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Surya Grahan 2025 Live Streaming Date, Timings: थोड़ी देर में लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, घर बैठे ऐसे देखें अद्भुत Solar Eclipse

Surya Grahan 2025 Date, Time, Visibility in India: एक सूर्य ग्रहण, एक शानदार खगोलीय घटना है जिसे सूर्य ग्रहण के रूप में भी जाना जाता है। आज यानी 29 मार्च, 2025 को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, आंशिक रूप से या पूरी तरह से सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध करता है।

आज लगने वाला Solar Eclipse, एक आंशिक ग्रहण होगा, जिसका मतलब है कि चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को कवर करेगा। इसे double sunrise eclipse भी कहा जा रहा है, यह एक दुर्लभ घटना है जहां सूर्य दो बार उगता हुआ दिखाई देता है।

आज है साल का पहला सूर्य ग्रहण, आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा LIVE UPDATES

आज लगने वाला सूर्य ग्रहण दुनियाभर के कई हिस्सों में दिखेगा, लेकिन भारत में नजर नहीं आएगा। यह ग्रहण यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, कनाडा, ग्रीनलैंड और आइसलैंड में दिखेगा।

कैसे देखें आंशिक सूर्य ग्रहण: How to watch Partial Solar eclipse

अगर आप आज लगने वाले सूर्य ग्रहण को देखना चाहते हैं तो लेकिन आप जहां हैं, वहीं ग्रहण नहीं लग रहा है तो कोई बात नहीं। आप अपने घर से ही विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सूर्य ग्रहण को लाइव स्ट्रीम कर सकते हैं।

आज दोपहर इस समय लगेगा सूर्य ग्रहण, जानें कितने बजे से होगी शुरुआत, ऐसे देखें लाइव

अगर आप ऐसे इलाके में हैं जहां सूर्य ग्रहण को सीधे देखना संभव नहीं है जैसे कि भारत, तो टेंशन की बात नहीं है। आप घर बैठे लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए आंशिक सूर्य ग्रहण के अद्भुत नजारे को देख पाएंगे।

timeanddate.com अपने यूट्यूब चैनल पर सूर्य ग्रहण 2024 को लाइव स्ट्रीम करेगा।

भारतीय समयानुसार, आंशिक सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2:20:43 बजे शुरू होगा, शाम 4:17:27 बजे अपने अधिकतम ग्रहण तक पहुंचेगा और शाम 6:13:45 बजे समाप्त होगा। ग्रहण का पूरा कार्यक्रम करीब चार घंटे तक चलेगा।

बता दें कि कुछ जगहों पर यह सूर्य ग्रहण, सूर्योदय के साथ ही शुरु होगा, इसलिए यह दो सूर्योदय का भ्रम पैदा करेगा। जैसे ही सूर्य उगना शुरू होगा, ग्रहण पहले से ही शुरू हो जाएगा। ग्रहण समाप्त होने तक, सूर्य फिर से उगता हुआ प्रतीत होगा, जिससे यह दोहरी सूर्योदय (Double Sunrise) की घटना बन जाएगी।

Timeanddate.com की एक रिपोर्ट के अनुसार, आंशिक सूर्य ग्रहण 814 मिलियन से अधिक लोगों को दिखाई देगा, जो वैश्विक आबादी का 9.94 प्रतिशत है। हालांकि, लगभग 44,800 व्यक्तियों को ही चरम पर ग्रहण (eclipse at its peak) देखने का अवसर मिलेगा।

Surya Grahan Safety Tips: सीधे नंगी आंखों से सूर्य को ना देखें

यदि आप उन लोगों में से हैं जिन्हें ग्रहण देखने का मौका मिल रहा है, तो याद रखें कि ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य की ओर न देखें, क्योंकि यह आपकी दृष्टि यानी विजन को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।

हमेशा सुरक्षात्मक गियर का उपयोग करें, जैसे कि सूर्य ग्रहण चश्मा या हाथ में पकड़ने वाला सौर दर्शक जिसमें हानिकारक किरणों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई एक पतली फिल्म होती है।

आपको बता दें कि सूर्य और चंद्र ग्रहण एक-दूसरे का बारीकी से अनुसरण करते हैं, आमतौर पर एक-दूसरे के दो सप्ताह के भीतर घटित होते हैं। इस बार, सूर्य ग्रहण 13-14 मार्च को हुए चंद्र ग्रहण के बाद लग रहा है। इसका रिवर्स सिनेरियो भी संभव है, जहां चंद्र ग्रहण के बाद सूर्य ग्रहण होता है।

Surya Grahan 2025 Live Streaming Date, Timings: थोड़ी देर में लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, घर बैठे ऐसे देखें अद्भुत Solar Eclipse

Surya Grahan (Solar Eclipse) march 2025 Live Streaming Date and Time Online in India: आज लगने वाले आंशिक सूर्य ग्रहण को आप घर बैठे लाइव देख सकेंगे।

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Surya Grahan 2025 Date, Time, Visibility in India: एक सूर्य ग्रहण, एक शानदार खगोलीय घटना है जिसे सूर्य ग्रहण के रूप में भी जाना जाता है। आज यानी 29 मार्च, 2025 को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, आंशिक रूप से या पूरी तरह से सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध करता है।

आज लगने वाला Solar Eclipse, एक आंशिक ग्रहण होगा, जिसका मतलब है कि चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को कवर करेगा। इसे double sunrise eclipse भी कहा जा रहा है, यह एक दुर्लभ घटना है जहां सूर्य दो बार उगता हुआ दिखाई देता है।

आज है साल का पहला सूर्य ग्रहण, आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा LIVE UPDATES

आज लगने वाला सूर्य ग्रहण दुनियाभर के कई हिस्सों में दिखेगा, लेकिन भारत में नजर नहीं आएगा। यह ग्रहण यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, कनाडा, ग्रीनलैंड और आइसलैंड में दिखेगा।

कैसे देखें आंशिक सूर्य ग्रहण: How to watch Partial Solar eclipse

अगर आप आज लगने वाले सूर्य ग्रहण को देखना चाहते हैं तो लेकिन आप जहां हैं, वहीं ग्रहण नहीं लग रहा है तो कोई बात नहीं। आप अपने घर से ही विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सूर्य ग्रहण को लाइव स्ट्रीम कर सकते हैं।

आज दोपहर इस समय लगेगा सूर्य ग्रहण, जानें कितने बजे से होगी शुरुआत, ऐसे देखें लाइव

अगर आप ऐसे इलाके में हैं जहां सूर्य ग्रहण को सीधे देखना संभव नहीं है जैसे कि भारत, तो टेंशन की बात नहीं है। आप घर बैठे लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए आंशिक सूर्य ग्रहण के अद्भुत नजारे को देख पाएंगे।

timeanddate.com अपने यूट्यूब चैनल पर सूर्य ग्रहण 2024 को लाइव स्ट्रीम करेगा।

भारतीय समयानुसार, आंशिक सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2:20:43 बजे शुरू होगा, शाम 4:17:27 बजे अपने अधिकतम ग्रहण तक पहुंचेगा और शाम 6:13:45 बजे समाप्त होगा। ग्रहण का पूरा कार्यक्रम करीब चार घंटे तक चलेगा।

बता दें कि कुछ जगहों पर यह सूर्य ग्रहण, सूर्योदय के साथ ही शुरु होगा, इसलिए यह दो सूर्योदय का भ्रम पैदा करेगा। जैसे ही सूर्य उगना शुरू होगा, ग्रहण पहले से ही शुरू हो जाएगा। ग्रहण समाप्त होने तक, सूर्य फिर से उगता हुआ प्रतीत होगा, जिससे यह दोहरी सूर्योदय (Double Sunrise) की घटना बन जाएगी।

Timeanddate.com की एक रिपोर्ट के अनुसार, आंशिक सूर्य ग्रहण 814 मिलियन से अधिक लोगों को दिखाई देगा, जो वैश्विक आबादी का 9.94 प्रतिशत है। हालांकि, लगभग 44,800 व्यक्तियों को ही चरम पर ग्रहण (eclipse at its peak) देखने का अवसर मिलेगा।

Surya Grahan Safety Tips: सीधे नंगी आंखों से सूर्य को ना देखें

यदि आप उन लोगों में से हैं जिन्हें ग्रहण देखने का मौका मिल रहा है, तो याद रखें कि ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य की ओर न देखें, क्योंकि यह आपकी दृष्टि यानी विजन को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।

हमेशा सुरक्षात्मक गियर का उपयोग करें, जैसे कि सूर्य ग्रहण चश्मा या हाथ में पकड़ने वाला सौर दर्शक जिसमें हानिकारक किरणों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई एक पतली फिल्म होती है।

आपको बता दें कि सूर्य और चंद्र ग्रहण एक-दूसरे का बारीकी से अनुसरण करते हैं, आमतौर पर एक-दूसरे के दो सप्ताह के भीतर घटित होते हैं। इस बार, सूर्य ग्रहण 13-14 मार्च को हुए चंद्र ग्रहण के बाद लग रहा है। इसका रिवर्स सिनेरियो भी संभव है, जहां चंद्र ग्रहण के बाद सूर्य ग्रहण होता है।

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पहले प्रकाशित: 29-03-2025 10:56 पर है

। भारत में 2025 की तारीख (टी) सूर्य ग्राहन 2025 भारत (टी) सूर्य ग्राहन 2025 तारीख

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क्या वाकई ग्रहण और भूकंप के बीच है कोई कनेक्शन? सूर्य ग्रहण से पहले फिर कांपी धरती, मच गई तबाही

साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण कल यानी 29 मार्च को लग रहा है। लेकिन साल के पहले सूर्य ग्रहण (First Solar Eclipse 2025) से पहले धरती हिल गई है। जी हां, म्यांमार और थाइलैंड से लेकर भारत और बांग्लादेश तक भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। म्यांमार और थाइलैंड के बड़े शहरों में भयानक तबाही हुई है और हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। इससे पहले भी सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के आसपास धरती पर भूकंप के झटके महसूस होते रहे हैं। लेकिन क्या वाकई ग्रहण और भूकंप का कोई कनेक्शन होता है? क्या भूकंपीय और खगोलीय घटना में कोई संबंध है?

कई बार ऐसा संयोग बना है कि ग्रहण के 40 दिन पहले या बाद में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। पिछले साल 8 अप्रैल 2024 को लगे पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) से पहले भी अमेरिका के ईस्ट कोस्ट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब भी ये सवाल उठे थे कि क्या चंद्रमा की स्थिति का भूकंपीय घटना से कोई संबंध होता है?

Live: कल है साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें कहां-कहां दिखेगा, क्या भारत में होगा क्या असर?

पुराने समय में और भारतीय ज्योतिष शास्त्र में भी ऐसा माना जाता है कि तारे और ग्रह अपनी जगह पर स्थिर रहते हैं और इनकी स्थिति में होने वाले किसी भी बदलाव से पृथ्वी पर असर पड़ता है। चंद्र और सूर्य ग्रहण को कई बार प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप और सुनामी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। सोशल मीडिया पर आपको कई ऐसे पोस्ट मिल जाएंगे, जिनमें सूर्य, चंद्रमा और दूसरे ग्रह की पोजिशन के आधार पर भूंकपीय घटना और ज्वालामुखी फटने तक को लेकर अनुमान लगाए जाते रहे हैं।

भूकंप से थर्राया म्यांमार, झटकों से कांपा बैंकॉक, गिरीं इमारतें, सड़कों पर मची अफरा-तफरी, तस्वीरें देख दहल जाएगा दिल

कब आता है भूकंप

कई सदियों तक वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के टेक्टोनिक एक्टिविटी पर चंद्रमा के प्रभाव के बारे में अनुमान लगाए। ब्रिटिश जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप तब आते हैं जब किसी फॉल्ट पर तनाव फॉल्ट टूटने की महत्वपूर्ण सीमा से अधिक हो जाता है। सिद्धांत रूप में, यह संभव है कि गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के परिणामस्वरूप होने वाला अपलिफ्ट उन सामान्य स्ट्रेस को कम कर सकता है जो फॉल्ट को एक साथ रखते हैं।

2016 में पब्लिश एक रिसर्च में भूकंप और ज्वार पर चंद्रमा के प्रभाव के बीच संभावित संबंध का पता चलता है। चिली, कैलिफ़ोर्निया और जापान में बड़े भूकंपों की फ्रीक्वेंसी का अध्ययन करते हुए, लेखकों ने देखा है कि अमावस्या या पूर्णिमा के दौरान 5 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप आने की अधिक संभावना होती है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं। और अब 29 मार्च 2025 को आए भूकंप से ठीक एक दिन पहले म्यांमार और थाइलैंड में आए भूकंप ने इस संभावना को और मजबूत कर दिया है।

प्रभाव, जैसा कि शोधकर्ता भी स्वीकार करते हैं, बेहद कमजोर है और केवल शैलौ फॉल्ट पर ही अधिक प्रभावी होता है। उनकी गणना के आधार पर, बढ़े हुए टाइड स्ट्रेड के समय होने वाले 10,000 भूकंपों में से केवल एक को चंद्रमा की स्थिति से जोड़ा जा सकता है।

थाइलैंड-म्यांमार में आए भूकंप का सूर्य ग्रहण से कनेक्शन- Grok ने दिया क्या जवाब

Aaj, 28 March 2025 ko Myanmar aur Bangkok mein aaye भूकंप का 29 March 2025 ko hone wale surya grahan (solar eclipse) से कोई सीधा वैज्ञानिक संबंध नहीं है। ये दोनों घटनाएँ अलग-अलग प्राकृतिक प्रक्रियाओं का परिणाम हैं। चलिए इसे समझते हैं।

भूकंप आज सुबह Myanmar के Sagaing क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का था, जिसके झटके Bangkok तक महसूस हुए। यह Sagaing Fault के कारण हुआ, जो एक टेक्टोनिक प्लेट सीमा है, जहाँ Burma और Sunda प्लेट्स एक-दूसरे के खिलाफ खिसकती हैं। यह एक भूगर्भीय घटना है, जो पृथ्वी की सतह के नीचे तनाव के रिलीज होने से होती है। USGS के अनुसार, इसका केंद्र Mandalay से 17.2 किमी दूर था और गहराई सिर्फ 10 किमी थी, जिससे इसका प्रभाव व्यापक हुआ।
दूसरी ओर, कल 29 March 2025 को होने वाला surya grahan एक खगोलीय घटना है। यह तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है, जिससे सूर्य का प्रकाश आंशिक या पूर्ण रूप से ढक जाता है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो उत्तरी अमेरिका, यूरोप, और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। यह Saros series 149 का हिस्सा है और इसका पृथ्वी की टेक्टोनिक गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है।

कुछ लोग मानते हैं कि ग्रहण के दौरान ग्रहों की स्थिति से gravitational pull में बदलाव भूकंप को ट्रिगर कर सकता है। सच यह है कि सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा का gravitational प्रभाव थोड़ा बढ़ता है, लेकिन यह बदलाव इतना मामूली होता है (लगभग 0.0000005% पृथ्वी के कुल गुरुत्वाकर्षण का) कि यह टेक्टोनिक प्लेट्स पर कोई खास असर नहीं डालता। वैज्ञानिक अध्ययनों, जैसे 2016 के Geophysical Research Letters में प्रकाशित एक रिसर्च में, ग्रहण और भूकंप के बीच कोई सांख्यिकीय संबंध नहीं पाया गया।

हालांकि, आज का भूकंप और कल का ग्रहण समय के करीब होने से संयोगवश चर्चा हो सकती है। सोशल मीडिया पर भी लोग इसे जोड़ रहे होंगे, लेकिन यह महज एक संयोग है। Myanmar में भूकंप आम हैं—यहाँ Sagaing Fault के कारण पहले भी 1931, 1946, और 2012 में बड़े भूकंप आ चुके हैं। दूसरी ओर, ग्रहण हर साल कहीं न कहीं होता ही है।

निष्कर्ष: इन दोनों का कोई कारणात्मक संबंध नहीं है। भूकंप आज की टेक्टोनिक गतिविधि का नतीजा है, और ग्रहण कल की खगोलीय स्थिति का। प्रकृति में संयोग होते रहते हैं, लेकिन विज्ञान इनके बीच कोई लिंक नहीं देखता।

तो Grok के मुताबिक, थाइलैंड, म्यांमार, चीन और बांग्लादेश में आए भूकंप के पीछे ग्रहण वजह नहीं है। संयोगवश जरूर ऐसा हो सकता है।

क्या वाकई ग्रहण और भूकंप के बीच है कोई कनेक्शन? सूर्य ग्रहण से पहले फिर कांपी धरती, मच गई तबाही

Earthquake and solar eclipse connection: क्या वाकई ग्रहण से पहले और बाद में आता है भूकंप? जानें क्या है इन दोनों घटनाओं में कनेक्शन…

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क्या ग्रहण से पहले आता है भूकंप? जानें क्या है सच्चाई…

साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण कल यानी 29 मार्च को लग रहा है। लेकिन साल के पहले सूर्य ग्रहण (First Solar Eclipse 2025) से पहले धरती हिल गई है। जी हां, म्यांमार और थाइलैंड से लेकर भारत और बांग्लादेश तक भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। म्यांमार और थाइलैंड के बड़े शहरों में भयानक तबाही हुई है और हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। इससे पहले भी सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के आसपास धरती पर भूकंप के झटके महसूस होते रहे हैं। लेकिन क्या वाकई ग्रहण और भूकंप का कोई कनेक्शन होता है? क्या भूकंपीय और खगोलीय घटना में कोई संबंध है?

कई बार ऐसा संयोग बना है कि ग्रहण के 40 दिन पहले या बाद में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। पिछले साल 8 अप्रैल 2024 को लगे पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) से पहले भी अमेरिका के ईस्ट कोस्ट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब भी ये सवाल उठे थे कि क्या चंद्रमा की स्थिति का भूकंपीय घटना से कोई संबंध होता है?

Live: कल है साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें कहां-कहां दिखेगा, क्या भारत में होगा क्या असर?

पुराने समय में और भारतीय ज्योतिष शास्त्र में भी ऐसा माना जाता है कि तारे और ग्रह अपनी जगह पर स्थिर रहते हैं और इनकी स्थिति में होने वाले किसी भी बदलाव से पृथ्वी पर असर पड़ता है। चंद्र और सूर्य ग्रहण को कई बार प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप और सुनामी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। सोशल मीडिया पर आपको कई ऐसे पोस्ट मिल जाएंगे, जिनमें सूर्य, चंद्रमा और दूसरे ग्रह की पोजिशन के आधार पर भूंकपीय घटना और ज्वालामुखी फटने तक को लेकर अनुमान लगाए जाते रहे हैं।

भूकंप से थर्राया म्यांमार, झटकों से कांपा बैंकॉक, गिरीं इमारतें, सड़कों पर मची अफरा-तफरी, तस्वीरें देख दहल जाएगा दिल

कब आता है भूकंप

कई सदियों तक वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के टेक्टोनिक एक्टिविटी पर चंद्रमा के प्रभाव के बारे में अनुमान लगाए। ब्रिटिश जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप तब आते हैं जब किसी फॉल्ट पर तनाव फॉल्ट टूटने की महत्वपूर्ण सीमा से अधिक हो जाता है। सिद्धांत रूप में, यह संभव है कि गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के परिणामस्वरूप होने वाला अपलिफ्ट उन सामान्य स्ट्रेस को कम कर सकता है जो फॉल्ट को एक साथ रखते हैं।

2016 में पब्लिश एक रिसर्च में भूकंप और ज्वार पर चंद्रमा के प्रभाव के बीच संभावित संबंध का पता चलता है। चिली, कैलिफ़ोर्निया और जापान में बड़े भूकंपों की फ्रीक्वेंसी का अध्ययन करते हुए, लेखकों ने देखा है कि अमावस्या या पूर्णिमा के दौरान 5 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप आने की अधिक संभावना होती है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं। और अब 29 मार्च 2025 को आए भूकंप से ठीक एक दिन पहले म्यांमार और थाइलैंड में आए भूकंप ने इस संभावना को और मजबूत कर दिया है।

प्रभाव, जैसा कि शोधकर्ता भी स्वीकार करते हैं, बेहद कमजोर है और केवल शैलौ फॉल्ट पर ही अधिक प्रभावी होता है। उनकी गणना के आधार पर, बढ़े हुए टाइड स्ट्रेड के समय होने वाले 10,000 भूकंपों में से केवल एक को चंद्रमा की स्थिति से जोड़ा जा सकता है।

थाइलैंड-म्यांमार में आए भूकंप का सूर्य ग्रहण से कनेक्शन- Grok ने दिया क्या जवाब

Aaj, 28 March 2025 ko Myanmar aur Bangkok mein aaye भूकंप का 29 March 2025 ko hone wale surya grahan (solar eclipse) से कोई सीधा वैज्ञानिक संबंध नहीं है। ये दोनों घटनाएँ अलग-अलग प्राकृतिक प्रक्रियाओं का परिणाम हैं। चलिए इसे समझते हैं।

भूकंप आज सुबह Myanmar के Sagaing क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का था, जिसके झटके Bangkok तक महसूस हुए। यह Sagaing Fault के कारण हुआ, जो एक टेक्टोनिक प्लेट सीमा है, जहाँ Burma और Sunda प्लेट्स एक-दूसरे के खिलाफ खिसकती हैं। यह एक भूगर्भीय घटना है, जो पृथ्वी की सतह के नीचे तनाव के रिलीज होने से होती है। USGS के अनुसार, इसका केंद्र Mandalay से 17.2 किमी दूर था और गहराई सिर्फ 10 किमी थी, जिससे इसका प्रभाव व्यापक हुआ।
दूसरी ओर, कल 29 March 2025 को होने वाला surya grahan एक खगोलीय घटना है। यह तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है, जिससे सूर्य का प्रकाश आंशिक या पूर्ण रूप से ढक जाता है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो उत्तरी अमेरिका, यूरोप, और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। यह Saros series 149 का हिस्सा है और इसका पृथ्वी की टेक्टोनिक गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है।

कुछ लोग मानते हैं कि ग्रहण के दौरान ग्रहों की स्थिति से gravitational pull में बदलाव भूकंप को ट्रिगर कर सकता है। सच यह है कि सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा का gravitational प्रभाव थोड़ा बढ़ता है, लेकिन यह बदलाव इतना मामूली होता है (लगभग 0.0000005% पृथ्वी के कुल गुरुत्वाकर्षण का) कि यह टेक्टोनिक प्लेट्स पर कोई खास असर नहीं डालता। वैज्ञानिक अध्ययनों, जैसे 2016 के Geophysical Research Letters में प्रकाशित एक रिसर्च में, ग्रहण और भूकंप के बीच कोई सांख्यिकीय संबंध नहीं पाया गया।

हालांकि, आज का भूकंप और कल का ग्रहण समय के करीब होने से संयोगवश चर्चा हो सकती है। सोशल मीडिया पर भी लोग इसे जोड़ रहे होंगे, लेकिन यह महज एक संयोग है। Myanmar में भूकंप आम हैं—यहाँ Sagaing Fault के कारण पहले भी 1931, 1946, और 2012 में बड़े भूकंप आ चुके हैं। दूसरी ओर, ग्रहण हर साल कहीं न कहीं होता ही है।

निष्कर्ष: इन दोनों का कोई कारणात्मक संबंध नहीं है। भूकंप आज की टेक्टोनिक गतिविधि का नतीजा है, और ग्रहण कल की खगोलीय स्थिति का। प्रकृति में संयोग होते रहते हैं, लेकिन विज्ञान इनके बीच कोई लिंक नहीं देखता।

तो Grok के मुताबिक, थाइलैंड, म्यांमार, चीन और बांग्लादेश में आए भूकंप के पीछे ग्रहण वजह नहीं है। संयोगवश जरूर ऐसा हो सकता है।

विषयभूकंप

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पहले प्रकाशित: 28-03-2025 16:51 पर है

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