी, उसने कहा, “यह यूजर्स को AI कॉन्टेनट अपलोड करते समय खुलासा करने की अनुमति देता है,” जिसमें विज्ञापन भी शामिल हैं, जहां यूजर्स को पता चल जाएगा कि क्या इसमें डिजिटल रूप से एडिट किया गया मटीरियल है, और उनकी कई पॉलिसी, टेक्नोलॉजी न्यूट्रल हैं, यानी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कॉन्टेन्ट में किया गया बदलाव खासतौर से एक डीपफेक है या नहीं। हालांकि, मेटा प्रतिनिधि ने समिति को बताया कि वे “सेलिब्रिटी व्यक्तित्वों की सुरक्षा पर काम कर रहे हैं।”
X ने कमेटी को यह भी बताया कि इसकी एक “सिंथेटिक और मैनिपुलेटेड मीडिया पॉलिसी” है, जहां “भ्रामक तरीके के कॉन्टेन्ट को हटा दिया जाता है”। हालांकि, इसमें कहा गया है कि कुछ पोस्ट को लेबल करने के लिए, उन्हें “बेहद भ्रामक और हानिकारक” होना चाहिए। एक्स ने यह भी कहा कि “सभी AI कॉन्टेन्ट, नेचर में भ्रामक नहीं है”, और “आगे बढ़ने के लिए इस फर्क को समझना महत्वपूर्ण है।”
अगले तीन महीनों में, MeitY द्वारा गठित कमेटी द्वारा डीपफेक के पीड़ितों सहित हितधारकों के साथ अपना परामर्श पूरा करने की उम्मीद है।
Last Updated:
Google ने 17 क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स को किया बैन, ऐपल भी देगा ऐसा ही झटका
हाइलाइट्स
नई दिल्ली. गूगल ने विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 17 बिना रजिस्टर किए गए ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है. इसके बाद, ऐपल भी इन ऐप्स को ऐप स्टोर से बैन करने की तैयारी कर रहा है. यह कदम तब उठाया गया जब दक्षिण कोरियाई वित्तीय सेवा आयोग (FSC) ने पाया कि ये क्रिप्टो प्लेटफॉर्म बिना कानूनी लाइसेंस के काम कर रहे थे, जिससे निवेशकों को जोखिम हो सकता था.
दक्षिण कोरियाई सरकार ने Google को निर्देश दिया है कि वह 17 विदेशी क्रिप्टो ऐप्स को Play Store से हटा दे, क्योंकि ये नियमों का पालन नहीं कर रहे थे. बैन ऐप्स में ये शामिल हैं:
बैन होने वाले ऐप्स
FSC ने कहा कि ये बिटकॉइन प्लेटफॉर्म सरकारी सुरक्षा से वंचित हैं, जिससे निवेशकों के लिए वित्तीय नुकसान का खतरा बढ़ जाता है.
KuCoin
MEXC
Phemex
BitTrue
BitGloba
CoinW
CoinEX
सुरक्षा और मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा
FSC ने गंभीर सुरक्षा खतरों की ओर इशारा किया है, जिसमें कहा गया है कि ये ऐप्स:
– व्यक्तिगत डेटा लीक कर सकते हैं
– निवेश की गई राशि का नुकसान हो सकता है
– मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी नियमों का पालन नहीं करते, जिससे अवैध वित्तीय गतिविधियों की चिंता बढ़ जाती है.
गूगल के बाद अब ऐपल की बारी
गूगल की कार्रवाई के बाद, ऐपल भी इन क्रिप्टो ऐप्स को अपने ऐप स्टोर से हटाने की तैयारी कर रहा है. फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) और कोरिया कम्युनिकेशन स्टैंडर्ड्स कमीशन सक्रिय रूप से बिना रजिस्ट्रेशन वाले क्रिप्टो ऐप्स की पहचान कर रहे हैं ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें.
अवैध क्रिप्टो कारोबारियों पर भारी जुर्माना और जेल
FSC ने बिना रजिस्ट्रेशन वाले क्रिप्टो कारोबारियों के लिए सख्त सजा का ऐलान किया है, जिसमें शामिल हैं:
– 50 मिलियन कोरियन वॉन (लगभग ₹29,00,000) तक का जुर्माना
– अवैध क्रिप्टो प्लेटफॉर्म चलाने वालों के लिए 5 साल तक की जेल
भारत ने पहले ही इन क्रिप्टो ऐप्स पर बैन लगाया है
दक्षिण कोरिया की कार्रवाई से पहले ही भारत ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स पर बैन लगा दिया था, जिनमें शामिल हैं:
Binance
KuCoin
Huobi
Kraken
Gate.io
Bitstamp
MEXC Global
Bittrex
Bitfinex
ये ऐप्स अब भारत में Google Play Store और Apple App Store पर उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि इन्हें लेकर रेगुलेटरी चिंताएं हैं.
Google Pixel 9a launched: गूगल ने भारत में अपनी Pixel Series का लेटेस्ट स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है। कंपनी के इस नए स्मार्टफोन को पिक्सल सीरीज की मिडरेंज a-Series के तहत पेश किया गया है। नए पिक्सल 9ए स्मार्टफोन में पिछले साल 2024 में लॉन्च हुए Pixel 9 Series वाला ही चिपसेट दिया गया है। Google Pixel 9a स्मार्टफोन में 48MP प्राइमरी रियर कैमरा दिया गया है। Pixel 9a स्मार्टफोन में 5100mAh बड़ी बैटरी दी गई है। फोन लटेस्ट ऐंड्रॉयड 15 के साथ आता है और इसे 7 साल तक OS व सिक्यॉरिटी अपडेट मिलने का दावा है।
गूगल पिक्सल 9ए स्मार्टफोन को भारत में 8 जीबी रैम व 256 जीबी स्टोरेज वेरियंट में लॉन्च किया गया है। फोन की कीमत 49,999 रुपये है। यह फोन आइरिस, ऑब्सिडियन, पीयनी और पोर्सिलन कलर ऑप्शन में उपलब्ध कराया गया है। गूगल का कहना है कि पिक्सल 9ए स्मार्टफोन अप्रैल में भारत में रिटेल पार्टनर्स पर खरीदने के लिए उपलब्ध होगा।
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गूगल पिक्सल 9ए स्मार्टफोन को 6.3 इंच (1.080×2,424 पिक्सल) Actua (pOLED) डिस्प्ले के साथ लॉन किया गया है। स्क्रीन 60 हर्ट्ज़ से 120 हर्ट्ज़ के बीच रिफ्रेश रेट ऑफर करती है। डिस्प्ले पैनल 2700 निट्स तक पीक ब्राइटनेस और गोरिल्ला ग्लास 3 प्रोटेक्शन के साथ आती है। नए पिक्सल 9ए को डुअल सिम सपोर्ट और ऐंड्रॉयड 15 के साथ लॉन्च किया गया है।
Google Pixel 9a स्मार्टफोन चौथी जेनरेशन के Tenson G4 चिप के साथ आता है। इस स्मार्टफोन में Titan M2 सिक्यॉरिटी कोप्रोसेसर दिया गया है। डिवाइस में 8GB रैम व 256GB इनबिल्ट स्टोरेज मिलती है। स्टोरेज को माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए नहीं बढ़ाया जा सकता है।
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फोटोज और वीडियो के लिए पिक्सल 9ए स्मार्टफोन में अपर्चर एफ/1.7, ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन, 1/2-इंच सेंसर के साथ 48 मेगापिक्सल प्राइमरी रियर कैमरा सेटअप मिलता है। कैमरा 8x तक Super Res Zoom सपोर्ट करता है। इस हैंडसेट में अपर्चर एफ/2.2 के साथ 13 मेगापिक्सल अल्ट्रावाइड कैमरा दिया गया है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए स्मार्टफोन में अपर्चर एफ/2.2 के साथ 13 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा मिलता है।
गूगल ने इस फोन में कई कैमरा फीचर्स जैसे Macro Focus, Add Me, Night Sight, Reimagine, Magic Eraser, Best Take, Photo Unblur और Portrait Light दिए है। डिवाइस के रियर कैमरा से 4K/60fps पर शूटिंग की जा सकती है और यह 5x तक डिजिटल ज़ूम सपोर्ट करता है। सेल्फी कैमरा 4K/30fps पर वीडियो रिकॉर्डिंग सपोर्ट करता है। डिवाइस में ढेरों वीडियो फीचर्स जैसे Audio Magic Eraser, Macro Focus Video, Cinematic Pan, Slo-mo (240fps), Timelapse Stabilisation, Astrophotography Timelapse, Night Sight Timelapse, Optical Video Stabilisation, Fused Video Stabilisatio और सिनेमैटिक पैन वीडियो स्टेबिलाइज़ेशन मिलते हैं।
पिक्सल 9ए को पावर देने के लिए 5100mAh की बैटरी दी गई है जो 23W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करती है। बैटरी 7.5W वायरलेस (Qi) चार्जिंग सपोर्ट करती है। गूगल का कहना है कि हैंडसेट से सिंगल चार्ज में 30 घंटे से ज्यादा की बैटरी लाइफ मिल जाएगी। और Extreme Battery Saver मोड में 100 घंटे तक की बैटरी लाइफ मिलेगी। फोन में इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है। हैंडसेट में फेस अनलॉक फीचर भी है। डिवाइस का डाइमेंशन 154.7×73.3×8.9mm और वजन 185.9 ग्राम है।
कनेक्टिविटी के लिए पिक्सल 9ए में 5G, 4G LTE, वाई-फाई 6E, ब्लूटूथ 5.3, NFC, GPS, और यूएसबी 3.2 टाइप-सी पोर्ट दिए गए हैं। हैंडसेट में स्टीरियो स्पीकर्स और दो माइक्रोफोन्स हैं। गूगल का यह फोन एक्सीलेरोमीटर, गायरोस्कोप, मैग्नेटोमीटर, बैरोमीटर, एम्बियंट लाइट सेंसर और प्रॉक्सिमिटी सेंसर के साथ आता है।
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Google Pixel 9a launched: गूगल ने भारत में अपनी Pixel Series का लेटेस्ट स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है। कंपनी के इस नए स्मार्टफोन को पिक्सल सीरीज की मिडरेंज a-Series के तहत पेश किया गया है। नए पिक्सल 9ए स्मार्टफोन में पिछले साल 2024 में लॉन्च हुए Pixel 9 Series वाला ही चिपसेट दिया गया है। Google Pixel 9a स्मार्टफोन में 48MP प्राइमरी रियर कैमरा दिया गया है। Pixel 9a स्मार्टफोन में 5100mAh बड़ी बैटरी दी गई है। फोन लटेस्ट ऐंड्रॉयड 15 के साथ आता है और इसे 7 साल तक OS व सिक्यॉरिटी अपडेट मिलने का दावा है।
गूगल पिक्सल 9ए स्मार्टफोन को भारत में 8 जीबी रैम व 256 जीबी स्टोरेज वेरियंट में लॉन्च किया गया है। फोन की कीमत 49,999 रुपये है। यह फोन आइरिस, ऑब्सिडियन, पीयनी और पोर्सिलन कलर ऑप्शन में उपलब्ध कराया गया है। गूगल का कहना है कि पिक्सल 9ए स्मार्टफोन अप्रैल में भारत में रिटेल पार्टनर्स पर खरीदने के लिए उपलब्ध होगा।
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गूगल पिक्सल 9ए स्मार्टफोन को 6.3 इंच (1.080×2,424 पिक्सल) Actua (pOLED) डिस्प्ले के साथ लॉन किया गया है। स्क्रीन 60 हर्ट्ज़ से 120 हर्ट्ज़ के बीच रिफ्रेश रेट ऑफर करती है। डिस्प्ले पैनल 2700 निट्स तक पीक ब्राइटनेस और गोरिल्ला ग्लास 3 प्रोटेक्शन के साथ आती है। नए पिक्सल 9ए को डुअल सिम सपोर्ट और ऐंड्रॉयड 15 के साथ लॉन्च किया गया है।
Google Pixel 9a स्मार्टफोन चौथी जेनरेशन के Tenson G4 चिप के साथ आता है। इस स्मार्टफोन में Titan M2 सिक्यॉरिटी कोप्रोसेसर दिया गया है। डिवाइस में 8GB रैम व 256GB इनबिल्ट स्टोरेज मिलती है। स्टोरेज को माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए नहीं बढ़ाया जा सकता है।
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फोटोज और वीडियो के लिए पिक्सल 9ए स्मार्टफोन में अपर्चर एफ/1.7, ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन, 1/2-इंच सेंसर के साथ 48 मेगापिक्सल प्राइमरी रियर कैमरा सेटअप मिलता है। कैमरा 8x तक Super Res Zoom सपोर्ट करता है। इस हैंडसेट में अपर्चर एफ/2.2 के साथ 13 मेगापिक्सल अल्ट्रावाइड कैमरा दिया गया है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए स्मार्टफोन में अपर्चर एफ/2.2 के साथ 13 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा मिलता है।
गूगल ने इस फोन में कई कैमरा फीचर्स जैसे Macro Focus, Add Me, Night Sight, Reimagine, Magic Eraser, Best Take, Photo Unblur और Portrait Light दिए है। डिवाइस के रियर कैमरा से 4K/60fps पर शूटिंग की जा सकती है और यह 5x तक डिजिटल ज़ूम सपोर्ट करता है। सेल्फी कैमरा 4K/30fps पर वीडियो रिकॉर्डिंग सपोर्ट करता है। डिवाइस में ढेरों वीडियो फीचर्स जैसे Audio Magic Eraser, Macro Focus Video, Cinematic Pan, Slo-mo (240fps), Timelapse Stabilisation, Astrophotography Timelapse, Night Sight Timelapse, Optical Video Stabilisation, Fused Video Stabilisatio और सिनेमैटिक पैन वीडियो स्टेबिलाइज़ेशन मिलते हैं।
पिक्सल 9ए को पावर देने के लिए 5100mAh की बैटरी दी गई है जो 23W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करती है। बैटरी 7.5W वायरलेस (Qi) चार्जिंग सपोर्ट करती है। गूगल का कहना है कि हैंडसेट से सिंगल चार्ज में 30 घंटे से ज्यादा की बैटरी लाइफ मिल जाएगी। और Extreme Battery Saver मोड में 100 घंटे तक की बैटरी लाइफ मिलेगी। फोन में इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है। हैंडसेट में फेस अनलॉक फीचर भी है। डिवाइस का डाइमेंशन 154.7×73.3×8.9mm और वजन 185.9 ग्राम है।
कनेक्टिविटी के लिए पिक्सल 9ए में 5G, 4G LTE, वाई-फाई 6E, ब्लूटूथ 5.3, NFC, GPS, और यूएसबी 3.2 टाइप-सी पोर्ट दिए गए हैं। हैंडसेट में स्टीरियो स्पीकर्स और दो माइक्रोफोन्स हैं। गूगल का यह फोन एक्सीलेरोमीटर, गायरोस्कोप, मैग्नेटोमीटर, बैरोमीटर, एम्बियंट लाइट सेंसर और प्रॉक्सिमिटी सेंसर के साथ आता है।