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AI can predict your heart biological age from ECG data | Heart Health: AI बताएगा आपका दिल जवान है या बूढ़ा? ECG रिपोर्ट से निकलेगा बड़ा राज!

आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिर्फ टेक्नोलॉजी का हिस्सा नहीं रह गया है, बल्कि यह हमारी सेहत को परखने में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है. यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ESC) के वैज्ञानिकों ने EHRA 2025 सम्मेलन में एक नई रिसर्च पेश की, जिसमें AI का उपयोग कर ECG डेटा से दिल की ‘बायोलॉजिकल उम्र’ पता करने का तरीका विकसित किया गया है. इस अध्ययन के अनुसार, ECG रिपोर्ट के जरिए AI यह बता सकता है कि आपका दिल आपकी असली उम्र से कितना ज्यादा या कम हेल्दी है.

हर व्यक्ति की दिल की उम्र दो तरह की होती है- क्रोनोलॉजिकल (वास्तविक) उम्र और बायोलॉजिकल (जैविक) उम्र. जहां क्रोनोलॉजिकल उम्र आपके जन्म के सालों के अनुसार तय होती है, वहीं बायोलॉजिकल उम्र इस बात पर निर्भर करती है कि आपका दिल कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है. AI की मदद से अब ECG रिपोर्ट से यह पता लगाया जा सकता है कि आपका दिल आपकी असली उम्र से ज्यादा तेजी से बूढ़ा हो रहा है या फिर इसके मुकाबले जवान है.

5 लाख लोगों पर हुआ शोध
इस अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने 5 लोगों के ECG डेटा का विश्लेषण किया और एक डीप लर्निंग एल्गोरिदम विकसित किया. इस AI टूल ने दिल की बायोलॉजिकल उम्र का आकलन कर यह पता लगाया कि कौन लोग दिल की बीमारी और मौत का ज्यादा खतरे में हैं.

दिल की उम्र और मृत्यु दर का गहरा संबंध
शोध के नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं. अगर दिल की जैविक उम्र व्यक्ति की वास्तविक उम्र से 7 साल ज्यादा होती है, तो मृत्यु का खतरा 62% और गंभीर दिल की बीमारी (MACE) का खतरा 92% तक बढ़ जाता है. दूसरी ओर, अगर दिल की उम्र वास्तविक उम्र से 7 साल कम होती है, तो मौत का खतरा 14% और दिल की बीमारी का खतरा 27% तक घट जाता है.

ECG से मिलेगा सटीक नतीजा
शोधकर्ताओं के अनुसार, जिन लोगों का इजेक्शन फ्रैक्शन (EF) कम था (यानी जिनका दिल खून पंप करने में कमजोर था), उनकी ECG रिपोर्ट में QRS अवधि ज्यादा पाई गई. यह दर्शाता है कि उनके दिल के इलेक्ट्रिकल सिग्नल धीमी गति से संचारित हो रहे हैं. इन मरीजों में QT इंटरवल भी ज्यादा देखा गया, जिससे यह पता चलता है कि उनके दिल का संकुचन और रिलैक्सेशन सामान्य से ज्यादा समय ले रहा है.

भविष्य में क्लीनिकल उपयोग की उम्मीद
AI द्वारा ECG डेटा का विश्लेषण करने की यह तकनीक भविष्य में दिल की बीमारी के खतरा का पता लगाने में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है. एसोसिएट प्रोफेसर बैक का कहना है कि इस तकनीक के लिए बड़े पैमाने पर और ज्यादा अध्ययन की आवश्यकता है, ताकि इसके नतीजों को और अधिक सटीक और भरोसेमंद बनाया जा सके.

हेल्दी दिल के लिए सतर्क रहें
अगर आपका दिल आपकी उम्र से ज्यादा बूढ़ा हो रहा है, तो यह समय है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें. नियमित व्यायाम, बैलेंस डाइट और तनाव मुक्त जीवन से आप अपने दिल की उम्र को कम कर सकते हैं. AI आधारित यह नई तकनीक जल्द ही डॉक्टरों को आपके दिल की असली उम्र का पता लगाने में मदद करेगी, जिससे समय रहते सही उपचार किया जा सकेगा.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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Office Coffee Side Effects Explained; Heart Health – Dehydration | Mental Health | सेहतनामा- क्या ऑफिस की कॉफी बढ़ा रही कोलेस्ट्रॉल?: नई रिसर्च में खुलासा, कार्डियोलॉजिस्ट से जानें कॉफी का सही समय और तरीका

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2 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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ऑफिस में लंबी मीटिंग्स और काम के लंबे घंटों के लिए ऑफिस की कॉफी फ्यूल की तरह काम करती है। अब तो हर ऑफिस में कॉफी लोगों की लाइफलाइन बन गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये कॉफी न सिर्फ आपकी नींद उड़ा रही है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ा रही है।

हाल ही में हेल्थ जर्नल ‘न्यूट्रिशन, मेटाबॉलिज्म एंड कार्डियोवस्कुलर डिजीज’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, ज्यादातर ऑफिस में कॉफी बनाने के लिए इस्तेमाल हो रही मशीन से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ रहा है। इससे कार्डियोवस्कुलर डिजीज का जोखिम भी बढ़ सकता है।

यह स्टडी स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी और चाल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने साझा रूप से की है। इसमें पता चला है कि कॉफी बनाने के तरीका ये तय करता है कि कॉफी पीने से कितना कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। आमतौर पर फिल्टर कॉफी में इसका जोखिम कम होता है।

इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज कॉफी का बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • ज्यादा कॉफी पीने के क्या नुकसान हैं?
  • क्या कॉफी पीने से हार्ट डिजीज बढ़ सकती हैं?
  • कॉफी पीने का सही तरीका और समय क्या है?

कॉफी पीने से क्यों बढ़ रहा कोलेस्ट्रॉल?

अगर कॉफी को फिल्टर नहीं किया गया है तो इसमें डिटरपीन होते हैं जिनसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। आमतौर पर ऑफिस में फिल्टर कॉफी नहीं होती है। इसलिए ऑफिस मशीन से बनी कॉफी पीने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का जोखिम ज्यादा होता है।

ज्यादा कॉफी पीने से क्या नुकसान हो सकते हैं?

डॉ. अमर सिंघल के मुताबिक, ऑफिस की कॉफी मशीन से बनी कॉफी में डिटरपीन ज्यादा मात्रा में होते हैं, जिनसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। इसलिए इससे ज्यादा नुकसान होता है। जबकि फिल्टर कॉफी उतनी नुकसानदायक नहीं होती है। किसी भी तरह की कॉफी ज्यादा पी जाए तो कई नुकसान हो सकते हैं। ग्राफिक में देखिए-

क्या कॉफी पीने से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है?

न्यूट्रिशन, मेटाबॉलिज्म एंड कार्डियोवस्कुलर डिजीज में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, डिटरपीन युक्त कॉफी का अधिक सेवन हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ा सकता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की कॉफी पीते हैं।

यदि आप दिनभर बिना फिल्टर वाली कॉफी जैसेकि- एस्प्रेसो, फ्रेंच प्रेस या मशीन-ब्रूड कॉफी पीते हैं, तो आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, जिससे हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

कॉफी पीने का सही तरीका और समय

आमतौर पर ज्यादातर लोग कॉफी सुबह के समय पीने की सलाह देते हैं। उनकी बात सही भी है, क्योंकि कॉफी पीने के 12 से 14 घंटे बाद भी कैफीन शरीर में मौजूद रहता है और ब्रेन न्यूरॉन्स को एक्टिव रखता है। इसलिए बहुत ज्यादा कॉफी पीने से ब्रेन एक्टिविटी प्रभावित हो सकती है। इसके बावजूद इसका एक तरीका बनाएं कि कॉफी कब और कैसे पिएंगे-

क्या शाम को कॉफी पीना खतरनाक है?

डॉ. अमर सिंघल कहते हैं कि किन्हीं खास परिस्थितियों में जैसे परीक्षाओं से पहले या किसी डेडलाइन के काम को पूरा करने के लिए कभी-कभी रात के समय कॉफी पीना ठीक है, लेकिन सामान्य स्थिति में शाम 4 बजे के बाद कॉफी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि शाम को पी गई कॉफी भी रात में आपकी नींद को प्रभावित करेगी।

दूध के साथ कॉफी पीने से बचें

भारत में चाय-कॉफी दूध, चीनी के साथ मिलाकर पीने का चलन है। लेकिन ये गलत कॉम्बिनेशन है। दूध में मौजूद कैल्शियम और लैक्टोज प्रोटीन जब चाय, कॉफी के कैफीन और टैनिन से रिएक्ट करते हैं तो ये हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसी के चलते हमें पेट में जलन और गैस की समस्या होती है।

कॉफी पीने से जुड़े कॉमन सवाल और जवाब

सवाल: क्या रोज कॉफी पीना सुरक्षित है?

जवाब: हां, लेकिन सीमित मात्रा में। विशेषज्ञों के अनुसार, दिनभर में 2-3 कप (400mg तक कैफीन) लेना सुरक्षित माना जाता है। इससे अधिक लेने पर घबराहट, दिल की धड़कन तेज होना, नींद की समस्या और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

सवाल: कॉफी से वजन बढ़ता है या घटता है?

जवाब: यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कॉफी कैसे पीते हैं। ब्लैक कॉफी में कैलोरी कम होती है और यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाकर फैट बर्न करने में मदद करती है, जिससे वजन घट सकता है। लेकिन अगर आप ज्यादा शुगर, क्रीम, फ्लेवर्ड सिरप या फुल फैट दूध मिलाते हैं, तो कैलोरी बढ़ जाती है और वजन बढ़ने का खतरा रहता है।

सवाल: कॉफी पीने से नींद क्यों उड़ जाती है?

जवाब: कॉफी में मौजूद कैफीन एक प्राकृतिक स्टिमुलेंट है, जो दिमाग को सतर्क रखता है और मैलेटोनिन यानी नींद के लिए जरूरी हॉर्मोन को कम कर देता है। यही कारण है कि अगर आप सोने से 6 घंटे पहले भी कॉफी पीते हैं तो आपको देर रात तक नींद नहीं आती है।

सवाल: क्या कॉफी से हड्डियां कमजोर होती हैं?

जवाब: हां, अगर बहुत ज्यादा कॉफी पीते हैं तो ऐसा हो सकता है। कैफीन शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं) का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप कॉफी पीते हैं तो कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर डाइट जरूरी है।

सवाल: क्या प्रेग्नेंसी में कॉफी पी सकते हैं?

जवाब: हां, लेकिन सीमित मात्रा (200mg यानी 1 कप) में। प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा कैफीन लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है, क्योंकि कैफीन प्लैसेंटा यानी गर्भनाल से होकर भ्रूण तक पहुंचता है। यह गर्भस्थ शिशु के दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए डॉक्टर कम कैफीन वाली कॉफी या डिकैफ कॉफी पीने की सलाह देते हैं।

……………………. सेहत की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- चाय-कॉफी पिएं पर दूध-चीनी के बगैर:भारतीयों के कैफीन प्रेम पर ICMR की चेतावनी, बताया पीने का सही तरीका और मात्रा

ICMR के मुताबिक संतुलित मात्रा में इसका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद भी है, लेकिन हमारी दिक्कत ये है कि चाय-कॉफी के मामले में कोई संतुलन नहीं है। सुबह उठकर नींद भगाने से लेकर दिन में कभी भी बोरियत भगाने तक के लिए लोगों का सहारा चाय-कॉफी ही है। पूरी खबर पढ़िए…

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2 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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ऑफिस में लंबी मीटिंग्स और काम के लंबे घंटों के लिए ऑफिस की कॉफी फ्यूल की तरह काम करती है। अब तो हर ऑफिस में कॉफी लोगों की लाइफलाइन बन गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये कॉफी न सिर्फ आपकी नींद उड़ा रही है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ा रही है।

हाल ही में हेल्थ जर्नल ‘न्यूट्रिशन, मेटाबॉलिज्म एंड कार्डियोवस्कुलर डिजीज’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, ज्यादातर ऑफिस में कॉफी बनाने के लिए इस्तेमाल हो रही मशीन से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ रहा है। इससे कार्डियोवस्कुलर डिजीज का जोखिम भी बढ़ सकता है।

यह स्टडी स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी और चाल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने साझा रूप से की है। इसमें पता चला है कि कॉफी बनाने के तरीका ये तय करता है कि कॉफी पीने से कितना कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। आमतौर पर फिल्टर कॉफी में इसका जोखिम कम होता है।

इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज कॉफी का बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • ज्यादा कॉफी पीने के क्या नुकसान हैं?
  • क्या कॉफी पीने से हार्ट डिजीज बढ़ सकती हैं?
  • कॉफी पीने का सही तरीका और समय क्या है?

कॉफी पीने से क्यों बढ़ रहा कोलेस्ट्रॉल?

अगर कॉफी को फिल्टर नहीं किया गया है तो इसमें डिटरपीन होते हैं जिनसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। आमतौर पर ऑफिस में फिल्टर कॉफी नहीं होती है। इसलिए ऑफिस मशीन से बनी कॉफी पीने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का जोखिम ज्यादा होता है।

ज्यादा कॉफी पीने से क्या नुकसान हो सकते हैं?

डॉ. अमर सिंघल के मुताबिक, ऑफिस की कॉफी मशीन से बनी कॉफी में डिटरपीन ज्यादा मात्रा में होते हैं, जिनसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। इसलिए इससे ज्यादा नुकसान होता है। जबकि फिल्टर कॉफी उतनी नुकसानदायक नहीं होती है। किसी भी तरह की कॉफी ज्यादा पी जाए तो कई नुकसान हो सकते हैं। ग्राफिक में देखिए-

क्या कॉफी पीने से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है?

न्यूट्रिशन, मेटाबॉलिज्म एंड कार्डियोवस्कुलर डिजीज में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, डिटरपीन युक्त कॉफी का अधिक सेवन हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ा सकता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की कॉफी पीते हैं।

यदि आप दिनभर बिना फिल्टर वाली कॉफी जैसेकि- एस्प्रेसो, फ्रेंच प्रेस या मशीन-ब्रूड कॉफी पीते हैं, तो आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, जिससे हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

कॉफी पीने का सही तरीका और समय

आमतौर पर ज्यादातर लोग कॉफी सुबह के समय पीने की सलाह देते हैं। उनकी बात सही भी है, क्योंकि कॉफी पीने के 12 से 14 घंटे बाद भी कैफीन शरीर में मौजूद रहता है और ब्रेन न्यूरॉन्स को एक्टिव रखता है। इसलिए बहुत ज्यादा कॉफी पीने से ब्रेन एक्टिविटी प्रभावित हो सकती है। इसके बावजूद इसका एक तरीका बनाएं कि कॉफी कब और कैसे पिएंगे-

क्या शाम को कॉफी पीना खतरनाक है?

डॉ. अमर सिंघल कहते हैं कि किन्हीं खास परिस्थितियों में जैसे परीक्षाओं से पहले या किसी डेडलाइन के काम को पूरा करने के लिए कभी-कभी रात के समय कॉफी पीना ठीक है, लेकिन सामान्य स्थिति में शाम 4 बजे के बाद कॉफी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि शाम को पी गई कॉफी भी रात में आपकी नींद को प्रभावित करेगी।

दूध के साथ कॉफी पीने से बचें

भारत में चाय-कॉफी दूध, चीनी के साथ मिलाकर पीने का चलन है। लेकिन ये गलत कॉम्बिनेशन है। दूध में मौजूद कैल्शियम और लैक्टोज प्रोटीन जब चाय, कॉफी के कैफीन और टैनिन से रिएक्ट करते हैं तो ये हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसी के चलते हमें पेट में जलन और गैस की समस्या होती है।

कॉफी पीने से जुड़े कॉमन सवाल और जवाब

सवाल: क्या रोज कॉफी पीना सुरक्षित है?

जवाब: हां, लेकिन सीमित मात्रा में। विशेषज्ञों के अनुसार, दिनभर में 2-3 कप (400mg तक कैफीन) लेना सुरक्षित माना जाता है। इससे अधिक लेने पर घबराहट, दिल की धड़कन तेज होना, नींद की समस्या और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

सवाल: कॉफी से वजन बढ़ता है या घटता है?

जवाब: यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कॉफी कैसे पीते हैं। ब्लैक कॉफी में कैलोरी कम होती है और यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाकर फैट बर्न करने में मदद करती है, जिससे वजन घट सकता है। लेकिन अगर आप ज्यादा शुगर, क्रीम, फ्लेवर्ड सिरप या फुल फैट दूध मिलाते हैं, तो कैलोरी बढ़ जाती है और वजन बढ़ने का खतरा रहता है।

सवाल: कॉफी पीने से नींद क्यों उड़ जाती है?

जवाब: कॉफी में मौजूद कैफीन एक प्राकृतिक स्टिमुलेंट है, जो दिमाग को सतर्क रखता है और मैलेटोनिन यानी नींद के लिए जरूरी हॉर्मोन को कम कर देता है। यही कारण है कि अगर आप सोने से 6 घंटे पहले भी कॉफी पीते हैं तो आपको देर रात तक नींद नहीं आती है।

सवाल: क्या कॉफी से हड्डियां कमजोर होती हैं?

जवाब: हां, अगर बहुत ज्यादा कॉफी पीते हैं तो ऐसा हो सकता है। कैफीन शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं) का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप कॉफी पीते हैं तो कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर डाइट जरूरी है।

सवाल: क्या प्रेग्नेंसी में कॉफी पी सकते हैं?

जवाब: हां, लेकिन सीमित मात्रा (200mg यानी 1 कप) में। प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा कैफीन लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है, क्योंकि कैफीन प्लैसेंटा यानी गर्भनाल से होकर भ्रूण तक पहुंचता है। यह गर्भस्थ शिशु के दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए डॉक्टर कम कैफीन वाली कॉफी या डिकैफ कॉफी पीने की सलाह देते हैं।

……………………. सेहत की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- चाय-कॉफी पिएं पर दूध-चीनी के बगैर:भारतीयों के कैफीन प्रेम पर ICMR की चेतावनी, बताया पीने का सही तरीका और मात्रा

ICMR के मुताबिक संतुलित मात्रा में इसका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद भी है, लेकिन हमारी दिक्कत ये है कि चाय-कॉफी के मामले में कोई संतुलन नहीं है। सुबह उठकर नींद भगाने से लेकर दिन में कभी भी बोरियत भगाने तक के लिए लोगों का सहारा चाय-कॉफी ही है। पूरी खबर पढ़िए…

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2 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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ऑफिस में लंबी मीटिंग्स और काम के लंबे घंटों के लिए ऑफिस की कॉफी फ्यूल की तरह काम करती है। अब तो हर ऑफिस में कॉफी लोगों की लाइफलाइन बन गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये कॉफी न सिर्फ आपकी नींद उड़ा रही है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ा रही है।

हाल ही में हेल्थ जर्नल ‘न्यूट्रिशन, मेटाबॉलिज्म एंड कार्डियोवस्कुलर डिजीज’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, ज्यादातर ऑफिस में कॉफी बनाने के लिए इस्तेमाल हो रही मशीन से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ रहा है। इससे कार्डियोवस्कुलर डिजीज का जोखिम भी बढ़ सकता है।

यह स्टडी स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी और चाल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने साझा रूप से की है। इसमें पता चला है कि कॉफी बनाने के तरीका ये तय करता है कि कॉफी पीने से कितना कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। आमतौर पर फिल्टर कॉफी में इसका जोखिम कम होता है।

इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज कॉफी का बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • ज्यादा कॉफी पीने के क्या नुकसान हैं?
  • क्या कॉफी पीने से हार्ट डिजीज बढ़ सकती हैं?
  • कॉफी पीने का सही तरीका और समय क्या है?

कॉफी पीने से क्यों बढ़ रहा कोलेस्ट्रॉल?

अगर कॉफी को फिल्टर नहीं किया गया है तो इसमें डिटरपीन होते हैं जिनसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। आमतौर पर ऑफिस में फिल्टर कॉफी नहीं होती है। इसलिए ऑफिस मशीन से बनी कॉफी पीने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का जोखिम ज्यादा होता है।

ज्यादा कॉफी पीने से क्या नुकसान हो सकते हैं?

डॉ. अमर सिंघल के मुताबिक, ऑफिस की कॉफी मशीन से बनी कॉफी में डिटरपीन ज्यादा मात्रा में होते हैं, जिनसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। इसलिए इससे ज्यादा नुकसान होता है। जबकि फिल्टर कॉफी उतनी नुकसानदायक नहीं होती है। किसी भी तरह की कॉफी ज्यादा पी जाए तो कई नुकसान हो सकते हैं। ग्राफिक में देखिए-

क्या कॉफी पीने से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है?

न्यूट्रिशन, मेटाबॉलिज्म एंड कार्डियोवस्कुलर डिजीज में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, डिटरपीन युक्त कॉफी का अधिक सेवन हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ा सकता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की कॉफी पीते हैं।

यदि आप दिनभर बिना फिल्टर वाली कॉफी जैसेकि- एस्प्रेसो, फ्रेंच प्रेस या मशीन-ब्रूड कॉफी पीते हैं, तो आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, जिससे हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

कॉफी पीने का सही तरीका और समय

आमतौर पर ज्यादातर लोग कॉफी सुबह के समय पीने की सलाह देते हैं। उनकी बात सही भी है, क्योंकि कॉफी पीने के 12 से 14 घंटे बाद भी कैफीन शरीर में मौजूद रहता है और ब्रेन न्यूरॉन्स को एक्टिव रखता है। इसलिए बहुत ज्यादा कॉफी पीने से ब्रेन एक्टिविटी प्रभावित हो सकती है। इसके बावजूद इसका एक तरीका बनाएं कि कॉफी कब और कैसे पिएंगे-

क्या शाम को कॉफी पीना खतरनाक है?

डॉ. अमर सिंघल कहते हैं कि किन्हीं खास परिस्थितियों में जैसे परीक्षाओं से पहले या किसी डेडलाइन के काम को पूरा करने के लिए कभी-कभी रात के समय कॉफी पीना ठीक है, लेकिन सामान्य स्थिति में शाम 4 बजे के बाद कॉफी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि शाम को पी गई कॉफी भी रात में आपकी नींद को प्रभावित करेगी।

दूध के साथ कॉफी पीने से बचें

भारत में चाय-कॉफी दूध, चीनी के साथ मिलाकर पीने का चलन है। लेकिन ये गलत कॉम्बिनेशन है। दूध में मौजूद कैल्शियम और लैक्टोज प्रोटीन जब चाय, कॉफी के कैफीन और टैनिन से रिएक्ट करते हैं तो ये हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसी के चलते हमें पेट में जलन और गैस की समस्या होती है।

कॉफी पीने से जुड़े कॉमन सवाल और जवाब

सवाल: क्या रोज कॉफी पीना सुरक्षित है?

जवाब: हां, लेकिन सीमित मात्रा में। विशेषज्ञों के अनुसार, दिनभर में 2-3 कप (400mg तक कैफीन) लेना सुरक्षित माना जाता है। इससे अधिक लेने पर घबराहट, दिल की धड़कन तेज होना, नींद की समस्या और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

सवाल: कॉफी से वजन बढ़ता है या घटता है?

जवाब: यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कॉफी कैसे पीते हैं। ब्लैक कॉफी में कैलोरी कम होती है और यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाकर फैट बर्न करने में मदद करती है, जिससे वजन घट सकता है। लेकिन अगर आप ज्यादा शुगर, क्रीम, फ्लेवर्ड सिरप या फुल फैट दूध मिलाते हैं, तो कैलोरी बढ़ जाती है और वजन बढ़ने का खतरा रहता है।

सवाल: कॉफी पीने से नींद क्यों उड़ जाती है?

जवाब: कॉफी में मौजूद कैफीन एक प्राकृतिक स्टिमुलेंट है, जो दिमाग को सतर्क रखता है और मैलेटोनिन यानी नींद के लिए जरूरी हॉर्मोन को कम कर देता है। यही कारण है कि अगर आप सोने से 6 घंटे पहले भी कॉफी पीते हैं तो आपको देर रात तक नींद नहीं आती है।

सवाल: क्या कॉफी से हड्डियां कमजोर होती हैं?

जवाब: हां, अगर बहुत ज्यादा कॉफी पीते हैं तो ऐसा हो सकता है। कैफीन शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं) का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप कॉफी पीते हैं तो कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर डाइट जरूरी है।

सवाल: क्या प्रेग्नेंसी में कॉफी पी सकते हैं?

जवाब: हां, लेकिन सीमित मात्रा (200mg यानी 1 कप) में। प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा कैफीन लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है, क्योंकि कैफीन प्लैसेंटा यानी गर्भनाल से होकर भ्रूण तक पहुंचता है। यह गर्भस्थ शिशु के दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए डॉक्टर कम कैफीन वाली कॉफी या डिकैफ कॉफी पीने की सलाह देते हैं।

……………………. सेहत की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- चाय-कॉफी पिएं पर दूध-चीनी के बगैर:भारतीयों के कैफीन प्रेम पर ICMR की चेतावनी, बताया पीने का सही तरीका और मात्रा

ICMR के मुताबिक संतुलित मात्रा में इसका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद भी है, लेकिन हमारी दिक्कत ये है कि चाय-कॉफी के मामले में कोई संतुलन नहीं है। सुबह उठकर नींद भगाने से लेकर दिन में कभी भी बोरियत भगाने तक के लिए लोगों का सहारा चाय-कॉफी ही है। पूरी खबर पढ़िए…

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