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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ़ के एलान के बाद से एशियाई देशों पर ख़ासा असर पड़ा है. ट्रंप ने चीन पर 34 फ़ीसदी, वियतनाम पर 46 फ़ीसदी और कंबोडिया पर 49 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाया है.
लेकिन इन देशों की तुलना में भारत की स्थिति काफ़ी बेहतर है.
एशिया डिकोडेड की प्रियंका किशोर के मुताबिक़, भारत के लिए 26 फ़ीसदी टैरिफ़ काफ़ी ज़्यादा है और इससे भारत के कामगार बुरी तरह से प्रभावित होंगे.
प्रियंका किशोर का कहना है कि इससे भारत के घरेलू बाज़ार की मांग घट सकती है और भारत की आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ेगा, ख़ासकर जब अर्थव्यवस्था पहले से ही धीमी हो रही है.
हालांकि, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को थोड़ा फ़ायदा हो सकता है, क्योंकि वियतनाम जैसे देशों पर ज़्यादा टैरिफ़ लगाने से व्यापार मार्ग बदल सकता है.
फिर भी, ट्रंप के इस फ़ैसले से भारत की अर्थव्यवस्था को नुक़सान होने की संभावना बनी रहेगी.
कनाडा, मेक्सिको और यूरोपीय संघ के मुकाबले भारत ने ट्रंप के साथ नरमी बरती है और अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है.
अब देखना होगा कि इस नए टैरिफ़ के बाद भारत कोई जवाबी कदम उठाता है या नहीं.
हालांकि, भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक निर्यात – फार्मा उद्योग (लगभग 13 अरब डॉलर) राहत की सांस ले सकता है, क्योंकि ट्रंप के लगाए गए टैरिफ़ में दवाओं पर छूट दी गई है.