أرشيف الوسم: Tumko Meri Kasam 2025 Movie

Tumko Meri Kasam Review: जज्बातों से भरी फिल्म की कहानी छू लेगी दिल, Anupam Kher की परफॉर्मेंस ने फूंकी जान

 स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई डेस्क। सृष्टि की जननी नारी होती है। अगर वह मां बनने में असमर्थ हो तो सारा दोष उस पर मढ़ दिया जाता है। वहीं पुरुष को इसका जिम्‍मेदार नहीं ठहराया जाता और उसकी शारीरिक कमी पर बात नहीं की जाती। ऐसे में डा. अजय मुर्डिया उन दंपतियों के लिए आशा की किरण बने जो माता-पिता बनने के लिए संघर्षरत रहे हैं। उन्होंने 1988 में इंदिरा आइवीएफ की स्थापना की, जिसके जरिए हजारों निसंतान दंपतियों के घरों में किलकारियां गूंजी।

इन्‍हीं डा मुर्डिया की जिंदगी पर आधारित है फिल्‍म तुमको मेरी कसम (Tumko Meri Kasam)। यह फिल्‍म आईवीएफ सेंटर स्‍थापित करने के उनके सफर के साथ उसमें उनकी पत्‍नी इंदिरा के योगदान को भी रेखांकित करती है। वास्‍तव में यह साधारण इंसान के असाधारण बनने की कहानी है।

कैसी है तुमको मेरी कसम की कहानी?

कहानी कोर्ट रूम ड्रामा के इर्द गिर्द बुनी गई है जिसकी शुरुआत इंदिरा आईवीएफ के मालिक डा अजय मुर्डिया (अनुपम खेर) को जमानत मिलने के साथ होती है। वह इंदिरा आईवीएफ को बचाने की जंग लड़ते हैं। दरअसल, राजीव खोसला (मेहेरजान बी मजदा) ने डा अजय पर उसे जान से मारने का आरोप लगाया होता है। अजय के मामले की पैरवी जहां मीनाक्षी (एशा देओल) कर रही होती हैं वहीं राजीव का वकील रामनाथ त्रिपाठी (सुशांत सिंह) है। राजीव चेयरमैन की कुर्सी से अजय को हटाकर खुद उस पर विराजमान होना चाहता है। अदालती कार्यवाही के दौरान अजय की जिंदगी की परतें खुलना शुरू होती हैं।

कहानी युवा अजय (इश्‍वाक सिंह) की जिंदगी में जाती है। वह अपनी शिक्षिका पत्‍नी इंदिरा (अदा शर्मा) के साथ खुश है। एक दिन अजय का दोस्‍त अपनी पत्‍नी को इसलिए तलाक दे रहा होता है क्‍योंकि वह मां नहीं बन रही होती। अजय अपने दोस्‍त को समझाता है लेकिन वो मानता नहीं। इस घटना और निजी जिंदगी की कुछ कठिनाईयों के बाद अजय निसंतान दंपतियों के लिए काम करने का फैसला करता है। अतीत से वर्तमान में आती कहानी के दौरान पता चलता है कि राजीव का पालन पोषण अजय ने ही किया है, जो उनके कर्मचारी का बेटा होता है। अजय खुद को किस प्रकार बेगुनाह साबित करते हैं कहानी इस संबंध में है।
यह भी पढ़ें- My Melbourne Review: चार अनूठी कहानियों में दिखी पहचान और संघर्ष की झलक, थिएटर जाने से पहले पढ़ें रिव्यू

कैसा है विक्रम भट्ट का निर्देशन?

गुलाम, राज, कसूर, 1920 जैसी हिट फिल्‍में दे चुके विक्रम भट्ट ने पहली बार बायोपिक फिल्‍म निर्देशित की है। उन्‍होंने कोर्ट रूम ड्रामा के जरिए अजय की जिंदगी की परतें खोली हैं जिसमें उनकी बेगुनाही साबित करने को लेकर रचा ड्रामा कौतूहल को बनाए रखता है। फिल्‍म को मनोरंजक बनाने के लिए उन्‍होंने सिनेमाई लिबर्टी भी ली है। अजय के उतार-चढ़ाव भरे इस सफर में इंदिरा को कैंसर होना और उन्‍हें बचा न पाने की बेबसी का दृश्‍य झकझोर देता है।
Tumko Meri KasamPhoto Credit – Instagram

कहां चूकी फिल्म?

फिल्‍म में कोई भी अंतरंग दृश्‍य या गाली गलौज नहीं है। फिल्‍म की दिक्‍कत है इसकी लंबी अवधि। कुलदीप मेहन अपनी चुस्‍त एडीटिंग से उसे कम करके इसे ज्‍यादा दिलचस्‍प बना सकते थे। एशा के पात्र में भी कसाव की जरूरत थी। वकील के तौर पर उन्‍हें ज्‍यादा चतुर दिखाने की आवश्‍यकता थी।

उम्दा है अनुपम खेर की परफॉर्मेंस

कलाकारों की बात करें तो प्रौढ़ अजय बनें अनुपम खेर यहां पर भी प्रभाव छोड़ते हैं। वह इंदिरा आईवीएफ से लगाव और उसे बचाने की मुहिम में हर भाव को शिद्दत से जीते हैं। वहीं युवा अजय की भूमिका में इश्‍वाक सिंह के पात्र में कई शेड्स हैं। वह अजय के द्वंद्व, संघर्ष और जुनून को पूरी आत्‍मीयता से परदे पर साकार करते हैं। इंदिरा की भूमिका में अदा शर्मा का काम सराहनीय है। वकील की भूमिका में एशा देओल और सुशांत सिंह की जिरह को थोड़ा और रोचक बनाने की जरूरत थी।
Tumko Meri Kasam FilmPhoto Credit – YouTubeपंचायत के बनराकस यानी दुर्गेश कुमार यहां पर अपनी संक्षिप्‍त भूमिका में प्रभाव छोड़ जाते हैं। संगीतकार प्रतीक वालिया का संगीत कहानी के भावों के अनुरूप है। उदयपुर से मुंबई आती जाती कहानी को सिनेमेटोग्राफर नरेन ए गेडिया ने खूबसूरती से कैमरे में कैद किया है।
यह भी पढ़ें- Be Happy Review: पिता-पुत्री के खूबसूरत रिश्ते पर आधारित है फिल्म, रेमो से कई मामलों में हो गई चूक

Source link

Tumko Meri Kasam Movie Review: फिल्म की जान हैं अनुपम खेर, कहानी भी है रोचक

Last Updated:

Tumko Meri Kasam Movie Review: अनुपम खेर, ईशा देओल, अदा शर्मा और इश्वाक सिंह स्टारर ‘तुमको मेरी कसम’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. यह एक प्रेरणादायक फिल्म है जो जुनून, संघर्ष और आत्मविश्वास से भरी हुई है….और पढ़ें

Tumko Meri Kasam Movie Review: फिल्म की जान हैं अनुपम खेर, कहानी भी है रोचक

14 साल बाद बड़े पर्दे पर दिखीं ईशा देओल.

तुमको मेरी कसम 3

21 मार्च 2025|हिंदी166 मिनट|इमोशनल ड्रामा

Starring: अनुपम खेर, ईशा देओल, अदा शर्मा, इश्वाक सिंह और अन्यDirector: विक्रम भट्टMusic: प्रतीक वालिया

Watch Trailer

हॉरर फिल्में बनाने के लिए मशहूर विक्रम भट्ट ने इस बार ऐसी फिल्म बनाई है जिसकी रिलीज के बाद से ही तारीफ हो रही है. विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित फिल्म ‘तुमको मेरी कसम’ आज यानी 21 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. ‘तुमको मेरी कसम’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि हिम्मत, संघर्ष और सफलता की मिसाल है. यह फिल्म डॉ. अजय मुर्डिया (अनुपम खेर) की जिंदगी पर आधारित है, जिन्होंने इंदिरा IVF की स्थापना कर हजारों निःसंतान दंपतियों को संतान सुख दिलाया.

एक छोटे से क्लिनिक से भारत की सबसे बड़ी IVF चेन बनाने का उनका सफर मेहनत और जिद का जीता-जागता उदाहरण है. यह फिल्म उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किलों के आगे हार नहीं मानते. फिल्म का सबसे रोमांचक हिस्सा इसका कोर्टरूम ड्रामा है, जहां 62 वर्षीय डॉ. अजय मुर्डिया को अपने ही बनाए इंदिरा IVF को बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ती है. उनके पूर्व सहयोगी राजीव खोसला, जो अब लालच और सत्ता के नशे में चूर हैं, उनके खिलाफ खड़े हो जाते हैं. फिल्म धोखा, नैतिकता और न्याय की लड़ाई को जबरदस्त तरीके से दिखाती है.

विक्रम भट्ट, जो अपनी हॉरर और थ्रिलर फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, इस बार एक भावनात्मक और सशक्त बायोपिक लाए हैं. ‘गुलाम’, ‘राज’, ‘कसूर’, ‘1920’ जैसी हिट फिल्मों के बाद, उन्होंने इस प्रेरणादायक कहानी को संवेदनशीलता के साथ पेश किया है. फिल्म संघर्ष, न्याय और पारिवारिक मूल्यों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती है.

अनुपम खेर ने डॉ. अजय मुर्डिया के किरदार में कमाल किया है. ईश्वक सिंह और अदा शर्मा के साथ उनकी स्क्रीन प्रेजेंस भी प्रभावी है. ईशा देओल ने 14 साल बाद बड़े पर्दे पर जोरदार वापसी की है. निडर वकील के रूप में उनकी और अनुपम खेर की कोर्टरूम जुगलबंदी देखने लायक है. फिल्म का संगीत भी दिल को छूने वाला है. प्रतीक वालिया द्वारा रचित संगीत फिल्म की भावनात्मक गहराई को और बढ़ा देता है. विक्रम भट्ट की फिल्मों में संगीत हमेशा महत्वपूर्ण होता है और इस बार भी इमोशनल कनेक्ट बनाए रखने में सफल होता है.

अब बात करें कमियों की तो यह काफी लंबी फिल्म है. अगर मेकर्स इसे थोड़ा छोटा कर देते तो शायद इसका असर फिल्म की गति पर नहीं पड़ता. फिल्म लंबी होने की वजह से इसका फर्स्ट हाफ काफी स्लो है, जिससे बोर हो सकते हैं. अगर मेकर्स इसे छोटा कर देते तो शायद फिल्म की रफ्तार ठीक होती. संक्षेप में, यह असल जीवन की संघर्ष और सफलता की अनोखी कहानी है जिसे पूरे परिवार के साथ देखा जा सकता है. मेरी ओर से फिल्म को 3 स्टार.

homeentertainment

Tumko Meri Kasam Movie Review: फिल्म की जान हैं अनुपम खेर, कहानी भी है रोचक

Source link